TRUE LOVE STORY IN HINDI | पयार की सच्ची कहानी | after breakup motivationl story |

 True love story-
 आज का मेरा विषय True love story पर है तीनो कहानियों सच्चे प्यार की कहानियां है। इसमें एक कहानी में आपको प्यार कैसे अंधा बना देता है ।जब आप किसी इंसान की अच्छाई या बुराई कुछ भी नहीं देखते हो और किस तरह से अपनी जिंदगी बर्बाद कर लेते हो ।और दूसरी कहानी बचपन के सच्चे प्यार की है अगर प्यार सच्चा है और नियत में कोई खोट नहीं है तो आपको एक दिन वो प्यार मिल ही जाएगा। और तीसरी कहानी अपने पापा के लिए है जिसके लिए प्यार से बढ़कर पापा हैं, वह अपने पापा के लिए प्यार को कुर्बान कर देती है। इन कहानियों में पात्रों के नाम चेंज है वैसे यह कहानियां मेरी अपनी आंखों देखी सच्ची कहानियां हैं।
1. (First) love story 
सच्चा प्यार और पापा-
सिया अपने मां-बाप की इकलौती संतान थी। वह बड़ी मुश्किल से शादी के आठ साल बाद पूजा पाठ और बहुत सारी मन्नते मांगने के बाद पैदा हुई थी। उसको लेकर उसके पापा हमेशा इतने insecure थे वो सिया को अपनी जान से बढ़कर भी प्यार करते थे। पापा को लगता था सिया की सांसो के साथ मेरी सांसे चलती हैं। उसकी हर जरूरत को पूरा करते और धीरे-धीरे सिया बड़ी होने लगी पहले स्कूल गई तो फिर कॉलेज में चली गई।वो पढ़ने में बहुत इंटेलिजेंट थी और वह कॉलेज में भी बहुत अच्छे नंबर लेकर पास होती रही। सिया के कॉलेज जाने के बाद जिंदगी में एक राहुल नाम का लड़का आया उसके विचार सिया से बहुत मिलते थे। उन दोनों में इतनी दोस्ती हो गई उन दोनों को पता ही नहीं चला कब दोस्ती प्यार में बदल गई, और राहुल एक पंडित फैमिली से थे। और सिया जाट फैमिली से थी ।
पर  सिया को ये बात बहुत अच्छे से पता थी कि पापा लव मैरिज के बहुत खिलाफ है। सिया अपने पापा इस नेचर को बहुत अच्छे से जानती थी।उसको पता था मेरे पापा इस बात को कभी भी पसंद नहीं कर सकते। सिया के पापा को यह बात बिल्कुल भी पसंद नहीं थी कि मेरी बेटी इंटरकास्ट लड़के के साथ शादी करें। सिया को पता था क्योंकि उसने अपने पापा को बचपन से ही इस बात के खिलाफ   खिलाफ बोलते हुए देखा था। अब सिया इस कशमकश में थी एक तरफ पापा थे और एक तरफ उसका प्यार।सिया ने जब सारी बात पापा को बताई तो पापा ने एक ही जवाब था कि राहुल के साथ शादी तो मेरे साथ रिश्ता खत्म। अब सिया को प्यार और पापा में से एक रिश्ता चुनना था ।सिया अपने पापा को कभी भी दुखी नहीं देख सकती थी। 
