poetry in hindi | हिन्दी कविताएँ |


1. मोबाइल hindi poetry 

दुनिया में एक यन्त्र आया !

जिसने हर घर में अपना सिक्का जमाया....
नाम अपना मोबाइल बताया
सुख दुख का साथी सबने इसको बनाया...
जब से आए मौबी भैया
सब के बन गए वो सुख दुःख के भैया ...
सबके हाथों में था ये यंत्र सब खोज रहे थे इसमें
जिंदगी में खुश रहने के मंत्र....
ज्ञान इसको भी खुब आता ,
खुश रहने के लिए लोंग ,
इलायची, तुलसी उपाय खुब बताता ...
व्हाट्सएप, फेसबुक, यूट्यूब और tweeter की डोज साथ बताता
ये अपना धंधा खूब चलाता....!! लोगों को अपने इशारों पर नचाता
घंटों काम हमसे लेता....

घर के काम काज की
सुध बुध ना आने देता....!
घर की लोबी में था सन्नाटा
सब मौबी भैया में बैठे देख रहे थे तमाशा....
एक दूसरे को
मिस काल मार रहे थे
घर में ही घरवालों का
इससे हाल जान रहे थे....!!

नई पीढ़ी के बच्चे
रोटी के बिन रह लेते....
पर इस मौबी भैया के
बिना सो ना पाते....!!
हद तो तब हो गई जब
छोटा बेबी भी,
इससे लोरी सुन कर सोता...

अब हर फेस्टिवल
इस पर मन जाता...
घर पर कोई लड्डू भी नहीं लाता....

अपनों को ही अपनों का बर्थडे याद नहीं आता....
इस पर पता नहीं कौन-कौन से डे मनाता....
व्हाट्सएप पर मैसेज भेज कर खूब खुशी मनाता....
जब से ये यंत्र आया
इसने अपनों को ही
बेगाना बनाया
चैन से टिकने ना देता

बीवी को यह सारा दिन
मेरी लोकेशन बताता....
फिर भी इसके बिन
मानव रह नहीं पाता....
अब अपनी ही बीवी
नकली आईडी बनाकर
भेज रही थी मैसेज....
गर्लफ्रेंड मेरी बनकर
मेरी चोरी पकड़ी गई
बीवी ने फिर मेरी कलास लगाई
ऐसा जाल मुझ पर बिछाया ...
मौबी भैया को मैं
अपने हाथों से घर लाकर पछताया...

कोस रहा था उस दिन को जब
इसको घर लेकर आया
मौबी भैया ने मुझे
अपनों की नजरों मे गिराया...!!

अब वो दिन दूर नहीं
जब हम पूछेंगे
बेटे को लगी है,
फेसबुक की बीमारी कोई
अच्छा सा डॉक्टर बताओ जो दे दे ऐसी दवाई
मौबी भैया से हो जाए दूरी ...

भैया ये तो ऐसा नशा है,
जिसको एक बार लग जाए
फिर ना इसकी लत छुट पाए ..
अच्छे थे वो दिन
जब मौबी भैया नहीं थे संग
काश वो दिन फिर से आ जाएं
मौबी भैया कोमा में चला जाए...

लैंड वाले भैया फिर से
वापस आ जाएं....!!
मेरी जिंदगी में
फिर से सुख चैन आ जाए....

Written by kiran( kpk) 🙏

♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡

2 .पति पत्नी .. 

वो 18 की थी, हम 20 के थे !!
वो भी जोश में थी ,
हम भी जोश में थे!!
अच्छे बुरे का दोनों को
कोई होश नहीं था!!

बस प्यार का भूत सवार था!!
जोश जोश में दोनों ने आहें भर ली!!
फिर कुछ दिन बाद शादी कर ली!! जोश-जोश में दोनों ने
एक लल्ला पैदा कर लिया!!

अब कुछ सालों बाद आलम ये था! उसका मुंह पूर्व की और मेरा पश्चिम की ओर था.  ना वो मेरी सुनती, ना मै उसकी सुनता !!

वो मुंह फुला कर सो जाती,
मैं पीठ मोड़ कर सो जाता!!मैं भी बहाने बना करघर से निकल जाता.

वो भी मां बीमार है
मायके चली जाती!!

अब हम दोनों इतने दूर थे ,
साथ रहने के लिए मजबूर थे!!
मन मर्जी की शादी करके
अकेले रोने को मजबूर थे!

अब हम दोनों अपने लल्ला को समझाएं ,जो गलती हमने की
तु ना कर पाए ,पर कहां था वो सुनने वाला!!
उसमें भी जोश था
21वीं सदी वाला!!

