भगवान् को कैसे देखे | भगवान् से समबन्ध कैसे जोड़े | अदृश्य शक्ति को याद कैसे करें |


भगवान् के दर्शन कैसे करें-
भगवान् नारायण से समबन्ध कैसे जोड़े और उनको अपने दिल की बात कैसे कहे। भगवान से रिश्ता जोड़ना बहुत ही आसान है।  उनको हमसे किसी भी प्रकार वस्तु लेने की भुख नहीं है, बस अगर जरूरत है तो हमारे सच्चे भाव की सिर्फ उनको दिल से पुकरो बस इतना सा करने से ही भगवान् खुश हो जाते है। 
इस संसार की हर दुविधा से मुक्त हो जाते है। जो लोग इस दुनिया में सन्त कहलाये गये हैं, उनहोंने ने भी भगवान् को सिर्फ सच्चे मन और भाव से यिद किया है और वो इस तरह दुनिया में हमेशा के लिए अमर हो गये हैं।
वह लोग इसलिए अमर हो गए क्योंकि उन्होंने हम सब को छोड़कर सिर्फ भगवान को याद किया है उनका सम्मान किया है और मन से किया है, इसलिए लोगों को छोड़कर भगवान को याद करने में कुछ भी खर्चा नहीं है ।
किसी भी प्रकार का बंधन नहीं है, जब चाहो, जहां चाहो, कहीं भी कैसी भी अवस्था में किसी भी समय आप उनको याद कर सकते हैं ।

उनके नाम का जप कर सकते हो और वह आपको हर हाल में स्वीकार कर लेंगे। आप उनसे जो मांगेंगे वह बदले में आपको सब कुछ दे देंगे इससे सस्ता सौदा ना कोई है ना कोई दूसरा होगा।
 जो केवल सिर्फ याद करने से नाम लेने से ही खुश हो जाता है। और आप चाहे जो मांग लो वो आप को सच्चे मन से वह आपको दे देते हैं।
 यहां तक कि वह जन्म मरण के बंधन से भी मुक्ति दे सकता है। भगवान के जप मैं एक अलौकिक विलक्षण ताकत है ।जिससे इंसान का बहुत जल्दी कल्याण हो सकता है। सच्चे मन से भगवान का नाम उच्चारण करने से भगवान कहीं पर भी पहुंच सकते हैं। वह अपने सभी काम छोड़ कर तुरंत आपके पास हाजिर हो सकते हैं। तुरंत कहने में जितना समय लगता है पर उससे भी जल्दी आ जाते हैं। लेकिन भगवान प्रभु को बुलाने की पुकार सच्चे मन से निकलनी होनी चाहिए दिखावे से नहीं, सिर्फ छोटी सी पुकार हे मेरे नाथ, हे मेरे प्रभु में वह शक्ति है कि पापी से पापी के भी सारे पाप कट जाते हैं।

भगवान की आलोचना, तर्क ,शंका यह तीनो अवगुण  मनुष्य को भगवान से दूर ले जाते हैं।  इसलिए दृढ़ विश्वास के साथ भगवान के जप करते रहो। दृढ़ विश्वास ही हमें भगवान के दर्शन करा सकते हैं।
 प्रभु नारायण कहते हैं कोई भी मेरे लिए अगर थोड़े से भी आंसू बहा कर मुझे याद करता है तो मैं मेरे उस भगत के लिए खुशियां और आनंद के सागर भर देता हूं। एक बार आंसू बहा कर तो देखो लोगों की सेवा ही प्रभु की सेवा है। लोगों पर कृपा करो उन पर प्रेम करो और उनके कष्ट दूर करो प्रभु अवश्य प्रसन्न होंगे, और तुम्हारे ऊपर प्रभु फिर कृपा करेंगे अवश्य करेंगे इसमें किसी भी प्रकार का शंका नहीं है।
 प्रभु कथा से मानव के संस्कार सुधरते हैं , प्रभु राम की कथा सुनने से अगर भक्त जनों की आंखों में आंसू की धारा बहने लगे तो अब समझ लेना कि कथा दिल से सुनी हैं।
 

भगवान् के दर्शन कैसे हो-

प्रभू  के दर्शन की प्राप्ति के लिए मन से प्रभु से लो लगाना, चिंतन, भजन ,कीर्तन सुनना,  राम लेखन ध्यान, पूजा पाठ, सेवा करना भगवान के दर्शन करने का दूसरा सरल रास्ता है।
 जीवन बहुत छोटा है हमेशा याद रखें दोनों समय सुबह और शाम नियम पूर्वक श्रद्धा के साथ भागवद ज्ञान या संध्या करो।
नियमित रूप से धर्म ग्रंथों को कुछ अध्याय अवश्य करो।
 संतो के चरित्र , उनकी दिव्य वाणी का अध्ययन करो अगर पढ़ नहीं सकते तो टीवी पर जरूर सुनो, रोज नियमित रूप से कम से कम ढाई हजार शब्दों का  भगवान के नामों का जप अवश्य करो। 
 पूजा प्रार्थना कीर्तन जप, ध्यान के समय सच्चे मन से भीतर से सच्ची भावना सहित आवाज निकलती है कि हे मेरे नाथ, हे मेरे प्रभु तो प्रभु रुक भी नहीं सकते किसी भी कीमत पर उनके सब काम छोड़ सकते हैं, वह तत्काल हाजिर हो सकते हैं।
 कमी बस हमारे विश्वास की होती है अगर आपका विश्वास दृढ़ है तो आपको प्रभु के दर्शन जरूर होंगे। 