सिया के लिए ये टाइम बहुत मुश्किल वाला था। सिया ने अपने पयार को छोडकर अपने पापा को गले लगा लिया। सिया ने अपने पापा की पसंद के लड़के से शादी की और अपने पापा के खिलाफ  नहीं जाना चाहती थी। उसने अपने पापा के लिए राहुल को छोड़ दिया और राहुल को यह कह दिया कि मेरी जिंदगी में और बहुत सारे राहुल आ जाएंगे अगर मेरे पापा रूठ गए तो शायद कोई पापा और नहीं बन पायेगें। मेरे लिए मेरे पापा मेरे भगवान हैं, और अपने भगवान को कभी रुठा हुआ नहीं देख सकती। सिया का मानना था कि प्यार करने वाले लड़के तो बहुत मिल जाएंगे।मगर कोई और पापा की जगह नहीं ले सकते। सिया  अपने पापा का गुरूर थी और उसने अपने पापा के गुरुर को कभी नीचे नहीं होने दिया। अगर सिया की जगह कोई और लड़की होती शायद अपने प्यार को चुनती  पर सिया और लड़कियों से अलग थी। शायद यह उसकी उँची सोच का फर्क था उसके लिए भगवान से पहले पापा थे।सिया का मानना था जो मां-बाप इतने लाड प्यार से हर हालात में धूप छाँव से बचाते हो उनके लिए प्यार को क़ुर्बान करना के लिए कोई बड़ी बात नहीं थी। पहला प्यार सिया के लिए पापा थे। पापा सिया के लिए परमात्मा का दिया हुआ सबसे कीमती गिफ्ट थे। पापा को दुखी कैसे कर सकती हूँ अगर पापा दुखी है तो मै कभी खुश नहीं रह सकती ऐसा मानना था सिया का। नहीं तो आजकल की लड़कियां अपने मां बाप को छोड़कर दूर कहीं ऐसे लड़के के साथ जाना पसंद करेंगी जिसे वो अचछे से जानती भी नहीं।और  सिया ने अपने पापा के लिए  सच्चे  पयार को छोड़ दिया। 
 प्यार करने वाले लड़के तो बहुत मिल जाएंगे पर मां-बाप कभी दुनिया में कोई नहीं बन सकता वरना आजकल की लड़कियां सिर्फ पयार मे अंधी होकर अपनी लाइफ खराब कर लेती हैं।
 मेरी इस कहानी से आपको यह शिक्षा मिलती हैं कि प्यार सब कुछ नहीं होता। मां बाप से बढ़कर किसी और का प्यार इतना किमती नहीं हो सकता।
 यह कहानी मेरी अपनी आखों देखी और कानों से सुनी सच्ची कहानी है .

