श्रावण मास का महत्व और शिव पुजा कैसे करे और क्या ना करें
शिव पुराण के अनुसार ऐसा माना जाता है,कि सावन का महीना भगवान शिव को बहुत ही प्रिय है।शास्त्रों में तो ऐसा भी कहा जाता है कि सावन के महीने में भगवान शिव धरती पर 40 दिन के लिए मंदिरों में निवास करने के लिए आते हैं।इसलिए सावन का महीना भगवान् शिव के लिए बहुत खास है। सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करने और उन को जल चढ़ाने का बहुत ही बड़ा महत्व माना गया है ।ऐसा माना जाता है कि सावन के महीने में सोमवार के व्रत करने से सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस साल सावन का पहला सोमवार 6 जुलाई 2020 को पड़ रहा है। हिन्दु धर्म मे सोमवार के व्रत रखने का खास महत्व है ।सावन के महीने में सोमवार के व्रत रखने पर सभी भक्तो की मनोकामनाएं पूरी होती हैं ऐसा शास्त्रों के अनुसार बताया गया है। क्योंकि यह सावन का महीना शिव को बहुत ही प्यारा है इस महीने में व्रत के साथ शिव की पूजा करना बहुत ही फलदाई और बहुत ही महत्वपूर्ण बताई गई है ।जो लोग शिव के भक्त हैं वह पूरे सावन के महीने विधि विधान के अनुसार भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं और उन पर भोलेनाथ की विशेष कृपा होती है। इस साल सावन का पहला सोमवार 6 जुलाई को है इसी दिन से सावन की शुरुआत हो रही है ।इस महीने में कुल 5सोमवार पड़ेंगे सावन के महीने में बहुत अच्छा संयोग बन रहा है। क्योंकि सावन की शुरुआत का पहला दिन ही सोमवार है वही सावन का अंतिम दिन भी यानी 3 अगस्त को भी सोमवार का ही दिन है। यह एक अद्भुत संयोग है। शास्त्रों के अनुसार जो लोग सावन के व्रत और पूजा करते हैं शिव की उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं,और भगवान उन्हें मनचाहा वरदान देते हैं । उनकी घर समबन्धित सभी परेशानियां दूर होती हैं ।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा भी माना जाता है इस महीने में शिव और पार्वती ने विवाह रचाया था और तभी यह महीना उनको बहुत ही प्रिय है। इस समय भगवान शिव माता पार्वती के साथ मंदिर में निवास करते हैं। सोमवार को शिव पूजन का महत्व और पूजा करने के लिए खास माना जाता है। इन दिनो में शिव लिंग पर पूजा करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है और बेलपत्र भगवान शिव को अति प्रिय है और उन्हें जल चढ़ाना बहुत ही फलदाई माना जाता है। जो लोग शिव से वरदान पाना चाहते है, वह हर रोज स्नान करने के बाद शिव को शुद्ध जल से सनान करवायें और अपनी मनोकामना उनके आगे रखे ऐसा आपको लगातार 41दिन करना है तब आपकी मनोकामना जरूर पूरी होगी। भगवान् शिव सिर्फ भाव के भूखे हैं अगर आपके पास किसी भी चीज की भेंट अर्पित करने के अभाव है तो आप केवल जल से भी स्नान करा सकते हैं। शादी के लिए उपाय
जिन लड़कियों या लड़कों की शादी में अड़चन आ रही है तो उन लड़कियों के लिए यह खास अवसर है ।इस महीने में यह 5 व्रत जरूर करें और भगवान शिव का जल और कच्चे दूध से स्नान कराएं और इस व्रत मे धयान रहे खाने में मीठा भोजन ही खाये।
अगर आप मनचाही मनोकामना पूरी करना चाहते हैं तो शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि गन्ने के रस से 40 दिन स्नान कराने से आपकी हर मनोकामना पूरी होती है।
दांपत्य जीवन में अगर आपके खटास आ गई हो तो दोनों पति-पत्नी मिलकर सावन मास में भगवान शिव की पूजा पंचामृत स्नान कराकर करनी चाहिए।
दूध, दही ,घी,शहद और शक्कर मिलाकर पंचामृत घर पर ही बना ले और हर रोज सुबह नहाने के बाद शिव को पहले जल अभिषेक कराये और फिर पंचामृत से स्नान कराएं और फिर बाद में साफ जल स्नान करवाये। ऐसा करने से आपका दांपत्य जीवन में मधुरता आ जाएगी।
भगवान शिव बहुत जल्दी खुश देवता हैं। इनको आशुतोष नाम भी कहा जाता है।
भगवान् शिव की प्रिय वस्तुएॐॐॐॐ
भगवान शिव की कुछ ऐसी वस्तुएं जो भगवान शिव को बहुत ही प्रिय हैं ।अगर इनको आप भगवान शिव को चढ़ाते हैं तो वह बहुत जल्दी खुश हो जाते हैं ।बेलपत्र, जल ,आंकड़ा, धतूरा ,भांग ,कपूर, दूध ,चावल ,चंदन,भस्म और रुद्राक्ष यह शिव की प्रिय वस्तुएं हैं। इनमें से अगर आप कोई भी एक वस्तु अर्पित कर देंगे तो वह आपको मनचाहा वरदान देंगे ।
