पिरामिड चिकित्सा के लाभ | पिरामिड चिकित्सा कया है | पिरामिड चिकित्सा कैसे काम करती है |

Tittle- पिरामिड चिकित्सा कया है और इसके लाभ-
मिस्र  पिरामिड दुनिया के सात आश्चर्यों में परिगणित है । दुनिया के वैज्ञानिक उसका रहस्य जानने का उत्सुक है ।
 उसकी गहन खोज में इस प्रकार लगे हुए हैं कि हजारों साल पहले की लाशें ( ममी ) पिरामिड के नीचे रखी हुई  हैं । फिर भी खराब क्यों नहीं हो रही है , इसका क्या कारण है ? 
आइए जानते हैं आज विस्तार से पिरामिड  चिकित्सा  के बारे में किया है क्या है और कैसे काम करती है।  हम पिरामिड चिकित्सकों अपनाकर बहुत सारे लाभ उठा सकते हैं जिनमें से स्वास्थ्य लाभ सबसे अधिक मिल सकते हैं। 
पिरामिड की खोज -
अभी तक की हुई खोजों से पता चलता है कि इसके नीचे तथा इसके ऊपर विद्युत लहरें बराबर चलती रहती हैं , जिनसे ऊर्जा का बहाव निरन्तर होता रहता है , इसी कारण लाशों में दुर्गन्ध ( बदबू ) नहीं आ रही है । कुछ और गहन खोज करने के पश्चात् वैज्ञानिकों ने यह भी पाया है कि इस ऊर्जा द्वारा हम अपने दैनिक जीवन में भी लाभ उठा सकते हैं ।
पिरामड चिकित्सा से सवास्थय लाभ- पिरामिड द्वारा विभिन्न उपयोग हो सकता है और हम दैनिक जीवन में इस अपनाकर अधिक लाभ उठा सकते हैं । 
2  वास्तुशास्त्र के अनुसार आस - पास  
हर चीज का शरीर पर कोई न कोई प्रभाव पड़ता है । जिस प्रकार गुंबद के आकार में गूंजने वाली ध्वनि दिमाग के लिये अच्छी होती है , ठीक उसी प्रकार गोल आकृति का अपना अलग लाभ होता है । पिरामिड वाली आकृति के शरीर तथा मन पर काफी अनुकूल प्रभाव पड़ते हैं । 

3.  वैज्ञानिक खोज से यह साबित हो चुका है कि पिरामिड़ में ध्यान लगाने से शरीर में ऊर्जा का प्रवाह ठीक रहता है । इससे शरीर में मौजूद विशेष चक्रों को खोलने में मदद मिलती है । कई विद्वानों के अनुसार , पिरामिड में बैठने से शारीरिक बीमारियां भी ठीक हो सकती है .

4 .  इसमें रखी फल - सब्जियां व दूध कई दिनों तक खराब नहीं होते , उनका स्वाद और भी अच्छा हो जाता है ।

  5.   चेकोस्लाविया में यह खोज भी हो चुकी है कि पिरामिड में रखने के बाद ब्लेड , कैंची तथा अन्य तेज धार वाली चीजें काफी लंबे समय तक खराब नहीं होती हैं । कहते हैं इससे रखे एक ब्लेड से दो सौ बार शेव बनाई जा सकती है ।

पिरामिड कैसा होना चाहिए-
 6.  नियमानुसार पिरामिड किसी भी धातु का नहीं होना चाहिये । यदि पिरामिड का बेस एक मीटर चौड़ा है तो उसकी ऊंचाई ( केंद्र ) से 636 तथा उसका कोण 51.51 डिग्री होना चाहिये । केंद्र में बनने वाले पिरामिड का बेस 24 फुट ऊंचाई 11 फुट के लगभग तथा कोण वही 51.51 है । इसका निर्माण इस प्रकार हो कि इससे सभी चार सिरे बिल्कुल चारों दिशाओं के सामने हो।

7. पिरामिड में बेस से एक तिहाई ऊंचाई पर सारी तरंगे एवं ऊर्जा एकत्रित होती है । इसलिए ध्यान के लिए जमीन से एक तिहाई ऊंचाई पर बैठना पड़ता है ।

 8.  शरीर के जिस भाग का हमें इलाज करना है , अथवा जो चक्र होना है . नियमानुसार यह भाग एक तिहाई ऊंचाई पर होना चाहिये ।