2. (Second) story... 

Tittle - बचपन का पयार

True love story-बचपन का सच्चा प्यार
राजू को 12साल की उम्र में ही पहला प्यार हो गया था।राजू उस समय 7thक्लास में था,उम्र कम थी,लेकिन मॉर्डन ज़माने में लोग इसी उम्र में प्यार कर बैठते हैं।राजू का ये पहला प्यार उसकी क्लास में पढ़ने वाली लड़की नीशू के साथ था। नीशू अमीर घराने की लड़की थी,उम्र यही कोई 11,12 साल ही होगी ,और दिखने में बेहद खूबसूरत थी। नीशू के पापा का बड़े बिजनैस मैन थे काम अच्छा था,अच्छे पैसे वाले लोग थे।
राजू मन ही मन नीशू को दिल दे बैठा था लेकिन हमेशा कहने से डरता था। राजू के पिता एक स्कूल में अध्यापक थे,उनका परिवार भी सामान्य ही था इसीलिए डर से राजू कभी प्यार का इजहार नहीं करता था। चलो इस प्यार के बहाने राजू की एक गन्दी आदत सुधर गयी वो आये दिन स्कूल ना जाने के नए नए बहाने बनाता था, लेकिन आज कल टाइम से तैयार होके चुपचाप स्कूल चला आता था। माँ बाप सोचते बच्चा सुधर गया है,लेकिन बेटे का दिल तो कहीं और लग चुका था।समय ऐसे ही बीतता गया लेकिन राजू की कभी प्यार का इजहार करने की हिम्मत नहीं हुई बस चोरी छिपे ही नीशू को देखा करता था,हाँ कभी -कभी उन दोनों में बात भी होती थी लेकिन पढाई के टॉपिक पर ही ,लेकिन दिल की बात ना कह पाया।
समय गुजरा अब दसवीं पास कर चुके थे लेकिन चाहत अभी भी दिल में ही दबी थी।
आज स्कूल का अंतिम दिन था। राजू मन ही मन उदास था कि शायद अब नीशू को शायद ही देख पायेगा क्यूंकि राजू के पिता की इच्छा थी कि दसवीं के बाद बेटे को बड़े शहर में पढ़ाने भेजें।स्कूल के अंतिम दिन सारे दोस्त एक दूसरे से प्यार से गले मिल रहे थे,अपनी यादें शेयर कर रहे थे नीशू भी अपनी फ्रेंड्स के साथ काफी खुश थी आज सब एन्जॉय कर रहे थे अंतिम दिन जो था लेकिन राजू की आँखों में आंसू थे।राजू चुपचाप क्लास में गया और नीशू के बैग से उसका स्कूल card निकाल लिया। उस कार्ड पर नीलम की प्यारी सी फोटो थी। राजू ने सोचा कि इस फोटो को देखकर ही मैं अपने प्यार को याद किया करूंगा।
बैंक से लोन लेकर पिताजी ने राजू को बाहर पढ़ने भेज दिया। नीशू के पिता ने भी किसी दूसरे शहर में बड़ा मकान बना लिया और वहां शिफ्ट हो गए। राजू अब हमेशा के लिए नीशू से जुदा हो चुका था।
समय अपनी रफ़्तार से बीतता गया,राजू ने अपनी पढाई पूरी की और अब एक बड़ी कम्पनी में नौकरी भी करने लगा था।अच्छी तनख्वाह भी थी लेकिन जिंदगी में एक कमी हमेशा खलती थी वो थी नीशू लाख कोशिशों के बाद भी वो फिर कभी नीशू से मिल नहीं पाया था।xघर वालों ने राजू की शादी एक सुन्दर लड़की से कर दी और संयोग से उस लड़की का नाम भी नीशू ही था। राजू जब भी अपनी पत्नी को नीशू नाम से पुकारता उसके दिल की धड़कन तेज हो उठती थी।आखों के आगे बचपन की तस्वीरें उभर आया करतीं थी। पत्नी को उसने कभी इस बात का अहसास ना होने दिया था ,लेकिन आज भी नीशू से सच्चा प्यार करता था।
एक दिन राजू कुछ फाइल्स तलाश कर रहा था कि अचानक उसे नीशू का वो बचपन का Card मिल गया। उसपर छपे नीशू के प्यारे से चेहरे को देखकर वो भावुक हो उठा कि तभी पत्नी अंदर आ गयी और उसने भी वह फोटो देख ली।
पत्नी यह कौन है, जरा इसकी फोटो मुझे दिखाओ

राजु अरे कुछ नहीं,ये ऐसे ही बचपन में दोस्त थी,पत्नी अरे यह तो मेरी ही फोटो है, ये मेरा बचपन का फोटो है देखो ये लिखा है मेरे स्कुल का नाम जहाँ मै पढ़ती थी।
राजू यह सुनकर ख़ुशी से पागल सा हो गया क्या ये तुम्हारी फोटो है। मैं इस लड़की से बचपन से बहुत प्यार करता हूँ।

नीशू ने अपने पति को अपनी पर्सनल डायरी दिखाई जहाँ नीशू की कई बचपन की फोटो लगीं थीं।राजू की पत्नी वास्तव में वही नीशू थी जिसे वह बचपन से प्यार करता था। नीशू ने राजु को प्यार से उसे गले लगा लिया क्यूंकि वह आज से नहीं बल्कि बचपन से ही उसका चाहता था। राजु ने भगवान् का शुक्रिया अदा कर रहा था। इसलिए कहते हैं ना कि प्यार अगर सच्चा हो तो रंग लाता ही है, ठीक वही हुआ राजु और नीशू के साथ भी।
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3rd story 
Tittle - फेसबुक और प्रेमी 

