The Kashmir files movie story | the कशमीर फिल्म के रोचक तथ्य | the kasmir movie story |


Tittle- द कशमीर फिल्म की कहानी और अनसुनी बातें -
विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी फिल्म द कश्मीर सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है यह फिल्म कश्मीर की उन लोगों की जिंदगी लोगों की सच्ची कहानी को दर्शाती है। यह एक उन परिवारों की सच्ची कहानी है जिन्होने इस पीड़ा को झेला है। 
The Kashmir Files 
की पुरी कहानी-

हमारे भारत कुछ ऐसे घटनाये है जो इनसान जब तक जीता है तब थक भुल नहीं पाता। यही द कश्मीर फिल्म में भी दिखाया गया है कि किस तरह के लोगों के साथ उनके जीवन और घरों को बर्बाद कर दिया था। इतिहास के पन्नों में ऐसी बहुत सी दर्दनाक घटनाएं हैं जिसने इंसानियत और समाज को ना सिर्फ संसार शर्मसार किया है बल्कि एक ऐसा दर्द  दिया है जिसके निशान आज भी मौजूद हैं। आज से कई साल पहले कश्मीर से कुछ  हिंदू पंडितों का पलायन और उनके साथ बुरे बर्ताव की एक ऐसी सच्चाई है जिसे देखकर हर किसी की आखों से आंसू आ जाते है। इसी सच्चाई को द कश्मीर फाइल्स The Kashmir Files फिल्म में दिखाया गया है।
यह फिल्म आपको भावनात्मक रूप से जगाती है। यह 1990 के दशक की कश्मीर घाटी को दिखाती है और कश्मीरी पंडितों पर आतंकियों द्वारा किए गए  बुरे सितम को दिखाती है। इस्लामिक आतंकवादियों द्वारा पंडितों को उनके घरों से भगाने के लिए मजबूर किए जाने की कहानी बताती है।

कहानी का सार -
इस फिल्म में बताया गया है कि कैसे 1990 के दशक में कश्मीर से हिंदू पंडितों को भगाया गया भगाने के साथ-साथ उनके साथ  बहुत बुरी तरह अत्याचार भी किया गया। उनकी महिलाओं को  इतना पीड़ित किया गया की उसको बयान करना मुश्किल है  ।यहां तक बताया गया है कि उनकी जवान लडकियों के स्तन तक काट दिये थे जिसे सुनने से ही हमारी रूह काप जाती है फिर आप सोच कर देखो कि जिसकी बेटी के साथ यह बुरा बर्ताव हुआ होगा वह इंसान जिंदा लाश बन कर रह जाता है।
यह पूरी कहानी इस फिल्म में दिखाई गई है जो कि सच्ची घटनाओं पर आधारित है। 

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इस फिल्म में अनुपम खेर ने एक बार फिर जबरदस्त एक्टिंग की है वह हमारा दिल दहला देते हैं। पर्दे पर उन्हें देखकर लगता है कि जैसे वे अच्छी तरह से कश्मीरी पंडितों का दर्द समझते हैं। उनके दर्द को समझते हुए आपका गला भी बैठ जाता है। एक खोए हुए घर को किस तरह एक इंसान अपनी पूरी जिंदगी नहीं भूल पाता इस फिल्म में दिखाया गया है। इस फिल्म में पल्लवी जोशी भी उतनी ही प्रभावशाली रही है बतौर दर्शक आपको यह कमी खलती है कि पल्लवी जोशी के किरदार में और कुछ भी होना चाहिए था। इसके अलावा मिथुन चक्रवर्ती ने भी अपने किरदार को बहुत ही अच्छी तरह निभाया है।

इस फिल्म की कहानी में बताया गया है कि जिस मिट्टी में हम जन्म लेते हैं, जिस घर में हमारा बचपन बीतता  है, जिन गलियों में हम जवान होते हैं। उसी मिट्टी और उसी आंगन और उन गलियों को हमेशा के लिए यदि हमें छोड़ना पर कोई मजबूर करे और अपने ही देश में एक रिफ्यूजी की तरह जिंदगी गुजारनी पड़े तो कैसे लगेगा। इसी दर्द को इस फिल्म में बताया गया है। साथ ही साथ कश्मीरी आतंकवादियों द्वारा पंडितों के साथ किए गए बुरे बर्ताव और अत्याचार को भी अच्छी तरह से इस फिल्म में दिखाया गया है द कश्मीर फाइल्स फिल्म उस त्रासदी को झेल चुके लोगों की सच्ची कहानियों पर आधारित है।

मुख्य रोल -

यह film 11 मार्च को रिलीज हुई फिल्म द कश्मीर फाइल्स लगातार बॉक्स ऑफिस पर बड़े रिकॉर्ड तोड़ रही है। फिल्म ने चार दिनों में करोड़ो रुपए का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कर लिया है, जिसे लोगों  का भी खूब प्यार मिल रहा है। फिल्म को इंटेंस और सभी तथ्यों को सामने रखकर बनाने में डायरेक्टर विवेक रंजन अग्निहोत्री के 4 सालों की कड़ी मेहनत और घंटों की रिसर्च लगी है।

 फिल्म की मेकिंग से जुड़ी कुछ दिलचस्प और अनसुनी बातें-

*डायरेक्टर विवेक रंजन अग्निहोत्री ने बताया है कि फिल्म को तैयार करने के लिए 5 हजार घंटों की रिसर्च की गई थी। लगभग 15 हजार पेज के अलग-अलग डॉक्यूमेंट इकट्ठा किए गए थे, जिनमें से कश्मीरी पंडितों से जुड़ी सभी जानकारियां इकट्ठी की गई थीं ।