बोला तुम तो थे अंजान !!
हमने इंटरनेट की दुनिया से
सीखे रखे हैं बहुत काम!!

अब कुछ सालों बाद
उसका भी आलम ये था ,दो को छोड, तीसरी से परेशान था!!

हमने तो फिर भी काट ली, उसके ऊपर तो दहेज का केस दर्ज था!

अब तुम सुन लो मेरी बात!!

जोश कर देगा लाइफ बर्बाद!

मेरी कविता पढ़कर
कुछ ज्ञान बटोर लो !!
जोश में आने से पहले अपने आप को संभाल लो....!!

☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆


3 .मधुशाला.... Hindi poetry 

ऐ मधुशाला में जाने वाले.....

पिने और पिलाने का शौक रखने वाले
घर पर भी है रस के प्याले
इस बार मेरे हाथों का रस पिकर तो देख
मेरे रस का भी नशा चख तो देख
ऐ मधुशाला में जाने वाले.....

इससे आगे भी है जहां
मधुशाला को छोड़कर एक बार जीकर तो देख

ऐ मधुशाला में जाने वाले..
नशा तो मुझ में भी बहुत था,
पर तुझे होश कंहा था।
मैं भी कोई बोतल से कम नहीं थी। पर तुझे यह समझ ही नहीं थी

ऐ मधुशाला में जाने वाले....
तुझे रास्ता दिखाने के लिए क्या-क्या ना किए जतन
पर तू होश में ही नहीं आया बस मैं तो सहती रही जुल्मों सितम

ऐ मधुशाला में जाने वाले
बस अब ठहर जा मधुशाला मे जाने वाले
मेरी नहीं तो अपनी तू सोच
ना मैं रहूंगी ना रहेगा पीने का जोश कुछ पल जी ले मेरे संग
फिर हो जाऊंगी खामोश।

☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆


 जिद....HINDI POETRY 

ज़िद है तो जीत है!!
मेरे अंदर एक ज्वाला थी
कुछ बनने की ,चाहत 

मेरी अधूरी थी कुछ करने की...

कभी मैं टूटा, कभी लड़खड़या, अपनो ने हीं मेरा मनोबल गिराया!! जिद ने फिर गिरकर उठना सिखाया! !

बस एक माँ थी जिसने

हर पल गले लगाया!!
बचपन से ही था तू जिद्दी
जो ठान लेता!!
उसको करके ही दम लेता!!
तुम्हें मेरी जिद का नहीं पता
मैं अपनी भाग्य रेखा खुद बनाता!!
जिद मुझे आगे बढ़ना सिखाया!! गिरा मैं कई बार जिद ने फिर उठना सिखाया!!
जिद ने मुझे,मुकम्मल हासिल करया!!
जो मैंने सोचा था वह पाया !!
अपनी मां का सिर ऊंचा कराया !!
जो नही लिखा था लकीरो मे
मेहनत करके खुदा से लिखवाया !!


☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆


  मेरा इश्क hindi poetry 


मेरा इश्क है तू ,मेरा रब है तू !
मेरी धड़कन है तू मेरी सांसे हैं तू!
मेरी सांसे तुझ से शुरु ,तुझ पे खत्म!
मेरी धड़कने तुझ से शुरु ,तुझ पे खत्म! तू जो मिल गई, तो रब मिल गया!
अगर ना मिली, तो मेरा रब रूठ गया!
मेरी सांसों में तु ,मेरे ख्वाबों में तू!
मेरी भी बाहो मैं तु, मेरी फिजाओ मे तू! मेरी दुनिया तुझ से रंगीन है!
तेरे बिना मेरी जिंदगी गमगीन है !
मेरा इश्क है तू मेरा रब है तू!

☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆


4. इश्क  Hindi poetry 
दिल की बिमारी का कोई वैध मिल गया!!
मैंने भी अपने दिल का सारा हाल सुनाया !!
डॉक्टर बोले किसने किया तेरा ये हाल!
कैसी थी उसकी चाल ढाल !
बम था या फुलझड़ी या भोली सी सूरत वाली !
डॉक्टर साहब वो दिखने में थी भोली भाली! पर कई दिलों से खेल रखी थी उसने पहले से होली !!
अब हम भी आ गए उस इन्फेक्शन की चपेट में !!
डॉक्टर बोला घबराने की कोई बात नहीं अब वो हो गई है!
एक्सपायरी....!!
उसको छोड़ो कोई नई दवाई ट्राई करो..!!
थोड़ी दूर चल कर कहीं किसी मोड़ पर मिल जाएगी ..!
थोड़ा टाइम लगाऐगी पर इस बिमारी को जरूर ठीक कर पाएगी ..!!
डरने की कोई बात नहीं दिल की सर्जरी की ऐसी बीमारी में कोई जरूरत नहीं..!
बस नई दवाई इसका इलाज कर पाएगी..!
लेकिन थोड़ा टाइम जरूर लगाऐगी ये बीमारी तो है बरसों पुरानी..!
कुछ तो मर भी गए लेकिन कुछ नई के सहारे फिर से जीवन पा गये और अपना घर भी बसा गये .!!
डॉक्टर साहब भी थे बहुत सयाने नब्ज पकड़ते ही सारी बात समझ गये बोले पूरानी छोड़ किसी और दवाई की आदत डाल...!!
ये तो चेंज होती रहती है कुछ कड़वी कुछ मीठी इनकी तो यादें आती रहती है...!
कुछ तो मारकर ही दम लेती हैं ..!
लेकिन इनके पीछे मरना जलना क्या एक छुट गई तो दुसरी की आदत लगा ...!!
डॉक्टर साहब धीरे से बोले हम भी बरसों पहले आ गए थे इस बीमारी की चपेट में..!