3. (third)  true story 
Facebook की अघुरी love story .....
नितू बहुत सुंदर थी और पढ़ाई में बहुत इंटेलिजेंट थी। उसके मां-बाप ज्यादा पैसे वाले नहीं थे पर फिर भी उसके मां-बाप ने उसकी पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी। वहां पढने मे अव्वल आती रही वो बहुत अच्छे नंबरों से हमेशा पास होती थी।अच्छे नंबरों की वजह से उसको एक अच्छे कॉलेज में एडमिशन मिल गया। एडमिशन लेने के बाद उसके मां-बाप ने उसे किसी तरह पैसे का जुगाड़ करने के बाद हॉस्टल में छोड़ने का मन बना लिया,आजकल फेसबुक बच्चों के लिए  मीडिया एक ऐसा प्लेटफार्म है ,जब हम कहीं भी किसी से दोस्ती सिर्फ डीपी देख कर लेते हैं। ऐसा ही कुछ नितू के साथ भी हुआ था, पता नहीं कब एक मनदीप नाम के लड़के से फेसबुक पर फ्रेंडशिप हो गई और दोनों फोन पर बातें करते-करते एक दुसरे को दिल दे बैठे। नितू को मनदीप के बारे में कुछ भी नहीं पता वो कौन है और कहां से क्या काम करता है। बस दोनों को प्यार का भूत सवार था। वह जो सुनाता था उसकी बातें विश्वास कर लेती थी पर मनदीप एक नंबर का आवारा लड़का था और झुठ बोलने मे माहिर था। 
वह अपने मां-बाप के कहने से बाहर था। वह शराब भी पीता था और पढ़ाई के नाम पर तो वो धक्का start गाड़ी था ।बडी मुश्किल से 10th ही की थी। पता नहीं नितू कौन सी बातों से उसकी प्रभावित होती रही ,और शादी करने की जिद करने लगी मां-बाप ने बहुत समझाया कि वह अच्छा लड़का नहीं है ।हम तेरे लिए कोई और लड़का देख लेते हैं।पर वह कहां मानने वाली थी।आखिरकार प्यार के आगे उसके घरवालों को झुकना पड़ा और हार कर उसके घर वालों ने उसकी शादी उस मनदीप नाम के आवारा लड़के के साथ कर दी। मनदीप के घर वालों को तो चारों उगलियां घी में थी मंनदीप और उसके घर वाले बहुत खुश थे। इतनी सुंदर और पढ़ी लिखी बहू को पाकर क्योंकी उनके निकम्मे  लड़के को इतनी सुंदर और पढ़ी-लिखी लड़की मिल गई । मनदीप का अब शादी के बाद असली रूप सामने आने लगा अब वही लड़का नितू की कोई भी बात नहीं मानता था। उसका वही काम था हर रोज शराब पीना कोई काम ना करना, दोस्तों के साथ बाहर घुुुुमना लेेकिन नितू के पास सिर्फ पछताने के सिवा अब और कोई रास्ता नहीं था ,और शिकायत करती भी तो किससे करती ,
क्योंकि उस लड़के से शादी करने   के लिए अपने मां-बाप को नाराज ही नही हमेशा के लिए  नाता भी तोड लिया था। 

