APPLE FOUNDER STEVE JOBS BIOGRAPHY || MOTIVATIONAL QUOTES BY STEVE JOBS || स्टीव जोब के सुविचार |



 Tittle-
STEVE JOBS LIFE STORY AND MOTIVATIONAL QUOTES IN HINDI 👇🏻
एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स वैसे तो किसी परिचय के मोहताज नहीं है। उनका जीवन हर किसी के लिए एक मिसाल हैं।स्टीव जॉब्स जिंदगी में ऐसे भी दिन भी रहे जब वह एक मंदिर में खाना खाकर बिताते थे, और जमीन तक पर सोना पड़ता था। एक समय ऐसा भी आया था जब स्टीव जाॅब्स जीवन ऐसा भी समय आया था अपनी कंपनी  एप्पल से निकाल दिया गया था। लेकिन उन्होंने कभी फिर भी हार नहीं मानी,और वह आगे बढ़ते रहिए।
स्टीव जॉब्स का जन्म और परवरिश और लोगों से बिल्कुल अलग है। उनका जन्म 24फरवरी 1955 में कैलिफोर्निया के सैंट फ्रांसिस्को में सीरिया के मुसलमान अब्दुलफत जंनदाली के घर में हुआ था। उन्होंने जन्म किसी और की कोख से लिया था और पालन पोषण किसी और ने किया था। जन्म देने वाली माँ का नाम जोअत्री सिमप्सन थी ऐसा माना जाता है उस समय उनकी माँ कुँवारी थी। उसके माता पिता ने शादी नहीं की थी,इसलिए उसकी माँ ने स्टीव जाब्स को किसी और को गोद देने का फैसला किया।
 उसके बाद पाॅल और क्लारा नाम के एक कपल को गोद दे दिया और यह भरोसा लिया कि वह उसे पढ़ने के लिए स्कुल और कॉलेज भेजने का  उनसे आश्वासन लिया।
  जिन्होंने स्टीव जॉब्स को जिस कपल ने गोद लिया था वह पैशे से मैकेनिक थे और उनकी मां क्लारा अकाउंटेंट थी। जिन्होंने बाद में गैरज खोल लिया था। वही सटीव जॉब्स की दिलचस्पी भी शुरू से ही इलेक्ट्रॉनिक्स में थी।सटीव जोब्स  बचपन से ही जो इलेक्ट्रॉनिक समान में बहुत दिलचस्पी रखते थे। वह हमेशा ऐसे सामान से छेड़छाड़ करते रहते और कुछ नया करने की कोशिश में लगे रहते थे। इस तरह बचपन से ही उसने अपने पिता की मदद से इलेक्ट्रॉनिक्स का काफी काम सीख लिया था।स्टीव जाब्स बचपन से ही विलक्षण प्रतिभा वाले और बुद्धिमान छात्र थे। उन्हे स्कूल जाने से अच्छा घर में बैठकर ही किताबें पढ़ना जयादा अच्छा लगता था।
स्टीव जॉब्स एजुकेशन •••••••••••
 जाब्स के माता-पिता ने हाई स्कूल तक तो किसी तरह पढाई का खर्चा उठा लिया लेकिन बाद में स्टीव जोब्स ने एडमिशन ऑर्गन के रिड कॉलेज में हुआ तो यह इतना महंगा था, कि उसके माता-पिता को पूरी जमा पूंजी इस कॉलेज की फीस में खर्च होने लगी, इसलिए पहले सेमेस्टर पुरा होने के बाद ही पैसों की कमी की वजह से स्टीव जाब्स ने अपना कॉलेज छोड़ने का फैसला लिया।
 इस दौरान स्टीव जॉब्स की दोस्ती वोजनियाक नाम के एक व्यक्ति से हुई जिसे इनकी तरह अलग इलैक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर में बहुत दिलचस्पी थी।
 जोब्स कि जिंदगी में शुरुआती दिनों बहुत आर्थिक तंगी की वजह से बहुत बुरे दौर से गुजरना पड़ा। स्टीव जॉब्स के पास इतने पैसे नहीं थे कि उन्हें पेट की भूख भी मिटा सके वो कोक की बोतल बाॅटल बेचकर किसी तरह अपना गुजारा करते थे,और हर संडे कृष्ण मंदिर के लिए जाते थे क्योंकि वहां free में भरपेट खाना मिल जाता था।यही नहीं स्टीव ने कहीं राते अपने दोस्त के कमरे में फर्श पर सोकर गुजारी थी। लेकिन उसके अंदर प्रतिभा की कोई कमी नहीं थी।