प्रभु नारायण तो सिर्फ प्रेम के भूखे हैं। उनको किसी भी प्रकार का आडम्बर दिखावा पसंद नहीं है, इसलिए मन से तन से 24 घंटे उनकी सेवा करने की भावना रखो और ज्यादा से ज्यादा सेवा करने की भी भावना रखो। भगवान के एक बार दर्शन हो जाने पर फिर भगवान बिछड़ते नहीं हमेशा साथ रहेंगे। अदृश्य रूप में और अंत में मुक्ति भी हो जाएगी ।
कलयुग में भगवान राम प्रभु के दर्शन हो जाना एकदम सरल है। पूर्ण भक्ति भाव से सच्चे मन से पूर्ण विश्वास के साथ उनका सम्मान उनका नाम लिखना, उनका जाप, कीर्तन, भजन, सत्संग, तन्मय होकर आंखों में सच्चा हृदय के आंसू बहता हुआ सिर्फ 24 घंटे लगातार उनको सच्चे मन से याद करते रहो तो उनके दर्शन अवश्य पा सकते हो।

 मानव जीवन का उद्देश्य ईश्वर की प्राप्ति है। गृहस्थी जीवन में रहते हुए मनुष्य भक्ति और योग साधना के द्वारा प्रभु को प्राप्त कर सकता है। कलयुग को एक आशीर्वाद है ऐसा माना जाता है कि सतयुग में भगवान के दर्शन इतने आसान नहीं थे जितने कलयुग में हो सकते हैं।

भक्ति मार्ग- 
भगवान को प्राप्त करने के कई तरह के मार्ग है किंतु सबसे श्रेष्ठ और सरल भक्ति का है।
 भगवान स्वयं कहते हैं कि मेरे भक्त मुझे अत्यधिक प्रिय हैं। नारद जी से भगवान कहते हैं कि मैंने न तो वो बैकुण्ठ  में मिलता हूं, और न ही मंदिर में लेकिन जहां मेरे भगत पाँच दस की संख्या में मेरे नाम का उच्चारण करते हैं मेरे विषय में चिंतन मनन करते मैं वहां खुद पहुँच  जाता हूँ । जिसके हृदय में भक्ति आ जाती है उसके दिल में भगवान को आना ही पड़ता है, उन्होंने कहा कि सबरी भीलनी थी लेकिन उसके मन में भक्ति हिलोरें लेती थी,  वह निष्काम भक्ति में लीन थी ,जिसका परिणाम यह हुआ कि भगवान श्री राम अपने छोटे भाई लक्ष्मण के साथ उसकी कुटिया में जा पहुंचे और नवधा भक्ति का ज्ञान प्रदान किया।
 श्री राम ने शबरी से कहा जाति पाति, कुल धर्म बडाई यह सब कुछ मूल्य नहीं रखते। यदि भक्ति का मार्ग अपना लिया जाए तो वह सबसे बड़ा धनवान है।

प्रभु को नित्य धन्यवाद दें-

भगवान प्रभु को नित्य, हर समय, हर मौके पर धन्यवाद देना चाहिए। धन्यवाद देते रहने से आपकी खुशियों में और वृद्धि होगी प्रभु ने हमको क्या नहीं दिया यह जीवन, सुंदर शरीर, हाथ पैर, आंखें ,कान नाक पहनने को वस्त्र, खाने को अन, आभूषण, जीविका के साधन सब कुछ भगवान का ही दिया हुआ है।
 प्रभु को नित्य हर वक्त धन्यवाद देते रहने से प्रभु का एहसान कभी नहीं भूलना चाहिए।
हम सबने  लाखों करोड़ों लोगों को देखा है जो इन सब चीजों से अभावग्रस्त हैं। गरीब हैं, खाने को पैसे नहीं है, पहनने को कपड़े नहीं है ,दान देने को नहीं है, दवाई खरीदने के लिए पैसे नहीं है, बच्चों को स्कूल भेजने के पैसे  नहीं हैं, अगर आपके पास यह सब कुछ है तो इसलिए भगवान को नित्य हर पल धन्यवाद जरूर करें ।
प्रत्येक सफलता और कामयाब होने के लिए भगवान को हमेशा धन्यवाद देते रहें तो आपको कुछ नहीं बिगड़ेगा। अगर आप किसी काम में असफल भी हो गए तो तब भी भगवान को धन्यवाद दें क्योंकि धन्यवाद देने से असफलता भी एक दिन अवश्य सफलता में बदल जाएगी, इसमें किसी भी प्रकार की शंका नहीं है।
 बड़े-बड़े मनोविज्ञान, नामी बड़े-बड़े डॉक्टरों का कहना है सफलता खुशियां उसको ही मिलती है जो आत्मविश्वास, शुभ भावना, उत्साह, पॉजिटिव थिंकिंग ,सुंदर, सकारात्मक भावनाएं रखते हैं उनको ही सफलता मिलती है। संतोष सबसे बड़ा धन है। सबसे बड़ा लाभ आरोग्य है, सबस भिन्न विश्वास है, सबसे बड़ा सुख सकारात्मक सोच है। प्रभु को धन्यवाद देते रहने से इन बातों पर हमारे विचार मजबूत पक्के बन जाएंगे और हमें सुख और प्रसन्नता मिलती ही रहेगी।

