Tittle- घर में सुख , शान्ति और समृद्धि के लिए कुछ उपाय और टोटके -
हम सब अपने जीवन में सुख समृद्धि और घर में धन-धान्य से भरपूर चाहते हैं। इसके लिए घर में कुछ ऐसे टोटके और उपाय अपनाकर हम बुरी नजर से बच सकते हैं ,क्योंकि हर उपाय का हमारे ग्रह से संबंध होता है। ग्रह नक्षत्र हमारी कुंडली और जीवन को प्रभावित करते हैं इसलिए आप भी यह टोटके अपनाकर अपने घर में सुख समृद्धि और धनवान बनने के लिए उपाय कर सकते हो। जिनमें हमारा पैसा कुछ भी खर्च नहीं हो सकता इसलिए ऐसे उपाय अपनाकर अपने घर में सुख शांति और समृद्धि लाए।
टोटके और अदृश्य शक्ति की शक्ति के चमत्कार-
भौतिक सुख की प्राप्ति के लिए हम कम समय में धनवान, लखपति, करोड़पति बनना चाहते हैं। धनवान होकर की मान मर्यादा पाना चाहते हैं। मगर समय से पहले भाग्य में जो कुछ भी लिखा है उसे ज्यादा प्राप्त नहीं कर सकते ।जन्म और मृत्यु उसके ऊपर लाभ और हानि सब कुछ एक शक्ति के हाथ में है। उस शक्ति को संसार में हजारों नाम दे रखे हैं और शक्ति को एक सेकेंड के लिए भी मत भुलों ।उसे हर पल याद करते रहो उस शक्ति के सामने ही हाथ जोड़ो प्रणाम करो अपने दुख की बातें करोगे तो वह जरूर सुनेगा । अपने दुख लोगों से मत कहो।
वास्तु के अनुसार अग्नि, पवन, धरती ,आकाशश और जल आदी का ध्यान रखने से शुभ कर्म करने से सदाचार से रहने से सुख शांति में धन, बीमारियों से दूर रहता है। इस तरह के कार्य करने से आपको यह कार्य छोटे छोटे हैं पर काम बड़े बड़े सफल हो जाते है।आप इस तरह के काम करके अपने घर में सुख शांति और समृद्धि ला सकते हैं। उपाय बहुत छोटे हैं बस करने के लिए मन में आस्था और विश्वास होना चाहिए, तभी किसी काम को करने में सफलता हासिल होती है।सबसे पहले अपने अंदर विश्वास होना जरूरी है तभी भगवान की भक्ति का हर कार्य उपाय सफल होता है।
सुख समृद्धि के लिए टोटके और उपाय-
1.भोजन हमेशा पूर्व दिशा अग्नि कौण में ही बनाएं ऐसा भोजन रुचिकर होता है, ऐसा भोजन करने से परिवार का स्वास्थ्य ठीक रहेगा और परिवार में प्रेम बना रहेगा।
2.घर में कांटेदार पौधे एवं तोड़ने पर दुघ जैसा रस निकलने वाले पौधे ना रखें गमले में हरे पत्ते फूल वाले पौधे जैसे मनी प्लांट, तुलसी हरी चाय, मीठा नीम, इत्यादि जरूर लगाएं यदि जगह हो तो छोटे फल वाले वृक्ष भी जरूर लगाएं जैसे आम ,अमरूद चीकू।
3.मुख्य दरवाजे के ऊपर चढ़ाव के नीचे बिजली का मीटर कट, आउट बालक, ट्यूबलाइट पानी की मोटर सीढियों के नीचे लैट्रिन बाथरूम पूजा स्थल नहीं होना चाहिए ,ऐसा होने पर आकरण कष्ट ,कलेश,व मांगलिक कार्य में बाधा है और मानसिक तनाव बना रहेगा।
4.हर दरवाजे एव खिड़की में हल्के रंग के परदे लगाकर रखें, मुख्य दरवाजे के पर्दे के नीचे घुंघरू या छोटी-छोटी घंटी लगा लेना ऐसे करने से पोजिटिव ऊर्जा का प्रभाव बना रहता है।
5. सोते समय सराहना दक्षिण दिशा की ओर रखने से आयु व धन,यश बढता है और पूर्व की ओर रखने से विद्या में बढ़ोतरी होती है, उत्तर की और सिर रखने से आयु की हानि होगी।
6. परिवार की सभी सदस्यों की हंसमुख फोटो ड्राइंग रूम में जरूर लगाएं ऐसा करने से परिवार में प्रेम बना रहता है।
