नवरात्रि पर्व की विधि विधान
नवरात्रि पर विशेष कया करे:----
अपनी इच्छाओं की पूर्ति करने के लिए दुर्गा कवच, अर्गल स्तोत्र के बाद पढ़ना चाहिए और अंत में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए और जब पाठ समाप्त हो जाए तो उसके सामने रखा हुआ जल से सारे घर में छिड़काव करना चाहिए इसी प्रकार नौ नवरात्रों तक 9 दिनों तक पाठ करना चाहिए।
जहां पर पूजा स्थापना करते हैं, वहा मां भगवती दुर्गा के चित्र के साथ गणेश की मूर्ति, मौली या पीला कपड़ा लपेटकर जरूर रखें।
दुर्गा मां की मूर्ति या तस्वीर के ऊपर लाल वस्त्र या चुन्नी जरुर चढ़ाएं।
नवरात्रि पूजा में फूल ,फल, चावल सुपारी,लाल रंग की वस्तुए आदि सभी समान को जरूर शामिल करना चाहिए।
अगर आप नवरात्रों का व्रत रखते हैं तो एक समय ही भोजन करना चाहिए वह भी बिना अन्न के नवरात्री में सिर्फ फलाहार से ही भोजन किया जाता है।
नवरात्रि का क्या महत्व है...?
नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की नौ दिन पूजा-अर्चना की जाती है। मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए भक्त नौ दिन तक व्रत करते हैं। मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की उपासना करने से माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
किस दिन कौन-सी देवी रुप की होगी पूजा-
पहला दिन: 2 अप्रैल मां शैलपुत्री पूजा
दूसरा दिन: 3 अप्रैल, मां ब्रह्मचारिणी पूजा
तीसरा दिन: 4 अप्रैल मां चंद्रघंटा पूजा
चौथा दिन: 5 अप्रैल मां कूष्मांडा पूजा
पांचवां दिन: 6 अप्रैल मां स्कंदमाता पूजा
छठा दिन: 7अप्रैल मां कात्यायनी पूजा
सातवां दिन: 8अप्रैल मां कालरात्रि पूजा
आठवां दिन: 9 अप्रैल मां महागौरी पूजा
नौवां दिन: 10 अप्रैल मां सिद्धिदात्री पूजा
दसवां दिन: 11अप्रैल व्रत पारण
⚘हमारे शास्त्रों के अनुसार दुर्गा पुजा ऐसी शक्ति है जो आपकी हर मनोकामना को पूर्ण करने में सक्षम है।
अब की बार चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल, 2022 दिन शनिवार से शुरू हो रहे हैं। इन नवरात्रों को हम शरद नवरात्रि भी कहते हैं। इन दिनों में मां दुर्गा की पूजा पूरे विधि-विधान और तन मन धन से करने से मां दुर्गा खुश होकर हमें आशीर्वाद और धन धन्य से भरपूर करती है।
यह नवरात्रि का त्योहार नौ दिनों तक देशभर में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। नवरात्रि को साल भर में दो बार उत्साह और खुशी के साथ मनाते हैं। नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान माता रानी की विधि-विधान से पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं, और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
नवरात्रि के इस शुभ मौके पर जानिए इस त्योहार से जुड़ी खास बातें:----
इस साल चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल, दिन शनिवार से शुरू होकर 10 अप्रैल, तक चलेंगे।
1. चैत्र नवरात्रि 2022 घटस्थापना का शुभ मुहूर्त क्या है....?
चैत्र नवरात्रि 2022 घटस्थापना
शुभ मुहूर्त- 2 अप्रैल की सुबह 05 बजकर 28 मिनट से सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक।
अवधि- 04 घंटे 15 मिनट
घटस्थापना का दूसरा शुभ मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक।
नवरात्रि के दिनो मे क्या करे और कया ना करे ।
नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा-अर्चना व उपासना करनी चाहिए। नवरात्रि के 9 दिन वाद-विवाद से बचना चाहिए। कटु वचन बोलने से बचना चाहिए। इस दौरान बह्यचर्य का पालन करना चाहिए।
Read more- नवरात्रि पर मा दुर्गा की पूजा कैसे करें
यह नवरात्रि का त्योहार नौ दिनों तक देशभर में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। नवरात्रि को साल भर में दो बार उत्साह और खुशी के साथ मनाते हैं। नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान माता रानी की विधि-विधान से पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं, और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
नवरात्रि के इस शुभ मौके पर जानिए इस त्योहार से जुड़ी खास बातें:----
इस साल चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल, दिन शनिवार से शुरू होकर 10 अप्रैल, तक चलेंगे।
1. चैत्र नवरात्रि 2022 घटस्थापना का शुभ मुहूर्त क्या है....?