उससे लड़के से शादी करने से मां बाप बहुत नाराज थे। ऐसे करते डेढ़ साल निकल गया और मंनदीप के रंग दिन पर दिन बदलते गए।नितू के मां-बाप इतने नाराज थे उसकी  शादी से पहले ही बोल दिया था कि हम तेरे साथ कोई रिश्ता नहीं रखेंगे शादी करने के बाद। 
नितू को मंजूर था कि आप रिश्ता ना रखो पर मुझे शादी उसी से करनी हैं।ऐसे ही एक शाम को मनदीप को दोस्तों के साथ बाहर जाना घूमना फिरना और मौज मस्ती करना और शराब पीकर घर लौटना कीआदत थी। मोटरसाइकिल उठाई और दोस्तों में शराब पिने चल पड़ा।
नितू ने बहुत रोका पर वह लड़का रुकने वाला कहां था।उसको कहां कदर थी उसके प्यार की,आखिरकार वही हुआ जिस बात का डर था। 9:00 बजे पुलिस का फोन आया कि आपकी इस नंबर की बाइक का एक्सीडेंट हुआ है,और इस लड़के की एक्सीडेंट में मौत हो गई है।  अब नितू के ऊपर आसमान और  नीचे धरती थी और नितू को इस टाइम 7महीने की प्रेगनेंसी थी । मनदीप ने इतनी पी हुई थी कि उसने पता ही नहीं चला खड़े हुए ट्रक में बाइक दे मारी और बाइक लगने के बाद उसका सिर सड़क पर लगते ही मौत हो गई।अब नितू के पास पछताने के सिवाय कुछ नहीं था। 
बस जिन्दगी सिर्फ भगवान भरोसे थी,और उसकी मौत के बाद एक बेटी को जन्म दिया। नितू सिर्फ 24 साल थी। एक बार सोच कर देखो 24 साल की उम्र में शादी भी कर लेना एक बच्चे की मां भी बन जाना और विधवा भी हो जाना। नितू के मां-बाप इतने नाराज थे कि वह और मनदीप की मौत की खबर सुनने के बाद भी आज तक नहीं आये। 
  इस कहानी से सिर्फ यही बात मै समझ में आती है कि कभी भी सिर्फ शक्ल देख कर किसी को प्यार मत करो आप फेसबुक पर किसी की शक्ल देख सकते हो उसके गुण नहीं।
 
प्यार करने से पहले उस इंसान की परख भी कर लो,खाली प्यार से जिंदगी नहीं चल सकती जिन्दगी हमेशा तालमेल और बैलंस से चलती है, और अपने मां-बाप की आत्मा भी कभी मत तड़पाओ कि अगर आप उनको दुखी कर अपने लिये खुशियाँ ढूँढ रहे हो तो वो कभी भी नहीं मिल सकती।
अब नितू अपनी बेटी के साथ जीवन काट रही है। अगर मंनदीप सच्चा प्यार करता तो वो नितू की बात मानता, वह शराब पिने के लिए नितू को इस हालत में छोडकर ना जाता। जाने से पहले एक बार भी नहीं सोचा कि जिस लड़की ने अपना घर और माँ बाप तक छोड़ दिये मेरे लिए ,उसको भी टाइम दू। प्रेगनेंसी के हालात में छोड़कर  क्या दोस्त के साथ शराब पीनी जरूरी थी ।अगर वो चाहता तो अनहोनी टल सकती थी,पर नहीं अगर सच्चा प्यार होता तो ये तब सभंव होता। 
शायद मनदीप को प्यार नितू के लिए दिल से नही जिस्म से था। 
मेरी इस कहानी से यही शिक्षा मिलती है जो लड़का अपने मां-बाप की इज्जत नहीं करता ।वो एक पत्नी की इज्जत नहीं कर सकता। 
अगर आपको कभी भी किसी लड़के को परखना हो  सबसे पहले यह देख लो क्या वह अपने मां-बाप से प्यार करता है,तो तभी वह आपको सच्चा प्यार
कर सकता है, जो अपने मां-बाप का का नहीं वो पत्नी का भी कभी नहीं बन सकता । 
यह भी एक सच्ची कहानी है इसमें सिर्फ दोनों पात्रो के नाम बदले हुए हैं । यह कहानी मेरी अपनी आंखों देखी हुई है ।

आपको को तीनों love story कैसी लगी हमें कमेंट करके जरूर बताइये क्यूंकि आपके कमेंट्स ही हमें और बेहतर लिखने और कुछ नया लिखने के लिए प्रेरित करते हैं। अगर किसी भी कहानी में कुछ अच्छा लगा हो यह आपको कोई बात बुरी लगी हो प्लीज कमेंट करके जरूर बताएं ।इन दोनों कहानियों में सीया और अनु की कहानी बिल्कुल सच्ची कहानी है यह मेरी अपनी आंखों देखी कहानियां हैं ।अगर आपको कोई भी कहानी अच्छी लगी हो अपने फ्रेंड्स, फेसबुक और व्हाट्सएप पर जरूर शेयर करें। 
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