7. पानी का इनलेट आउटलेट पर मकान के फर्श की ढलान ईशान कोण में ही होना जरूरी है।
8.स्वास्तिक चिन्ह में सबसे ज्यादा औरा शकती है ,आधुनिक वैज्ञानिकों ने यह खोज की है यंत्रों से नापा भी है सभी जगह इस मांगलिक चिन्ह का उपयोग करना चाहिए। अपने मकान के मेन दरवाजे के ऊपर 9 इंच चौड़ा और 9 इन्च सिंदूर या किसी चीज से बनाएं घर में शांति और खुशियां रहेंगी।
9.घर से किसी भी काम के लिये निकलते समय मन ही मन तीन बार नारायण नारायण मंत्र का जाप करे और अपने इष्ट देव का समरण करे फिर दाहिना पैर आगे रखकर चलना शुरू करें। ऐसा करने से सभी कामों में सफलता मिलेगी।
10. किसी काम पर जाने से पहले माता पिता के चरण छुये और अपने पितरों के फोटो पर फूल रखें और नमस्कार करें सफलता अवश्य मिलेगी।
11. अपने इष्ट देव की पुजा नियत समय पर निश्चित समय पर नियमित रूप से करनी चाहिए।
12. सुबह शाम घर में अपने इष्ट देव के सामने घी का दीपक अगरबत्ती जरूर जलाये हो सके तो शाम को वक्त गुग्गल लोबान की धूप प्रत्येक कमरे में दे ऐसा करने से बाहरी भटकती आत्माओं के दुष्प्रभाव से आपको राहत मिलेगी आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होने लगा।
13. यदि घर में शंख है तो शाम को समय जरूर बजाना चाहिए, इससे लक्ष्मी का स्थाई निवास होने लगता है तथा नकारात्मक ऊर्जा सकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती हैं, ऐसा करने से भगवान अदृश्य रूप से आपकी मदद करते हैं ऐसा अनुभव आपको अवश्य होगा।
14. दुकान समय पर खोलें और समय पर बंद करें दुकान में साफ सफाई करने के बाद दुकान में पानी की कुछ बूंदे गोमूत्र से पवित्र जल छोड़कर अपने इष्ट देव की फोटो के सामने दीपक और अगरबत्ती भी जलाये नियमित रूप से इस देव के फोटो के सामने प्रसाद के रूप में मीठा जरूर रखे ऐसा करने से व्यापार में उन्नति होने लगती है।
15.घर में संगीत का सामान कभी ऊपर ना रखे हमेशा घर के किसी कोने मे रखे है ऐसा करने से किसी भी प्रकार का भय नहीं रहेगा और परेशानियों से बचाव होता रहेगा।
16 ऑफिस में पीछे दरवाजा नहीं होना चाहिए पुर्व की तरफ मुंह करके बैठने पर सफलता मिलती है ।
17 विद्यार्थियों को लिखना पढ़ना सभी कार्य पुर्व दिशा में मुह करके करने चाहिए।
18. रूम के चारों कोने में किसी भी कोने में कीमती सामान तिजोरी ,लॉकर ,जरूरी दस्तावेज फाइले नहीं रखें।
19.मकान का दक्षिण-पश्चिम भाग भारी और सबसे ऊंचा रखना आवश्यक लाभदायक है.
20. मकान का मुख्य दरवाजे सबसे बड़ा और सुंदर कलात्मक हो उस पर स्वास्तिक चिन्ह ओम श्री रिद्धि सिद्धि और मांगलिक चिन्ह बनाना शुभ रहता है.
21. दरवाजे के सामने किसी भी प्रकार की रुकावट ,बड़ा पेड नहीं होना चाहिए ।
22.मकान के सामने वाले दरवाजे पर कभी भी कभी भी काला रंग ना करें ,ऐसा करने से बदनामी मिलेगी नुकसान होगा अशुभ है और अमंगल कारी है ।
23. घर में खिड़कियां दरवाजे टूटे नहीं हो फर्श उखडा हुआ नहीं हो वरना धन का नुकसान हो सकता है।
24.परिवार के सभी सदस्य कम से कम एक समय जमीन पर बैठकर भोजन अवश्य करें,ऐसा करने से घर में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है और भोजन हमेशा पूर्व या उत्तर मुख करके खाएं.