चैत्र नवरात्रि 2022 घटस्थापना
शुभ मुहूर्त- 2 अप्रैल की सुबह 05 बजकर 28 मिनट से सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक।
अवधि- 04 घंटे 15 मिनट
घटस्थापना का दूसरा शुभ मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक।
नवरात्रि के दिनो मे क्या करे और कया ना करे ।
नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा-अर्चना व उपासना करनी चाहिए। नवरात्रि के 9 दिन वाद-विवाद से बचना चाहिए। कटु वचन बोलने से बचना चाहिए। इस दौरान बह्यचर्य का पालन करना चाहिए।
Read more- नवरात्रि पर मा दुर्गा की पूजा कैसे करें
नवरात्रि के दौरान क्या खाना चाहिए?
नवरात्रि के दौरान सिंघारे का आटा, कुट्टू का आटा, साबूदाना, की खीर ड्राई फ्रूट्स, फव और मखाने आदि खाने चाहिए।
नवरात्रि के दौरान सिंघारे का आटा, कुट्टू का आटा, साबूदाना, की खीर ड्राई फ्रूट्स, फव और मखाने आदि खाने चाहिए।
यह भी पढ़े -भगवान् से प्रार्थना कैसे करें
नवरात्रि पर विशेष कया करे:----
अपनी इच्छाओं की पूर्ति करने के लिए दुर्गा कवच, अर्गल स्तोत्र के बाद पढ़ना चाहिए और अंत में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए और जब पाठ समाप्त हो जाए तो उसके सामने रखा हुआ जल से सारे घर में छिड़काव करना चाहिए इसी प्रकार नौ नवरात्रों तक 9 दिनों तक पाठ करना चाहिए।
जहां पर पूजा स्थापना करते हैं, वहा मां भगवती दुर्गा के चित्र के साथ गणेश की मूर्ति, मौली या पीला कपड़ा लपेटकर जरूर रखें।
दुर्गा मां की मूर्ति या तस्वीर के ऊपर लाल वस्त्र या चुन्नी जरुर चढ़ाएं।
नवरात्रि पूजा में फूल ,फल, चावल सुपारी,लाल रंग की वस्तुए आदि सभी समान को जरूर शामिल करना चाहिए।
अगर आप नवरात्रों का व्रत रखते हैं तो एक समय ही भोजन करना चाहिए वह भी बिना अन्न के नवरात्री में सिर्फ फलाहार से ही भोजन किया जाता है।
नवरात्रि का क्या महत्व है...?
नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की नौ दिन पूजा-अर्चना की जाती है। मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए भक्त नौ दिन तक व्रत करते हैं। मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की उपासना करने से माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
किस दिन कौन-सी देवी रुप की होगी पूजा-
पहला दिन: 2 अप्रैल मां शैलपुत्री पूजा
दूसरा दिन: 3 अप्रैल, मां ब्रह्मचारिणी पूजा
तीसरा दिन: 4 अप्रैल मां चंद्रघंटा पूजा
चौथा दिन: 5 अप्रैल मां कूष्मांडा पूजा
पांचवां दिन: 6 अप्रैल मां स्कंदमाता पूजा
छठा दिन: 7अप्रैल मां कात्यायनी पूजा
सातवां दिन: 8अप्रैल मां कालरात्रि पूजा
आठवां दिन: 9 अप्रैल मां महागौरी पूजा
नौवां दिन: 10 अप्रैल मां सिद्धिदात्री पूजा
दसवां दिन: 11अप्रैल व्रत पारण
⚘हमारे शास्त्रों के अनुसार दुर्गा पुजा ऐसी शक्ति है जो आपकी हर मनोकामना को पूर्ण करने में सक्षम है।
दुर्गा सप्तशती जहां महामाई भगवती दुर्गा के प्रति आराधना तथा अर्चना का सर्वोत्तम साधन है, वही नव दुर्गा पूजन मंत्र शक्ति, तंत्र दोनों दृष्टिकोण से अधिक अचूक हैं। नवरात्रों में दुर्गा का पूजन सभी मनोकामना पूर्ण करता है, बल्कि पुरानी भूल चूक भी मां भगवती क्षमा करती है। सबसे पहले अर्गला सोतत्र फिर क्लिक स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। भगवान् शिव कहते हैं मां भगवती का पाठ करने से पुर्ण फल की प्राप्ति होती है और हमें मनचाहा फल प्रदान प्राप्त होता है।
हमारी सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है इस प्रकार नो नवरात्रि तक तन मन धन से मां दुर्गा की पूजा पूरे विधि विधान और शुद्धि के साथ करनी चाहिए।
हमारी सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है इस प्रकार नो नवरात्रि तक तन मन धन से मां दुर्गा की पूजा पूरे विधि विधान और शुद्धि के साथ करनी चाहिए।
इसमें किसी भी प्रकार का शक नहीं कि मां दुर्गा साक्षात भगवान शिव और मां पार्वती का स्वरूप है। इसलिए जितना हो सके इन दिनों में मां दुर्गा के पूजा में ही लिन रहना चाहिए।
0 टिप्पणियाँ