कन्या के शीघ्र विवाह के लिए उपाय || कन्या के रिश्ते के लिए विशेष उपाय || रिश्ते के लिए चमत्कारी टोटके || vastu tips for marriage |



Tittle- कन्या के शीघ विवाह के लिए उपाय -
हर मां-बाप की इच्छा होती है कि उनकी बेटी का विवाह सही समय पर अच्छा घर और वर बहुत अच्छा मिले और सही समय पर हो जाए और वह अपने जीवन साथी के सुखी  साथ अपना घर संसार बसाए।  कई बार कुछ ऐसी परस्थितियां बन जाती हैं कि कन्या के रिशता तय होने में देरी  होती चली जाती है।
 कई बार कन्या के लिए योग्य वर नहीं मिलता है तो कई बार उम्र का अंतर उसकी शादी में बाधा आ जाती है, तो वहीं कई बार सारी बातें बन जाने के बाद भी विवाह नहीं हो पाता है।
ऐसे में किसी भी माता-पिता का अपनी बेटी के विवाह के लगातार टलते जाने को लेकर चिंता होना एक आम समस्या है। 
आइए जानते हैं कन्या के शीघ्र विवाह के सरल-सहज उपाय, जिसे करते ही चमत्कारिक रूप से कन्या के हाथ शीघ्र ही पीले होते हैं।
1. कन्याएँ प्रतिदिन सुबह और शाम 7 बार कुन्ती - माता और 7 बार सीता -माता का नाम उच्चारण करें तो उन्हें अच्छे स्वभाव और धार्मिक प्रवृत्ति वाला पति मिलता है ओर वे प्रतिव्रता रहेगी ।

मन्त्र इस प्रकार है -
हे गौरि शंकराधांगी यथा त्वं शंकरप्रिया । तथा मां कुरु कल्याणि कान्तकान्ता सुदुर्लभाम्......
पार्वती जी के चित्र पर चन्दन, पुष्प चढ़ाकर उपर्युक्त मन्त्र की सात या ग्यारह माला जाप करे तथा प्रार्थना करें , फिर रामायण में ' जय जय गिरिवरराज किसोरी ( मानस बाल) से लेकर मंजुल मंगल मूल बाम अंग फरकन लगें तक श्रद्धाविश्वासपूर्वक पाठ करे।

 2. कन्या के शीघ्र विवाह की कामना को पूरा करने के लिए अपनी बेटी को गुरुवार का व्रत करवाएं और इस देवगुरु बृहस्पति का आशीर्वाद पाने के लिए गुरुवार के दिन केले का पूजन जरूर करवाएं. कन्या के शीघ्र विवाह के लिए यह अत्यंत प्रभावशाली उपाय है

3.कन्या के रिश्ते के लिए भगवान शिव और पार्वती की पूजा का उपाय अत्यंत चमत्कारी है. इसके लिए विवाह योग्य कन्या को पर्दोष व्रत रखना चाहिए।

4.कोरे कागज पर लाल स्याही से सवा लाख बार राम - राम लिखें। कागज के एक ही तरफ लिखे कागज पर लाइनें ना हो ।

5. रामायण में राम विवाह के प्रसंग में मॉडवी श्रुतिकीरति ' छन्द से पाठ आरम्भ करके वहीं पर पाठ की समाप्ति करें। जबतक विवाह ना हो , तब तक कोई एक उपाय करते रहना चाहिए।

6. विवाह योग्य कन्या जब कभी भी किसी लड़की की शादी में शामिल हो तो उसे दुल्हन के लिए लगाई जाने वाली मेंहदी में थोड़ी सी मेंहदी अपने हाथों पर लगाना चाहिए. इस उपाय को करने पर उसे शीघ्र ही सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है। 

7.अविवाहित कन्या किसी विवाहोत्सव में दूल्हा-दुलहन के पास इस तरह खड़ी हो जाए, कि दूल्हे पर फेंके जाने वाले अक्षत ( चावल) उसके ऊपर भी गिरें. इस उपाय को करने से भी कन्या का शीघ्र विवाह होता है।