25.घर को हमेशा साफ सुथरा रखें मकड़ी के जाले दीवार पर धुल ना होने दे,रात्रि में कभी भी झूठे बर्तन नहीं रखें ऐसा करने से घर के व्यक्तियों को आकरण तकलीफों का सामना करना पड़ता है।
26. रोजाना घर में भोजन बनाने के बाद सबसे पहले अपने इष्ट देव को भोग लगाये, भोजन से पहले एक रोटी गाय को ,एक कुत्ते को ,एक रोटी टुकड़े छत पर को हुआ पक्षियों के लिए डाल देनी चाहिए। ऐसा करने से घर में हमेशा बरकत रहने लगती हैं।
27.पका भोजन हमेशा सफेद कपड़े से ढक कर रखें ,शादी वाले घर में भोजन जहां पर पका हो वहां पर भी का दीपक जरूर जलाएं ,सबसे पहले उस भोजन को अपने इष्ट देव का भोग लगाएं उसके बाद ही मेहमानों को भोजन परोसे।
28.रोजाना सूर्योदय से पहले उठे नित्यक्रम से निवृत्त हो स्नान कर सूर्य भगवान को जल में थोड़ा सा गुड़ मिलाकर अरग दे, सूर्य नवग्रह में प्रधान ग्रह हैं।
29.ऐसी मानता है कि दोपहर 12:00 से 1:30 के बीच अभी सभी आत्माएं भटकती रहती हैं अतः किसी भिखारी मांगने वाले को खाली हाथ या तिरस्कार करके ना भगाये, उसे कुछ ना कुछ खाने को जरूर दें ।यदि कुछ भी ना कर सके तो कम से कम एक गिलास ठंडा पानी पिला दे ,ऐसा करने से आकस्मिक दुर्घटनाओं से परिवार की रक्षा हो कर घर में बरकत होने लगती हैं।
30 .घर में झाड़ू या लकड़ी कभी भी खड़ी अवस्था में ना रखें, ऐसा करने से आपके शत्रु बढने लगते हैं।
31. कभी भी गुल्लक के चिल्लर नहीं गिनने चाहिए ,नोटों का हिसाब हमेशा रखें।
32.जिस घर में गलत तरीके से कमाया हुआ धन आता है। उस परिवार के सदस्य कभी सुख चैन से नहीं रह पाते ,कठिन परिश्रम ईमानदारी से कमाया हुआ धन में घर में सुख शांति मिलती है.
33. हमेशा पैसों का लेनदेन सीधे हाथ से करें ग्राहकों से भी पैसे सीधे हाथ से लेने ऐसा करने से दुकान में चोरी एवं नुकसान होने से बचाव होता है और दुकान की बिक्री बढ़ने लगती है.
34.घर में कोई भी आए उसे बिना कुछ खिलाएं नहीं जाने देंगे भी कुछ भी खाने को नहीं है तो कम से कम एक गिलास ठंडा पानी अवश्य पिलाएं ऐसा करने से आपके घर में बरकत आने लगती है।
35. सवा किलो काले चने सोमवार की रात को पानी में भिगोकर मंगलवार की सुबह बंदरों को खिलाएं ऐसा करने से प्राणी के संकट कट जाते हैं, और यह सब विश्वास और आस्था से करें।
36. प्रत्येक सोमवार को सवा किलो गाय का कच्चा दूध शिवलिंग पर आस्था सहित ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए चढ़ाने से ऐसा करने से आपके कष्ट दूर होंगे और मन को शांति मिलेगी।
37.नित्य नहाने के बाद पूजा पाठ करने के बाद और सूर्य देव को जल देने के बाद अपने मस्तक पर केसर का तिलक जरूर लगाएं ऐसा करने से आपको शांति और सफलता मिलेगी.
38.सोकर उठते ही तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीने से दिनभर 10,12 गिलास पानी जरूर पीये, ऐसा करने से आप तनाव से दूर रहेंगे।
39.शनिवार को नया कार्य शुरू नहीं करें बुधवार को सुबह 11:00 बजे से तो शुक्रवार को शुरू किया गया कार्य हमेशा सफल रहता है.
40. शनिवार के दिन पीपल के पेड़ में मीठा पानी ,मीठा चावल व तेल देने और छूने से धन लाभ होता है।
41. गुरुजी के अनुसार हजामत करवाने
का दिन बुधवार अति उत्तम माना गया है।
42. तेल की मालिश करने का दिन सोम बुध और शनि अति उत्तम माना जाता है।
43. घर में सुख शांति और समृद्धि के लिए प्रतिदिन तीन रोटी कुत्ते को एक गाय को और एक कौवे को डालने से घर पर आने वाले सभी समस्याओं की छाया अपने आप दूर होने लग जाती हैं।
44. कभी-कभी रविवार को अपने सिरहाने पर दूध की थैली रख कर सोना चाहिए अगले दिन सुबह उसे चलते पानी नदी या नहर में डाल देने से मानसिक परेशानियों का अंत होने लगता है और रात को अच्छी नींद आती है।
45. 43 दिन लगातार मछलियों को चावल खिलाने से बिगड़े हुए कार्य बनने लगते हैं और घर पर आई हुई और हर तरह की विपत्ति दूर हो जाती हैं।
46. चलते पानी में एक संतरा बहा देने से हर तरह का काम बनने लग जाता है,
ऐसा हमारे शास्त्रों में बताया गया है.