इसी के चलते 1972 में एक वीडियो गेम बनाने वाली कंपनी में काम करने का मौका मिला लेकिन जॉबस इस नौकरी से खुश नहीं थे, फिर उन्होंने यह नौकरी छोड़ दी। इस नौकरी से भी पैसे बचाए और फिर भारत घूमने के लिए आए। स्टीव को भारतीय संस्कृति बहुत प्रभावित करती रही। वह यहां आकर आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करना चाहते थे।
 उन्होंने 1974 में करीब 7,8 महीने तक भारत के कुछ राज्यों में और दिल्ली में व्यतीत किए।
 दिल्ली में कुछ समय बिताया और बौद्ध धर्म की शिक्षा ली। इसके बाद वह फिर वापस अमेरिका लौट गए।हालांकि अब उनके पास कोई भी जॉब नहीं थी वह पूरी तरह से बदल चुके थे ।उनका मन पूरी तरह से एकाग्रचित हो गया था इसके बाद फिर से जॉब ज्वाइन कर ली।
 इसके बाद उनके दोस्त वोजनियाक  ने एक बार फिर अपने पर्सनल कंप्यूटर का निर्माण किया। जिसको देखकर वो बेहद खुश हुए इसी के बाद जॉब को कंप्यूटर बनाने का बिजनेस करने का आईडिया आया।
 फिर साल 1976 में जाब्स
 अपने दोस्त के साथ मिलकर पिता की गैरज में कंप्यूटर बनाने का काम शुरू कर दिया। गैरज से शुरू हूई  कंपनी का नाम एप्पल रखा।
 इसके बाद इस कंपनी ने एक से एक नए अविष्कार कीये और कुछ ही दिनों में यह एप्पल कंपनी दुनिया की जानी-मानी प्रतिष्ठित वह सबसे बड़ी कंपनी बन गई।
 इसके बाद फिर भी उनके जीवन में बहुत सारे उतार-चढ़ाव आते रहे पर वह कभी हारे नहीं उन्होंने हमेशा नया  करने की कोशिश की एक बार फिर 2007 में एप्पल ने अपना पहला मोबाइल फोन लांच कर मोबाइल की दुनिया में एक नई क्रांति ला दी वही इसके बाद एक के बाद एक नये प्रोडक्टर लांच कर लगातार सफलता के नए आसमान को छू रहा था।
 स्टीव जाब्स  साल 1978 में अपने लव पार्टनर क्रिस्टिन बैनन से एक बेटी लिसा बैनन पैदा हुई इसके बाद उन्होंने साल 1911 में लोरन पॉल से शादी कर ली दोनों को रीड ,एरिन और ईव नाम की तीन बच्चे पैदा हुए।

स्टीव जॉब की मृत्यु ••••••••••••••

दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब को अपने जिंदगी के आखिरी समय में पेनक्रियाटिक कैंसर जैसी बीमारी से जूझना पड़ा था। कई सालो बाद तक इस बीमारी से लड़ने के बाद उन्होंने 2 अक्टूबर 2011 में कैलिफोर्निया के पालो ऑल्टो में अपनी अंतिम सांस ली और इस दुनिया से हमेशा के लिए अलविदा कहकर चले गए।
स्टीव जाब्स जो हमारे बीच आज नहीं रहे लेकिन एप्पल जैसी जानी मानी कंपनी की नींव रखने वाले स्टीव जोब्स को  हमेशा याद किया जाएगा।
Fact.......
ऐसा भी सुना जाता है कि उसे अपने असली माँ बाप को मिलने की बहुत इच्छा होती थी लेकिन कभी मिला नहीं, पर उनकी तलाश की और बस एक बार सिर्फ अपनी माँ को दुर से देखा था।
 

Motivational QUOTES by Steve jobs----

 1.शायद मौत ही जिंदगी का सबसे बड़ा अविष्कार है....!!


2. जो इतने पागल होते है ,उन्हे लगता कि दुनिया बदल सकते हैं, वो सच में अक्सर दुनिया बदल देते हैं...!!

3. कभी-कभी जिंदगी आपके सर पर ईट से वार करेगी, लेकिन अपना भरोसा कभी मत खोइए..!!

 4.तुम्हारा समय सीमित है ,इसलिए इसे किसी और की जिंदगी जी कर बिल्कुल भी व्यर्थ मत करो...!!

5. डिजाइन वह नही कि चीज कैसी दिखती है,या महसूस होती है बल्कि डिजाइन यह है कि वह चीज कैसे काम करती हैं...!!

6.आओ आने वाले कल में कुछ नया करते हैं बगैर इसकी चिंता करें कि कल क्या हुआ था...!!