8. पीला खाएं, पीले वस्त्र  पहनें-

ज्योतिषशास्त्र में गुरू को विवाह का प्रमुख कारक माना गया है। गुरू की स्थिति अनुकूल नहीं होने पर विवाह में देरी होती है। गुरू को अनुकूल बनाने के लिए गुरूवार के दिन पीला वस्त्र धारण करना चाहिए। चने की दान, केला, हल्दी एवं केसर का सेवन लाभप्रद होता है। संभव हो तो गुरूवार का व्रत भी कर सकते हैं, लेेकिन इस दिन केेेला न खाये।

9. युगल भगवान की पूजा करें
कभी भी अकेले शिव, राम या कृष्ण की पूजा नहीं करें। इससे विवाह में देरी होती है। विवाह में देरी से बचने के लिए शिव पर्वती, राम सीता अथवा कृष्ण राधा की युगल प्रतिमा की पूजा करें। आप जिन युगल की पूजा करें। पूजा के पश्चात उनकी चरणरज लेकर मांग भरें। 

11. हर गुरुवार और पूर्णिमा पर वट वृक्ष की 108 परिक्रमा करें। गुरुवार को वट वृक्ष, पीपल, केले के वृक्ष पर जल अर्पित करें। 

12. गुरु-पुष्य योग में केले की जड़ को निकालकर किसी भी शुक्लपक्ष के गुरुवार को पीले कपड़े में सिलकर अविवाहित कन्या की बाईं बांजु पर बांधें दे और केले की जड को बुधवार को निकाल कर लाये।

13. पुराना खुला हुआ  ताला (बगैर चाबी का) कन्या के पूरे शरीर के उपर से घड़ी की विपरीत दिशा में 6 बार घुमाकर उस ताले को चुपचाप चौराहे पर रख आएं और  फिर पीछे मुड़कर न देखें। ऐसा शुक्ल पक्ष के हर वृहस्प्तिवार को कम से कम तीन बार  करें। कन्या का शीघ्र विवाह हो जाएगा। यह क्रिया वृहस्पतिवार को रात्रि में करनी है।

14. बहनों से अनुरोध है कि वे कातर हदृय से भगवान से प्रार्थना करें और प्रतिदिन माता पार्वती के मंढवाये हुए चित्र पर चन्दन , पुष्प चढ़ाकर नीचे लिखे मन्त्र की 11 माला का जप करें । अगर 11 ना  हो तो 5 माला ( 108 दानों की एक माला ) का जाप अवश्य करें। और अन्त मे माँ पार्वती से प्रार्थना करें ऐसा करने से कई जगह बहुत शीघ्र सफलता मिली है ।
 मन्त्र- 
 हे गौरि शंकराधांगी यथा त्वं शंकरप्रिया' या मां कुरु कल्यानि कान्तकांता सुदुर्ललाभाम्
यह वर प्राप्ति का अनुभूत मन्त्र प्रयोग है।

15. अनेक शिक्षित योग्य कन्याओं को सुयोग्य वर ना मिलने की वजह उनके माता-पिता तथा परिवार वाले बड़े चिंतित रहते हैं और कन्याए भी मन ही मन चिंता में घूलती रहती हैं।
इस मनोकामना पूर्ति के लिए निम्नलिखित मन्त्र का प्रयोग उनके माता पिता या कन्या कोई भी कर सकता है। मनोकामना के लिये यह सब पाठ या मन्तर विधिपूर्वक करना चाहिय। प्रात: उठकर एक बार नवदुर्गा को प्रणाम करते हुए इसका मन्त्र का पाठ करे। 