दूसरों को सुखी या दुखी  देखकर ऐसा मत करो आप से ऊपर वालों की भी कोई कमी नहीं है और आप से नीचे वालों की भी कोई कमी नहीं है।  हम जो छिलका खाकर फेंक देते हैं उसे खाने वाले भी बहुत हैं। जो भी हमें प्राप्त हुआ है प्रभु की कृपा से ही प्राप्त हुआ प्रत्येक दिन प्रभु का धन्यवाद करो।

भगवान को याद करना क्यों जरूरी है--
भगवान को याद करना इसलिए जरूरी है मेरा अनुभव भी है कि भगवान के काम, जप, नाम में किसी भी प्रकार के शंका  की गुंजाइश नहीं है।  अगर आप किसी भी प्रकार का संदेह   करोगे तो फल की प्राप्ति नहीं होगी। पूर्ण आस्था है तो भगवान तुम्हें कभी भूलेंगे नहीं हमेशा साथ साथ रहेंगे।
 तकदीर को बनाने वाला भी वही है और पलटने वाला भी वही है एकमात्र नारायण है, दूसरा और कोई नहीं। सभी जगह, सभी प्रकार के प्राणियों में, जान में बेजान में, पग-पग पर, कण-कण में, सारे ब्रह्मांड में उसके अस्तित्व का उस शक्ति का, उस दया का, उसके प्रेम का, प्रत्यक्ष प्रमाण भरा पड़ा है। देखो अपने चारों और यह दुर्लभ मनुष्य योनि या हमें देने वाला कोई और नहीं भगवान ही है।


जैसे कभी ना रुकने वाली है जीवन देने वाली हवा जो संसार की सारी दौलत सर्वोच्च विज्ञान खर्च करके भी मनुष्य की सारी बुद्धि शक्ति खर्च करके 1 घंटे के लिए भी पैदा नहीं कर सकती। मगर प्रभु सब को हर समय एकदम मुफ्त में दे रहा है।
 इसी तरह से जल, सर्दी गर्मी, सूर्य की रोशनी, चंद्रमा की रोशनी, बरसात, आदि अमूल्य चीजें मुफ्त में दे रहा है। नियमित रूप से दे रहा है ।

प्रभु ने हजारों लाखों प्रकार के खाद पदार्थ अन, फल साग, सब्जी, फल फूल, पेड़ पौधे हमारे लिए मुफ्त में हमारे लिए बना दिये है। वह हमारे ही जीवन का आधार है।
 मनुष्य की बनाई हुई कीमती पदार्थ, मशीन में फेल और खराब हो सकती हैं,  मगर प्रभु की बनाई हुई कोई भी चीज कभी फेल नहीं होती नियमित समय से नियमित रूप से हजारों लाखों सालों से चल भी रही हैं।
 इंसान कहते विज्ञान ने बहुत ज्यादा तरक्की कर ली और सब कुछ मनुष्य के कंट्रोल में आ गया है  क्या कोई भी मृत्यु को टाल सकता है  नहीं।


 क्या कोई भी 100% सही बता सकता है कि किसकी मृत्यु कब है और कहाँ होनी है।
  कोई नहीं बता पाया आज तक लेकिन प्रभु जानता है कि किस प्राणी की मौत कब और कहां किस तरह से होनी है। लोगों की भविष्यवाणी फेल हो सकती है पर भगवान कि नहीं ।
यह तो बहुत छोटी सी बातें हैं प्रभु की माया अनंत है। हमें प्रभु को हर दिन हर वक्त याद करते रहना चाहिए। भगवान  का धन्यवाद करते रहना चाहिए, 
इस प्रकार अगर हम तन मन धन से उसके दिल से याद करेंगे  तो वह दिन दूर नहीं जब भगवान हमें खुद आकर दर्शन दे सकते हैं। 
यह बहुत सारे सन्तो का निजी अनुभव है। 

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Posted by-kiran

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