47. नीलम रत्न के साथ कभी भी भूलकर पुखराज नहीं पहनना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से लाभ के स्थान पर आपको हानि हो सकती है।
48. जब कोई भी काम है आपका नहीं बन रहा हो तो 10 अंधे लोगों को भोजन करवाना चाहिए कार्य बनने के रास्ते अपने आप खुल जाएंगे .
49.
43 दिन लगातार माथे के ब्रह्म स्थान पर केसर या हल्दी का तिलक लगाने से व्यापार चलने लगता है, नौकरी लग जाती है और आर्थिक स्थिति सुधारने लग जाती है।
50. असफलता को दूर करने के लिए शमशान घाट में एक तांबे का सिक्क चुपचाप डाल दे।
51. कभी भी सोने में नीलम नहीं पहनना चाहिए । यश में कमी के साथ-साथ परेशानियां बढ़ जाएंगी।
52. रक्षा रेखा व मंत्र सिद्ध करने के लिए या किसी सुनसान जगह पर व्यतीत करने के लिए अपने चारों ओर जल या शुद्ध कोयले की रक्षा की रेखा खींच लेनी चाहिए लक्ष्मण जी ने सीता जी की कुटी के आसपास जो रक्षा रेखा खींची थी उसी सथान पर रक्षा मंत्र बनाया गया था जिस का उल्लंघन सीता माता ने किया या और फिर रावण ने सीता माता को जबरदस्ती उठाकर ले गए थे।
इस मन्त्र को 108 सूत्रों द्वारा सिद्ध कर लेना चाहिए रक्षालेखा मंत्र 1 बार सिद्ध कर लेने पर वह जीवन भर के लिए हो जाता है उसे दोबारा सिद्ध करने की जरूरत नहीं पड़ती।
रक्षा रेखा मंत्र इस प्रकार है-
मामभिरक्षय रघुकुलनायक घृत बर चाप रुचिर कर सायक ||
53. अगर आपका छोटा बच्चा हर चीज की जिद करता हो तो उसके लिए चावल और चीनी को मिलाकर चीटियों के घर के आसपास प्रतिदिन डालना चाहिए ऐसा करने से बच्चे की जीद ठीक होने लग जाती है।
54. सुबह - शाम घर में अपने ईष्ट देव के सामने घी का दीपक एवं अगरबत्ती जलायें । हो सके तो शाम के वक्त गुगल लोबान की धूप प्रत्येक कमरे में देवें । ऐसा करने से बाहरी व भटकती आत्माओं के दुष्प्रभाव से आपको राहत मिलेगी एवं आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होने लगेगा ।
55. घर और ऑफिस को नजर दोष को दुर करने के लिए नींबू मिर्ची को मुख्य दरवाजे पर टांग दे । जब वह सुख जाते है तो दोबारा बदल ले।
प्रतिदिन देव पूजा अवश्य करनी चाहिए यदि वेद मंत्र अभ्यस्त ना हो तो अगमोतक मंत्र से यदि यह भी अभ्यस्त ना हो तो ना मंत्र से और यदि यह भी संभव ना हो तो बिना मंत्र के ही जल ,चंदन आदि चढ़ाकर पूजा करनी चाहिए। कल्याण चाहने वाले एक मूर्ति की पूजा ना करें किंतु अनेक मूर्ति की पूजा करें इससे कामना पूरी होती है। गंगा जी में शालिग्राम शिला में तथा शिवलिंग में सभी देवताओं का पूजन का और विसर्जन किया जा सकता है।
तुलसी दल का चयन कैैसे करें-
स्कंद पुराण का वचन है कि जो हाथ तुलसी चुनते हैं वह धन्य हैं तुलसी का एक पत्ता ना तोड़ कर पतियों के साथ अग्रभाग को तोड़ना चाहिए, तुलसी की मंजरी सब फूलों से बढ़कर मानी जाती हैं मजरी तोड़ते समय उसमें पत्तियों का रहना भी आवश्यक माना गया है। निम्नलिखित मंत्र पढ़कर पूजा भाव से पौधे को हिलाए बिना तुलसी के अग्र भाग को तोड़े इससे पूजा का फल कई लाख गुना बढ़ जाता है।
बिल्व पत्थर तोड़ने का समय
चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या तिथियों को सक्रांति के समय और सोमवार को बिल्वपत्र ना तोड़े ,किंतु बेल पत्र शंकर जी को बहुत प्रिय है, इसे निश्चित समय से पहले दिन का रखा हुआ बिल्वपत्र चढ़ाना चाहिए ।शास्त्र ने तो यहां तक कहा है यदि नुतन बेल पत्र ना मिले सके तो चढ़ा हुआ बेल पत्र को भी धो कर आप बार-बार चढ़ाते रहें।
भगवान पर फूल चढ़ाने की विधि-
बासी जल फूल का निषेध जो फूल पत्ते और जल बासी हो गए हो उन्हें देवताओं पर ना चढाए किंतु तुलसी दल और गंगाजल कभी बासी ही नहीं होते । तीर्थों का जल भी कभी बासी ही नहीं होता। सोने के आभूषण को भी बासी दोष नहीं आता। माली के घर में रखे हुए फूलों में बासी दोष नहीं आता। तुलसी की भी एक तरह का पौधा होता है जो भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है, स्कंद पुराण में आया है कि दौना की माला भगवान को इतनी प्रिय है कि इसे सूख जाने पर भी स्वीकार कर लेते हैं। मणि, रतन, स्वर्ण, वस्त्र आदि से बनाए गए फूल कभी बासी ही नहीं होती इन्हें आप किसी भी टाइम चढा सकते हो।
पुष्पादि चढ़ाने की विधि-
फल ,फूल और पत्ते जैसे उगते हैं वैसे ही इन्हें भगवान पर चढ़ाना चाहिए। उत्पन्न होते समय इनका मुख ऊपर की ओर होता है इसलिए चढ़ाते समय भी इनका मुख उपर की ओर ही रखना चाहिए। इनका मुख नीचे की ओर ना करें ।दुर्वा एवं तुलसी दल को अपने और बेलपत्र नीचे मुख पर रखकर चढाना चाहिए। इन से भिन्न पत्तों को ऊपर कर या नीचे मुख कर दोनों ही प्रकार से चढाया जा सकता है ।दाहिने हाथ के करतल को उतारकर मध्य में अनामिका और अंगूठे की सहायता से फूल चढ़ाने चाहिए।
फुल उतारने की विधि चढ़े हुए फूलों को अंगूठे और तर्जनी की सहायता से उतारे पूजा में बसी जल का निषेध है।
भगवान शंकर के प्रिय फूल-
भगवान शंकर की पूजा में बेलपत्र, कमल का फूल, धतूरे का फूल, आंक का फूल, शमी पत्र ,भांग, जलधारा अवश्य चढाये जाएं क्योंकि उन्हें यह अति प्रिय हैं ।तुलसी पत्र, सालगराम श्री कृष्ण भगवान और विष्णु भगवान के प्रिय है ,और शिव को भूलकर भी कभी तुलसी ना चढ़ाएं
देव पूजा के लिए सामग्रियां-
शंख, घंटा ,पंचपात्र , आचमनी, आसन, दीपक ,दिपक, रोली, मौली चंदन, चीनी, कच्चा दूध, दही, गुलाल ,धूप ,सुपारी ,तिल ,पंच रतन, पीली सरसों ,कपूर, लोंग, इलाइची, नारियल ,पान, कलश फल, फूल दूर्वा, प्रसाद चौकी,आसन, और बर्तन यह सब सामग्रियां देव पूजन के लिए जरूरी है। अगर यह सब संभव नहीं है तो भगवान सिर्फ मन की पूजा से भी खुश हो जाते हैं, बस शर्त इतनी है कि मन में आस्था और विश्वास होना चाहिए भगवान किसी दिखावे की जरूरत नहीं है।
Last alfaaz-
अगर आपको यह देव पूजन की विधि विधान और सब कुछ वास्तु टिप्स अच्छे लगे हो तो आप मेरे इस लेख को अपने चाहने वाले और दोस्तों में जरूर शेयर करें।
Disclaimer- यह सब उपाय हमारे धर्म शास्त्रों और ग्रंथों से दिए गए हैं जिनका उल्लेख अक्सर हमारे ग्रंथों में पाया जाता है इनमें हमारा खुद का कोई योगदान नहीं है।
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