स्मरण - सर्वमंगलमांगलये शिवे सर्वार्थ साधिके, शरण्ये त्रयम्बिके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते ।।
 स्नानादिक से निवृत्त होकर प्रथम इस मन्त्र से सूर्य को 4 बार अर्घ्य दे तथा 7 बार प्रदक्षिणा करें और सूर्य  मंत्र - ॐ एहि सूर्य सहस्त्रंशो तेजोराशे जगत्पते अनुकम्पय मां भक्त्या गृहाणाध्यं नमोस्तुते ।। 

जाप मन्त्र: - हे गौरि शंकराधांगी ! यथा त्वं शंकरप्रिया तथा मां कुरु कल्याणि , कान्त - कान्तासु दुर्लभाम् ।।
विधि- प्रातः पार्वती  मूर्ति के सामने । माला ( श्रीगौर्य नमः ) से पूजा तथा 3 बार मूर्ति प्रतिमा के माँग में सिन्दूर भरे , फिर जाप समाप्ति पर जय जय गिरवर राजकिशोरी ,जय महेश नम्बर मुख " चन्द्रचकोरी ” से “ वामअंग फरकन लगे (  यह पुरा दोहा आपको रामचरितमानस में पेज नम्बर .235 से 236  मिलेगा
 इस मन्त्र को शिव पार्वती मन्दिर में या घर में प्रतिमा के सामने पंचोपचार पूजन कर 3-5- या 7 माला लाल चन्दन , हरिद्रा ,तुलसी या कमल गट्टा की माला से  कर सकते हैं । पुजा करते समय पूर्व या उत्तर मुख करके जाप करे।
 इस प्रयोग के 10 दिनों के अंदर अवश्य फल मिलेगा।

16.केले की जड का उपाय- 

बुधवार के दिन केले की जड़ का एक टुकड़ा निकालने और फिर अगले दिन बृहस्पतिवार को केले की जड़ को पीले कपड़े में बांधकर जिस लड़की की शादी करना चाहते हो उसकी दाहिनी बाजू पर बांध दे। इस प्रयोग के करने के बाद 1 महीने तक  ही रिश्ते की बात बन जाएगी। यह बहुत  सारे लोगों का अनुभूत प्रयोग है
  एक बात का विशेष ध्यान रहे केले की जड़ निकालने के लिए चंद्र रात्रि में ही निकाले अंधेर रात्रि के में नही।

17. पर्दोष व्रत का महत्व-
जिन लड़कियों के रिश्ते में  जयादा अड़चन आ रही होती है ,उनके लिए प्रदोष व्रत करना भी बहुत लाभकारी है जो महीने में त्रयोदशी तिथि को एक बार ही आता है, और जिस में शिव और पार्वती की पूजा की जाती है। इसकी पूजा के लिए शाम का टाइम सबसे उत्तम माना गया है जो 5 और 6 के बीच का विशेष टाइम होता है। शास्त्रो में कहा जाता है जो भी आप भगवान् से मांगते है वह बहुत जल्दी पुरा होगा।

Last alfaaz-
बेटीयो  को दे सस्कारो का दहेज -
बेटी को घर के कार्य में दक्ष करें ताकि वह अपने ससुराल में कोई काम करने में हिचकिचाहट ना हो। अगर आप अपने बेटी को संस्कारों का दहेज देंगे तो आपकी बेटी सम्मान व इज्जत पाएगी ।जो आपके द्वारा दिए गए मूल्यवान उपहार देने से कभी नहीं हो सकती ।अमूल्य संस्कारों से आपकी बेटी उम्र भर खुशियों के साए तले सुख में जीवन व्यतीत कर सकती है। मां की शिक्षा बेटी का घर बनाने व उजाड़ने में काफी सहायक होती हैं।
बेटी की शादी के लिए अगर आपको यह कोई भी उपाय करना हो तो श्रद्धा और विश्वास में ही भगवान बसते हैं। अगर आपको यह उपाय अच्छे लगे हैं और आपके किसी रिश्तेदार के यहां इस प्रकार की कोई अड़चन हो तो उन्हें जरूर शेयर करें।
Posted by kiran

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