फूलों की सुंदरता का वर्णन करना शब्दों में मुमकिन ही नहीं नामुमकिन है ,क्योंकि कुदरत ने फूलों में इतने सुंदर रंग दिए हैं जिनका हम शब्दों में वर्णन नहीं कर सकते। फुल कुदरत की एक औनोखी और अदभुुत रचना है । जिसको हम सिर्फ अनुभव और देख सकते हैं। धरती पर मानो खुदा ने फूलों से सिंगार कर रखा हो । इन्सान चाहकर भी इतने रगं अपनी पैसिल से नहीं बना सकता जितने
इंसानों की जिंदगी में फूलों के इस महत्व को इस बात से भी समझा जा सकता है कि फूल कई देशों की स्थानीय संस्कृति का हिस्सा रहे हैं और उनके अस्तित्व का शुक्रिया अदा करने के लिए विश्वभर में फूलों से जुड़े कई त्यौहार मनाए जाते हैं.
फूलों से जुड़े कई तरह की पुष्प प्रदर्शनियां भी लगाई जाती हैं. इन उत्सवों के जरिए स्थानीय लोग और विदेशी पर्यटक स्थानीय संस्कृति के साथ-साथ त्यौहार के अनुभव का भी आनंद लेते हैं.
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फूलों को बहुत जल्दी बड़ा करने के लिए घेरेलू उपाय:----
इसके इलावा कई बार होता है कि हमारे बगीचे के पौधों में फंगस लग जाती है जिसके कारण पौधे मुरझा जाते हैं व उनकी चमक भी खो जाती है ।
इस कमी को दूर करने के लिए आप एक गैलन पानी में एक डिस्प्रीन मिला दें जिसके कारण पौधों में फंगस नहीं लगेगा और आपके बगीचे की ताजगी बरकरार रहेगी।
गोबर की खाद:-------
मार्केट में मिलनेवाले केमिकल फर्टिलाइजर्स भी प्रयोग करती हूँ। इसके लिये हम बाजार से नीम, सरसों या मूंगफली की खघ भी खाद के रूप में इस्तेमाल की जाती है। इनमें प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है।
खाद मोटे तौर पर 2 तरह की होती है।
आमतौर पर किसी अच्छी नर्सरी से ऑर्गेनिक खाद के पैकेट मिल जाते हैं। इनमें नीमखली, बोनमील, सरसों खली, कंपोस्ट वगैरह शामिल हैं। ये आमतौर पर 40 से 80 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिलती हैं। आमतौर पर पौधों को लगाते समय और दोबारा उनके फूल आते समय खाद दी जाती है। वैसे, महीने में एक बार खाद डाल सकते हैं। छोटे पौधों में मुट्ठी भर और बड़े पौधों में दो मुट्ठी खाद बहुत रहती है।
गर्मियों में कम खाद देनी चाहिए।
नोट: --------
धूप है बेहद जरूरी:------
पौधों के लिए धूप जरूरी होती है, लेकिन दोपहर की कड़ी धूप से पौधों को बचाएं। इनडोर पौधों को भी थोड़ी देर के लिए धूप दिखानी चाहिए। इन्हें हफ्ते में कम-से-कम 3 दिन सुबह के वक्त डेढ़-दो घंटे के लिए धूप में रखें। फिर अंदर रख दें। गर्मियों में पौधों को कड़क धूप से बचाएं।
चाय पत्ती का प्रयोग:--
हम अपने गमलो के लिए बची हुई चाय पत्ती का प्रयोग खाद के रूप में कर सकते हैं। आप चाय बनने के बाद जो चाय पत्ती छलनी में बच जाती है उसको इकट्ठा करके रख ले और चाय पत्ती को इस प्रयोग से आप के गमले के फूल बहुत अच्छे खिलेंगे यह मेरा निजी अनुभव है।
बिनौले की खाद:----
गमले के फूलों को सुंदर और गहरे रंगों के लिए पशुओं पर डालने वाली बिनौला खाद भी डाल सकते हैं। इससे भी पौधों का रंग गहरा और सुंदर रगं होता है। सबसे पहले हम बिनौले को भिगोकर खाद के तौर पर तैयार कर लेंगे और फिर इनको गमलों में डाल दें। यह खाद डालने के बाद गमलो में पानी दे दे।
यह प्रयोग की गमले के फूलों को एक नई जान डाल देता है।
घर पर जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया
आवश्यक सामग्री: रसोई का जैविक कचरा: जैसे सब्जियों के छिलके, फल के टुकड़े, इस्तेमाल की हुई चाय की पत्तियां, कॉफी ग्राउंड्स और बचा हुआ खाना।
बगीचे का कचरा: सूखी पत्तियां, घास, टहनियां आदि।
अन्य सामग्री: गोबर, मिट्टी या तैयार कंपोस्ट, पानी।
संग्रहण हेतु स्थान: लगभग 2 फीट गहरा गड्ढा या प्लास्टिक का कंटेनर।
खाद बनाने की विधि:
सबसे पहले गड्ढे या कंटेनर के निचले हिस्से में सूखी पत्तियों की एक परत बिछाएं।
जैविक कचरे को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर डालें।
सूखे और गीले कचरे को 60:40 के अनुपात में मिलाएं।
अब इस मिश्रण में गोबर और मिट्टी को 50:50 के अनुपात में मिलाएं।
आवश्यक नमी बनाए रखने के लिए हल्का पानी छिड़कें।
गड्ढे या कंटेनर को ढककर छोड़ दें।
हर 7-10 दिन में इसे पलटते रहें ताकि बैक्टीरिया को पर्याप्त ऑक्सीजन मिले।
लगभग डेढ़ से दो महीने में गहरे भूरे रंग की, पोषक तत्वों से भरपूर जैविक खाद तैयार हो जाएगी।
खाद की मात्रा:
पौधों की उम्र, प्रजाति और मिट्टी की उर्वरता के अनुसार खाद की मात्रा निर्धारित करें:
छोटे पौधों के लिए हर महीने डेढ़ से दो मुट्ठी खाद डालें।
दो से तीन महीने पुराने पौधों में हर चार से छह महीने में आधी मुट्ठी खाद डालें।
छह महीने से अधिक उम्र के पौधों में हर महीने उपयुक्त मात्रा में खाद डालें।
खाद डालने का सही तरीका:
गमले में: खाद को मिट्टी में हल्के से मिलाएं और एक दिन बाद पानी दें।
बगीचे में: पौधे के चारों ओर खाद डालकर हल्की मिट्टी से ढक दें।
सावधानियां:
खाद पूरी तरह तैयार होने के बाद ही पौधों में डालें।
पौधे की उम्र और आवश्यकता के अनुसार ही खाद का प्रयोग करें।
खाद डालने के तुरंत बाद पानी न डालें, अन्यथा पोषक तत्व बह सकते हैं।
खाद बनाने के दौरान किसी भी प्रकार के रासायनिक पदार्थ (जैसे बर्तन धोने का पानी या कीटनाशक स्प्रे) न मिलाएं, क्योंकि इससे विषैले तत्व खाद में मिल सकते हैं, जो पौधों के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
इस विधि से आप आसानी से घर पर प्राकृतिक और पोषक खाद तैयार कर सकते हैं, जिससे आपके पौधे स्वस्थ और हरे-भरे रहेंगे।
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