कुलथी की दाल: अनेक रोगों की एक दवा
परिचय-
प्रकृति ने हमें ऐसी अनेक औषधीय वनस्पतियाँ प्रदान की हैं जो हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इन्हीं में से एक है – कुलथी की दाल (Horse Gram)। यह एक पारंपरिक दाल है जिसे हमारी भारतीय रसोई में अक्सर नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है, लेकिन आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में इसे एक चमत्कारी औषधि माना गया है।
कुलथी की दाल न केवल प्रोटीन और खनिजों से भरपूर है, बल्कि यह कई गंभीर बीमारियों में लाभकारी औषधि के रूप में भी जानी जाती है। आइए जानते हैं इसके लाभ, सेवन विधियाँ और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ।
🌿 कुलथी की दाल के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ
1. अस्थमा और ब्रॉन्काइटिस में फायदेमंद
कुलथी की दाल श्वसन संबंधी समस्याओं जैसे अस्थमा, ब्रॉन्काइटिस और सर्दी-खांसी में राहत देती है। यह कफ को पतला करती है और फेफड़ों को साफ रखने में मदद करती है।
2. मूत्र विकारों में लाभकारी
जो लोग बार-बार पेशाब आने, पथरी या मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI) जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं, उनके लिए कुलथी की दाल का पानी अत्यंत फायदेमंद होता है। यह मूत्र प्रणाली को साफ करता है और संक्रमण से बचाता है।
3. बवासीर में उपयोगी
बवासीर के रोगियों को कुलथी की दाल के पानी का नियमित सेवन करने की सलाह दी जाती है। इसमें मौजूद फाइबर और आयरन मल त्याग को सहज बनाते हैं और आंतों की सफाई करते हैं।
4. वजन घटाने में सहायक
कुलथी लो कैलोरी और हाई प्रोटीन फूड है। यह पेट को लंबे समय तक भरा रखता है और भूख कम करता है, जिससे यह मोटापा कम करने मेंमदद करता है।
5. मासिक धर्म संबंधी विकारों में राहत
पीरियड्स के दौरान भारी रक्तस्राव, थकावट और आयरन की कमी से जूझने वाली महिलाओं को कुलथी की दाल अवश्य लेनी चाहिए। यह आयरन की कमी को दूर करती है और कमजोरी से राहत देती है।
6. हड्डियों को मजबूत बनाए
इस दाल में कैल्शियम, फॉस्फोरस और अमीनो एसिड्स की भरपूर मात्रा होती है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाते हैं। जोड़ों के दर्द और ऑस्टियोपोरोसिस में भी यह उपयोगी सिद्ध हुई है।
7. कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करे
कुलथी में मौजूद फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालते हैं, जिससे यह हृदय रोगों से बचाव करता है।
8. लीवर और पाचन तंत्र को रखे स्वस्थ
पीलिया और पेप्टिक अल्सर जैसी बीमारियों में कुलथी उपयोगी है। यह लीवर को डिटॉक्स करती है और पाचन में सहायक होती है।
विशेषज्ञों की राय-
आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार कुलथी की प्रकृति उष्ण (गर्म) होती है। यह शरीर में जमा वात, कफ और अतिरिक्त शुक्र को कम करती है, इसलिए इसका सर्दियों में सेवन अधिक लाभकारी होता है।
सेवन के तरीके-
कुलथी का पानी (Horse Gram Water)
रात को एक मुट्ठी कुलथी दाल को पानी में भिगो दें।
सुबह उसे उबालें और छानकर वह पानी पीएं।
यह तरीका पथरी, UTI और वजन घटाने के लिए बहुत प्रभावी है।
कुलथी की दाल की खिचड़ी या सूप
हरी सब्जियों के साथ मिलाकर खिचड़ी बनाएं।
इसमें अदरक, लहसुन और हल्दी मिलाएं – यह इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करता है।
कुलथी का आटा
कुलथी को सुखाकर पीस लें और रोटी में मिलाकर खाएं।
यह तरीका विशेष रूप से हड्डियों और गठिया रोगियों के लिए लाभकारी है।
ध्यान देने योग्य बातें (सावधानियाँ)
गर्म तासीर होने के कारण गर्भवती महिलाएं और ज्यादा गर्म体 वाले लोग सीमित मात्रा में ही सेवन करें।
गर्मियों में इसका सेवन सुबह या रात के ठंडे समय पर ही करें।
यदि किसी को गैस, एसिडिटी या अल्सर की शिकायत है, तो डॉक्टर से परामर्श लेकर सेवन करें।
अतिरिक्त सुझाव-
कुलथी को अदरक और नींबू के साथ मिलाकर खाने से यह डिटॉक्स ड्रिंक जैसा कार्य करता है।
डायबिटीज़ के रोगियों के लिए भी यह उपयोगी है, क्योंकि यह शुगर के अवशोषण की दर को कम करता है।
रोजाना 1 गिलास कुलथी का पानी पीने से त्वचा भी चमकदार बनी रहती है।
निष्कर्ष-
कुलथी की दाल केवल एक साधारण दाल नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक औषधि है, जो हमें बिना किसी साइड इफेक्ट के कई बीमारियों से बचा सकती है। यदि इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया जाए, तो यह शरीर को स्वस्थ, मजबूत और रोगमुक्त रखने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकती है।
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