70 को करके पार अब भी कुवारें बैठे है उसकी याद में..!
☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆
 

5 . माँ ...हिन्दी कविता


रब का दूसरा रूप है मां !!
रब से पहले है मां!
रब से पहले मैं मां की पूजा करूं!!
फिर मैं कोई काम शुरू करू!
हम हंसते हैं, तो वह हंस देती !!
हम रोते हैं हम से पहले रोती !! अपना गम बच्चों से छुपाती!!
बच्चों के आंसू भी वह देख ना पाती !!
खुशनसीब है वो लोग जिनके पास मां है!!
दुनिया में सबसे सुंदर रिश्ता है मां!! पापा के घर का पहरेदार है, मां बदले में वो कुछ ना लेती !

बिन शर्तों के वो पालन पोषण करती!!
है रब और चाहे कुछ मत देना !!
पर समय से पहले कभी किसी, माँ मत लेना!

☆☆☆☆☆☆☆☆☆
 
नारी  hindi poetry 

क्या खोया क्या पाया मैंने नारी सा जीवन पाकर कभी हंसी ,कभी रोई नारी सा जीवन पाकर।
नारी से ही नर पैदा होता 9 महीने कोख में रखकर तब तू पल पाता। उसकी गोद में सिर रखकर तू सो जाता। उसी नारी के ऊपर तू अपनी हुकूमत चलाता।
मायके में नाम दिया बेगाना धन कहकर ,ससुराल ने रखा पराई बेटी बताकर समझ में मेरी कभी ना आया कौन सा घर मेरा अपना कौन सा बेगाना। जिस घर में जन्म लिया उसने भी विदा कर दिया कुछ दहेज देकर।
पति के घर में आकर बस गई पर उस घर पर भी मेरे नाम की तख्ती कभी लग ना पाई कितना मुश्किल था बेगानो को रखना अपना बनाकर
क्या खोया क्या पाया मैंने नारी सा जीवन पाकर। जिस घर को मैंने जी जान से सजाया उसी पर मेरा नाम कभी लिख नहीं पाया वरसो बाद समझ में आया कि कहीं भी मेरा घर बन नहीं पाया।
नारी की पीड़ा नारी ही जाने कितना मुश्किल है गैरो को रखना अपनाकर यह तो पुरुष प्रधान समाज है नारी के हर काम से इनको एतराज है नारी से ही बना है नर अब मर्दों से नहीं लगता मुझको डर।
नर तुने नारी को रखा पैरों के नीचे दबाकर 21वीं सदी की नारी है अब नहीं करने देगी अपना शोषण बस बंद कर अब तू अपना भाषण।
खुदा से था बस एक सवाल अगले जन्म में मुझे नारी ना बनाना चाहे पंछी बनाकर आसमान में उड़ाना पंख अपने होंगे जीवन अपना मनमर्जी का होगा। सुख दुख का कोई एहसास ना होगा मर्द जैसा कोई मेरा शोषण करने वाला ना होगा।
क्या खोया क्या पाया मैंने नारी सा जीवन पाकर जन्म कहां लिया और अर्थी उठी मेरी कहां आकर।

दिल के अल्फाज ....☆☆☆
किरण की कलम से.. उम्मीद करती हूं आपको पसंद आए हो और आप सब से ये उम्मीद करती हूं कि आप मेरे दिल के अल्फाज अपने friends और व्हाट्सएप, स्टेटस और फेसबुक पर जरूर शेयर करें. अगर आपको मेरे अल्फाजों में कहीं कोई कमी लगती हो. प्लीज कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें .मैं उन कमियों को दूर करने की कोशिश करूंगी thankyou for visiting my blog dilkalfaaz.in 


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