जल ॐॐॐॐॐॐ
भगवान शिव खुद ही जल है तभी शिव पर जल चढ़ाने का महत्व माना गया है क्योंकि शिव ने समुद्र का मंथन करने के बाद ही जहर का विष का पान किया था और उनका कंठ नीला पड़ गया था ।तभी सभी देवी देवताओं ने मिलकर उनको जल अर्पित किया था इसीलिए शिव की पूजा में जल का विशेष महत्व बताया गया है।
बेल पत्थर ॐॐॐॐॐ
बेलपत्र भगवान के तीसरे नेत्र का प्रतीक है। तीन पत्तियों वाला बेलपत्र शिव को बहुत ही प्रिय है। इसीलिए उनकी पूजा में तीन पत्तों वाले बेलपत्र को चढाना विशेष फलदाई माना गया है ,और ध्यान रहे कि किसी भी पत्ते में कोई छेद या कीड़े का निशान ना हो। बेलपत्र को हमेशा उल्टी तरफ से चढ़ाया जाता है। शास्त्रों में ऐसा माना गया है कि एक करोड कन्याओं के कन्यादान के समान एक बेलपत्र चढ़ाने के समान है। यह भगवान के तीन नेत्रों का प्रतीक है।
आक का फूल ॐॐॐॐॐ
शास्त्रों के अनुसार शिव पूजा में आंकड़े के फूल सोने के 100 फूलों के बराबर फल देता है। आक के फूल चढाने से पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है ऐसा हमारे शास्त्रों में बताया गया है।
धतूराॐॐॐॐ
भगवान शिव को धतूरा अत्यंत प्रिय है इसके पीछे पुराणों में ऐसा बताया गया है कि वैज्ञानिक आधार पर भगवान शिव कैलाश पर्वत पर रहते थे यह अत्यंत ठंडा क्षेत्र है ।जहां ऐसा खाने की जरूरत है जो शरीर में गर्मी प्रदान करें वैज्ञानिक दृष्टि से धतूरा एक औषधि का काम करता है ,और वह शरीर को गर्म रखता है। इसी कारण शिव को धतूरा बेहद प्रिय है । शिव पर धतूरा चढ़ाने का मतलब यह नहीं कि वह शिव को प्रिय है बल्कि यह भी माना जाता है कि हमारे विचारों की कड़वाहट को भी खत्म करता है।
भांग ॐॐॐॐ
भांग भगवान भी शिव को अत्यंत प्रिय है ऐसा माना जाता है कि वह हमेशा परमानंद में रहते हैं। समुद्र मंथन करने के बाद शिव ने विष के
को संसार की सुरक्षा के लिए गले में उतार लिया था। भांग को औषधि के रूप में सेवन कर अपने आप को नकारत्मक को खत्म कर मस्तमौला अंदाज बना लिया था।
दूध ॐॐॐॐॐ
सावन मास में दूध का सेवन हम सब के लिए निषेध माना गया है। इस मास में स्वास्थ्य के लिए यह हानिकारक माना जाता है। इसलिए दुघ सेवन ना करते हुए शिव को अर्पित करने का विधान बताया गया है ।
चावल ॐॐॐॐॐ
चावलों को अक्षत भी कहा जाता है जो भगवान शिव को बहुत प्रिय है ।सफेद रंग के चावल और बिना टूटे हुए शिव को अर्पित करने चाहिए ऐसा माना जाता है भगवान शिव की पूजा चावलों के बिना अधूरी मानी जाती है ।इसलिए उनकी पूजा में चावल जरूर रखें ।
चंदन ॐॐॐॐॐ
चंदन से शीतलता प्रदान होती है शिव के मस्तक पर हमेशा चन्दन का लेप की लाईने बनी होती है।चंदन आपके मन को शीतलता प्रदान करता है। इसलिए शिव की पुजा करते समय चन्दन से तिलक जरूर करे।
रुद्राक्ष ॐॐॐॐ
भगवान शिव रुद्राक्ष की उत्पत्ति से मानी गई है ।ऐसा शास्त्रों में कहा गया है भगवान शिव जी 1000 वर्ष तक की समाधि लगाई तब जाकर एक रुद्राक्ष पैदा हुआ था,और महादेव के आंख बंद करने के बाद तीसरे नेत्र से गिरे आँसू से रुद्राक्ष के वृक्ष उत्पन्न हुए थे। एक मुखी रुद्राक्ष सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना गया है जो बहुत ही मुश्किल से प्राप्त होता है ।
वैसे तो यह कहा जाता है भगवान शिव सिर्फ जल से भी खुश हो जाते हैं। बस हमारी भावनाओं भावनाएं सही होने चाहिए। भगवान को किसी दिखावे की नहीं बल्कि भाव की जरूरत होती है ।अगर आपके पास यह सब चीजें नहीं है तो आप जल से शिव को स्नान कराकर भी उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। और अगर शिव अपना आशीर्वाद दे दे तो शायद किसी की जिंदगी बदलते देर नहीं लगती ।उसके घर देर है अंधेर नहीं।
शिव पुजा के लिए निषेध वस्तुए ॐॐ
भूलकर भी ना चढ़ाएं शिव पर यह 8 चीजें जो शिव को बिल्कुल भी पसंद नहीं है।
तुलसी पत्ता, शंख जल , हल्दी ,नारियल पानी ,यह सब चीजें भगवान शिव को नहीं चढाई जाती ।यह सब चीजें विष्णु को तो चढा सकते हैं ,लेकिन शिव को नहीं
इन सब वस्तुओं को शिव के लिए निषेध माना गया है।
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