* डायरेक्टर विवेक और उनकी पत्नी पल्लवी जोशी ने करीब 700 कश्मीरी पंडितों से बात कर उनकी रिकॉर्डिंग की थी। इसके लिए विवेक और पल्लवी ने दुनियाभर के कई शहरों में रह रहे कश्मीरी पंडितों के चक्कर लगाए थे।

* फिल्म की शूटिंग शुरू करने से पहले डायरेक्टर विवेक ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी थी, जिसमें उन्होंने 20 मिनट का एक ऐसा वीडियो दिखाया था, जिसमें वो पीड़ितों से बात करते नजर आए थे। इस वीडियो में कई बार कपल भावुक होकर रोते हुए  भी नजर आये थे।

* साल 2018 में एक शख्स कश्मीरी पंडितों पर फिल्म बनाने का प्रस्ताव लेकर विवेक रंजन के पास पहुंचा। ये एक रिस्की सब्जेक्ट था, ऐसे में उन्हें फैसला लेने में ढेड़ महीने का समय लगा। इस फिल्म को बनाने में आतंकवादियों का भी खतरा था, लेकिन पत्नी पल्लवी से हिम्मत मिलने के बाद विवेक को फिल्म पर काम करने की हिम्मत मिल गई। 2 घंटे 50 मिनट की इस फिल्म की शूटिंग में महज 1 महीने का ही समय लगा था।

साल 2018 में एक शख्स कश्मीरी पंडितों पर फिल्म बनाने का प्रस्ताव लेकर विवेक रंजन के पास पहुंचा। ये एक रिस्की सब्जेक्ट था, ऐसे में उन्हें फैसला लेने में ढेड़ महीने का समय लगा। इस फिल्म को बनाने में। आतंकवादियों का भी खतरा था, लेकिन पत्नी पल्लवी से हिम्मत मिलने के बाद विवेक को फिल्म पर काम करने की हिम्मत मिल गई। 2 घंटे 50 मिनट की इस फिल्म की शूटिंग में महज 1 महीने का ही समय लगा था।

*:एक इंटरव्यू के दौरान प्रोड्यूसर पल्लवी जोशी ने बताया कि उन्हें शूटिंग के समय काफी विवादों का सामना करना पड़ा था। शूट के आखिरी दिनों में विवेक और पल्लवी के खिलाफ फतवा तक जारी कर दिया गया था। विवाद रोकने के लिए उन्होंने संयम से काम लिया और सामान पैक करके आखिरी दिन शूट किया और लोकेशन से ही एयरपोर्ट निकल आए।

* कश्मीर फाइल्स की लाइन प्रोड्यूसर सराहना ने 30 जून 2021 में आत्महत्या कर ली थी। सराहना शूटिंग रुकने पर अपने होमटाउन अलीगढ़ गई थी, जहां उन्होंने डिप्रेशन से आत्महत्या कर ली थी।

* फिल्म में कई जगह असली दृश्यों का भी इस्तेमाल किया गया है। फिल्म में शारदा नाम की एक ऐसी महिला दिखाई गई है जिसे दो हिस्सों में काटा गया था, ये सीन दरअसल उस घटना गिरिजा टीक्कू से प्रेरित है जिसकी हिंसा के दौरान हत्या कर दी गई थी।
* डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने मंगलवार को अपने फेसबुक पेज पर एक अखबार में छपी उस खबर को शेयर किया, जिसमें उनके पिता डॉ. प्रभुदयाल अग्निहोत्री का जन्म हुआ था। यह घर उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में धन्यौरा गांव में स्थित था।

 यह Film director का पुशतैनी घर है -

* विवेक अग्निहोत्री ने इस अखबार की इस खबर को साझा करते हुए कैप्शन में लिखा, ”यह हमारा पुश्तैनी घर है, जहां मैं पला-बढ़ा हूं। हमारे पास कुछ नहीं था। हमारे घर में दीवारें भी नहीं। लेकिन मेरे दादाजी ने हमें सरस्वती की पूजा कराई और मेरे पिता कुलपति बने और सभी कालिदास और वेदों
वेदों का अनुवाद किया। सरस्वती की वजह से ही मैं TheKashmirFiles बना सका हूँ ।
इस फिल्म को देखने के लिए ऐसा कहा जा रहा है बड़े-बड़े नेताओं ने भी यह फ़िल्म देखी है जिसमें प्रधानमंत्री और अमित शाह का नाम भी शामिल है।

* पुरी फिल्म की 2 घन्टे 50 मिनट समय की है।
द कश्मीर फिल्म ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं या फिल्म इतनी पसंद किए जा रही है, क्योंकि लोगों की भावनाओं से जुड़ी हुई फिल्म है। ऐसा बताया जा रहा है कि जो लोग फिल्म देखने के लिए गये तो वो सब अपने  आंसुओं को रोक नहीं पाये कुछ ऐसे दृश्य इस फिल्म में दर्शाए गए हैं। जो इंसान सोच भी नहीं सकता कि किसी इंसान के साथ ऐसा भी हो सकता है। अगर हो सके तो आप भी अपना कीमती समय निकाल कर इस फिल्म को देखने जरूर जाये।

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