 9.   पिरामिड का व्यवहार सिर के ऊपर करने से मानव - मस्तिष्क पर सकरात्मक प्रभाव पड़ता है और हमारे विचार अच्छे हो जाते हैं । 

 10.   बच्चों को घर पर अध्ययन - काल में पिरामिड पहनाकर तथा कुर्सी के नीचे रखकर उनकी बुद्धि का विकास होगा और याद रखने की क्षमता बढ जायेगी एवं पढ़ाई में  होशियार हो जायेंगे । 
11. पिरामिड को जल की हंडी के ऊपर रख देने से बारह घंटे के भीतर ही जल अधिक स्वादयुक्त , मीठा तथा आरोग्यप्रद हो जाता है ।

  12.  खाने - पीने के सामान एवं अंकुरित खाद्य पदार्थ पिरामिड के नीचे रखने से गुणयुक्त एवं स्वादयुक्त हो जाते हैं तथा लम्बे समय तक ताजे बने रहते हैं । दूध , दही , मिठाई तथा अनाज कुछ भी रख सकते हैं ।

 13.  शरीर के जिस भाग में रोग या दर्द हो , उस भाग पर पिरामिड रखने से रोग एवं दर्द दूर हो जाता है । पेट की गड़बड़ी में पिरामिड पेट पर रखने से पेट ठीक हो जाता है तथा पिरामिड का चार्ज किया हुआ गर्म जल पीने से भी अच्छा लाभ होता है ।

 14 . तरकारी तथा साग - भाजी पिरामिड के नीचे रखने पर ताजी बनी रहती है , जल्दी खराब नहीं होती । 

15.   प्रतिदिन चेहरे पर एवं आखों को पिरामिडयुक्त जलद्वारा धोने से त्वचा चमकने लगती है , चेहरे की कान्ति एवं आंखों की रोशनी बढ़ जाती है । 
16. पिरामिड हैट की तरह प्रतिदिन प्रातः सायं आधे घंटे तक पहन रखने से सिर दर्द , आधाशीशी , बालों का झड़ना , साइनस , टेंशन , डिप्रेशन , अनिद्रा , सफेद बाल आदि बीमारियां दूर होती है ।

 17 .  ध्यान तथा पूजा - प्रार्थना करते समय पिरामिड पहन लेने से एकाग्रता मिलती है । 

18 . कब्ज के रोगी यदि प्रातः चार गिलास जल पीकर पेटपर पिरामिड रखे तो मल - विसर्जन में कठिनाई नहीं होगी.

 19.   ऑफिस में कुर्सी के नीचे पिरामिड रखने से ऊर्जा मिलती है तथा शरीर में फुर्ती आती है । 

20.  टूथपेष्ट , तेल , बाम एवं दवाईयां पिरामिड के नीचे तीन - चार दिन रखने से उनकी शक्ति बढ़ जाती है । 

21.  बगीचों में पिरामिडयुक्त जल का सिंचन करने से फूलों के रंग आकर्षक हो जाते हैं और वे रोगमुक्त रहते हैं ।

  22.   रात को सोते समय पलंग के नीचे पिरामिड रखने से बहुत अच्छी नींद आती है तथा नींद की गोलियों से छुटकारा मिल जाता है । 

 23.  पिरामिड - जल से तैयार की गयी तुलसी की पत्ती खाने से सर्दी , ज्वर , दर्द तथा अनेक रोगों में लाभ होता है ।

 24.  वास्तुशास्त्र में भी पिरामिड का विशेष महत्व बताया गया है । अनेक पिरामिडों से बने यन्त्र को नित्यप्रति व्यवहार में लाने से शरीर के हर प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं.

Last alfaaz- 
इस प्रकार जितना संभव हो सकता था हमने आज आपको पिरामिड के बारे में बताया है अगर आप इन्हें अपनाकर स्वास्थ्य लाभ उठा सकते हैं और अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगे तो अपने चाहने वाले और दोस्तों में जरूर शेयर करें। यह चिकित्सा आज से नहीं लगभग बरसों पुरानी है यह हमने कोई अपनी तरफ से नहीं बताया बल्कि शास्त्रों से दी गई विधि है जितना हो सके इसे शेयर करें ।





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