तनाव कम करने के लिए असरदार टिप्स | office के तनाव को कैसे कम करें

तनाव से घबराएं नहीं, उसे समझें और अपनाएं कुछ छोटे लेकिन असरदार उपाय।

आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में, एक ही जगह पर लगातार 8 से 9 घंटे बैठकर काम करना एक आम बात बन गई है—खासतौर पर ऑफिस या वर्क फ्रॉम होम करने वालों के लिए। लेकिन यह आदत शारीरिक थकान के साथ-साथ मानसिक तनाव को भी जन्म देती है। हर दिन इसी रूटीन में डूब जाना, मन को बेचैन और थका हुआ बना देता है। ऐसे में तनाव महसूस होना स्वाभाविक है। मगर इसका मतलब ये नहीं कि हम इस तनाव को बस झेलते रहें। जरूरी है कि हम इसे पहचानें और इससे राहत पाने के लिए ठोस कदम उठाएं।


तनाव को स्वीकारना है पहला कदम

किसी भी समस्या को सुलझाने की दिशा में पहला और सबसे ज़रूरी कदम है उसे स्वीकार करना। जब तक आप खुद यह नहीं मानेंगे कि आप तनाव में हैं, तब तक उससे बाहर निकलने का रास्ता ढूंढना भी मुश्किल होगा। मानसिक शांति की शुरुआत इसी स्वीकृति से होती है। इसलिए अगर आप अपने भीतर बेचैनी या थकावट महसूस कर रहे हैं, तो उसे नजरअंदाज न करें। मान लें कि आप तनावग्रस्त हैं, और तभी आप उसके समाधान की दिशा में आगे बढ़ पाएंगे।

हर थोड़ी देर में छोटा ब्रेक लें

लगातार काम करना न सिर्फ शरीर को थका देता है, बल्कि दिमाग को भी सुस्त और भारी बना देता है। काम की उत्पादकता तभी बनी रह सकती है जब हम समय-समय पर खुद को थोड़ी राहत दें। हर एक या दो घंटे में कुछ मिनट का ब्रेक लेना, चाहे वो चाय की चुस्की हो, खिड़की से बाहर देखने का एक शांत पल, या किसी अपने से दो शब्दों की बातचीत—ये छोटे-छोटे पल हमें ताज़गी देते हैं। ऐसे ब्रेक दिमाग को फिर से तरोताजा करते हैं और हमारी ऊर्जा को बनाए रखते हैं।

गहरी सांसों का अभ्यास करें

सांसों के व्यायाम से मानसिक स्थिति पर गहरा असर पड़ता है। दिन में दो से तीन बार, बस पाँच से दस मिनट का समय निकालें और एक शांत स्थान पर बैठकर गहरी सांसें लें। चार सेकंड तक धीरे-धीरे सांस अंदर लें, चार सेकंड तक उसे रोककर रखें और फिर चार सेकंड में ही बाहर छोड़ें। यह प्रक्रिया आपके मन को शांत करती है, तनाव को कम करती है और आपके विचारों को स्पष्टता देती है।

सकारात्मक सामाजिक संपर्क बनाए रखें

जब तनाव हावी हो जाए, तो उसे अपने भीतर दबाए रखने से बेहतर है कि किसी भरोसेमंद व्यक्ति से साझा किया जाए। दोस्त, परिवार या साथी कर्मचारी—जो भी आपके करीब हैं, उनसे अपने अनुभवों को बांटना मानसिक बोझ को हल्का करता है। कई बार सिर्फ अपनी बात कह देना ही तनाव के समाधान की शुरुआत हो सकती है। खुलकर बात करने से न केवल मन हल्का होता है, बल्कि कई बार नए दृष्टिकोण और समाधान भी सामने आते हैं।

शारीरिक गतिविधियों को दिनचर्या में शामिल करें

हर दिन एक जैसी दिनचर्या—घर से ऑफिस और ऑफिस से घर—एक बंधन जैसा महसूस करा सकती है। इस बोरियत और थकावट से बाहर निकलने के लिए जरूरी है कि आप अपने जीवन में कोई शारीरिक गतिविधि शामिल करें। चाहे वो सुबह की सैर हो, योगा क्लास हो, डांस करना हो या जिम में एक्सरसाइज करना—कोई भी एक्टिविटी न सिर्फ शरीर को फिट रखती है, बल्कि ‘एंडोर्फिन’ नामक हैप्पी हार्मोन को भी सक्रिय करती है, जो मन को प्रसन्न करता है और तनाव कम करता है।

कुछ और छोटे लेकिन असरदार उपाय

हर बार ‘हां’ कहना जरूरी नहीं होता। अपनी सीमाओं को जानना और ज़रूरत पड़ने पर ‘ना’ कह देना भी आत्म-देखभाल का एक ज़रूरी हिस्सा है। इसके अलावा लगातार मोबाइल नोटिफिकेशन देखना और सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना भी तनाव का बड़ा कारण बन सकता है। दिन में कुछ समय मोबाइल और स्क्रीन से दूर रहना, अपने मन को शांत करने के लिए जरूरी है। दिन के अंत में किताब पढ़ना या हल्का संगीत सुनना मोबाइल की जगह कहीं बेहतर विकल्प है।

और अगर तनाव बहुत ज़्यादा हो...

यदि आपको लगातार तनाव, चिंता या मानसिक थकावट महसूस हो रही है और आपको लगता है कि आप अकेले इससे नहीं निपट पा रहे हैं, तो इसे अनदेखा न करें। मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल उतनी ही जरूरी है जितनी शारीरिक स्वास्थ्य की। ऐसे में किसी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से मिलें और उनकी सलाह लें। याद रखें, मदद मांगना कमजोरी नहीं, बल्कि साहस की निशानी है।

निष्कर्ष:-

तनाव आजकल की तेज़ रफ्तार जिंदगी का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुका है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि हमें इसे झेलना ही पड़े। तनाव को समझना और उसे स्वीकार करना पहला कदम है, और फिर उसे कम करने के लिए छोटे-छोटे, असरदार उपाय अपनाए जा सकते हैं। नियमित ब्रेक, गहरी सांसों का अभ्यास, सकारात्मक सामाजिक संपर्क, शारीरिक गतिविधियां, और अपनी सीमाओं को पहचानकर आत्म-देखभाल करना, ये सभी कदम तनाव से निजात पाने में मदद कर सकते हैं। अगर तनाव बहुत ज्यादा हो, तो मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ की मदद लेने में कोई हर्ज नहीं है। याद रखें, तनाव से निपटना आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।


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