7. गुणवत्ता का मापदंड बनिए ,कुछ लोग ऐसे वातावरण के आदी नहीं होते जिन्हें उत्कृष्टता की उम्मीद  की जाती है।

 8.यह निश्चय करना की आपको क्या करना है, उतना ही महत्वपूर्ण है जितना निश्चय करना कि आपको क्या करना है...!!

9.आप ग्राहक से पुछकर उसकी पसंद के उत्पाद नहीं बना सकते, क्योंकि जब तक आप वो बनाएंगे वो कुछ नया चाहने लगेगा...!!


10.कोई प्रॉब्लम आने पर पुराने लोग पूछते हैं यह क्या है,जबकि लड़के पूछते हैं, इसके साथ क्या कर सकते हैं...!!

 11.मुझे यकीन है कि सफल और असफल उधमियों में आधा फर्क  तो सिर्फ केवल दृढ विश्वास का ही है...!!

12. महान कार्य करने का एकमात्र तरीका यह है कि आप अपने आप से प्यार करें...!!

13 यदि आप वास्तव में बहुत  बारीकी से देखोगे तो आप पाओगे कि रातो रात मिलने वाले अधिकतर सफलता में बहुत लंबा वक्त लगा है...!!

14. किसी चीज को महत्वपूर्ण होने के लिए दुनिया को बदलने की जरूरत नहीं है...!!

15.आपकी नजर लाभ पर रहेगी तो आपका ध्यान उत्पाद की गुणवत्ता से हट जाएगा लेकिन यदि आप एक अच्छा उत्पाद बनाने में ध्यान लगाओ तो लाभ अपने आप  आपका अनुसरण करेगा...!!
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स्टीव जॉब्स से जुड़े कुछ रोचक 
एवं दिलचस्प किस्से ....

• सटीव जॉब्स ने 12 साल की उम्र में पहली बार कंप्यूटर देखा था।

• स्टीव जॉब्स एक बार जब एप्पल के गार्डन में बैठे थे, तभी उन्होंने अपनी कंपनी का नाम एप्पल रखने का सोचा था।

• स्टीव जॉबस के जीवन पर ”जॉब्स” मूवी बन चुकी है.

• डिज्नी पिक्सर की फिल्म ”ब्रेव” भी उनके जीवन पर ही अघारित है.

•स्टीव जॉब्स साल 1974 में भारत आए थे और कई महीने उन्होंने हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में बिताया था.

• स्टीव जाब्स भारत में नीम करोली बाबा जी के साथ कई दिन बिताये थे कुछ लोगों का ऐसा मानना है उसके बाद ही एप्पल के लिए वो फैमस हुए .

• स्टीव जॉब्स महान वैज्ञानिक आइंसटीन को अपना आदर्श मानते थे.

• स्टीव जॉब्स ने Apple’s Ipod का पहली बार सैंपल देखते हुए उसकी पानी में डाल दिया और फिर हवा के बुलबुलों से यह प्रूफ किया था कि इसे और भी स्मॉल और आर्कषक बनाया जा सकता है।

• स्टीव जॉब्स को साल 1984 में अपनी ही कंपनी एप्पल से निकाल दिया गया था.

•स्टीव जॉब्स के पास भी मार्क जुकरबर्ग और बिल गेट्स की तरह कॉलेज की कोई डिग्री नहीं थी.

• स्टीव जॉब्स के बारे में दिलचस्प तो यह है कि वे बिना नंबर प्लेट की गाड़ी चलाते थे।

• स्टीव जॉब्स बौद्ध धर्म का पालन करते थे।स्टीव जॉब्स भारत में अध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए आए थे, वो भारतीय संस्कृति और परिधानों को भी काफी अधिक पसंद करते थे।

• स्टीव जॉब्स साल 1974 में भारत आए थे और कई महीने उन्होंने हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में बिताया था.

•ऐसा माना जाात है,शायद वो कुँवारी 
मां की औलाद थे.

•ऐसा भी सुना जाता है कि उसने अपने असली मां-बाप की तलाश की पर उनको कभी मिले नहीं 
बस दुुर से ही देखा था.
 
Last alfaaz- 
हमें इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि इंसान चाहे तो कुछ भी कर सकता है जरूरी नहीं है कि जिसके पास सब कुछ है वही कामयाब हो सकता है । जब एक अनाथ बच्चा जो इतनी बड़ी कामयाबी हासिल कर सकता है तो फिर हम क्यों नहीं,  कामयाबी हासिल करने के लिए हमारे अंदर जज्बा, जुनून और जीद होनी चाहिए तभी खुदा भी हमें आशीर्वाद दे सकते हैं। हाथ पर हाथ रखकर बैठने से कुछ नहीं होने वाला खुदा भी उन्हीं का साथ देते हैं जो मेहनत करते हैं।
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