बच्चो का जन्मदिन कैसे मनाये || जन्मदिन पर कया करे || how to celebrate birthday ||

 Tittle- बच्चे का जन्मदिन कैसे मनाए-
आज हम सब अपनी संस्कृति को छोड़कर पश्चिमी सभ्यता को अपनाते जा रहे हैं क्योंकि जन्मदिन तो हर कोई मना रहा है पर अपनी सभ्यता को भूल कर.
 क्या आप जानते हैं कि आप ऐसा करके घोर अनर्थ कर रहे हैं, अपने लिए भी और अपने बच्चे के भविष्य के लिए भी कयोंकि  पश्चिमी सभ्यता में दिपक पर फूंक मारकर अंधेरा किया जाता है। वह बिल्कुल भी ठीक नहीं होता। हम सब अपने संस्कृति को भूल कर दूसरों के देखा देखी मैं उनको अपनाने की कोशिश कर रहे हैं और खुद को मॉडर्न दिखा रहे हैं । यह बिल्कुल ही गलत है।
 अगर आप भी अपने बच्चे का भविष्य को उज्जवल बनाना चाहते हैं तो आइए जानते हैं विस्तार से कि जन्मदिन किस प्रकार मनाएं।

जन्मदिन किस प्रकार मनाये
दीपक को ज्ञान का प्रतीक माना जाता है और अंधकार को अज्ञान  की संज्ञा दी जाती है। दीपक की ज्योति उधरव्गामी गामी में होती है जो स्वयं जलकर अंधकार को प्रकाश उत्पन्न करती है।
 भला ऐसी शुभ ज्योति  को जन्म के शुभ अवसर पर बुझाया कैसे जा सकता है। हमारी संस्कृति में तो हर शुभ अवसर पर दीप जलाया जाता है प्रत्येक मांगलिक कार्य में दीप की पूजा की जाती है और चेष्टा भी की जाती है कि दीपक बुझने ना पावे।

 जन्मदिन पर दीपक  जलाने का तरीका-
  ज्योति को जितने वर्ष की बालक की आयु हो उतने ही गाय के घी के दीपक या मोमबत्तियां, स्वास्तिक ,ओम या राम आदि शब्दों में बनाकर  सुंदर आकारों में चौकी के ऊपर दिपक को सजाएं तथा नए वर्ष का एक बड़ा दीपक सजाएं।
 भगवान श्रीकृष्ण या लड्डू गोपाल के चित्र को भी सजा कर रखें। अब रोली, चंदन, चावल, धूप ,पुष्प आदि से अपने बच्चे की पूजा करें और साथ में लड्डू गोपाल की भी पूजा करें। जन्मदिन जिसका भी मनाया जा रहा हो उसको सबसे पहले तिलक करें और जीवन का प्रत्येक वर्ष दीपक के समान प्रकाशमान रहे ऐसी भावनाएं करके दीपक जलाएं। किसी भी दीपक को बुझने ना दें सभी को प्रसाद, मिठाई ,बच्चों को खिलौने और यह छोटी चीजें देखकर आप अपने बच्चे को खुश कर सकते हैं।
 अपने बच्चों को ऐसी शिक्षा दें कि अपने बड़ों के चरण स्पर्श करें , छोटों को प्यार करें जितना हो सके अपने बच्चे के जन्मदिन पर लोगों को ऐसे लोगों को खाना खिलाएं जो गरीब हो जिनको खाना ना मिलता हो क्योंकि वह खाना खाकर आपके बच्चे को जो दुआ दे सकता है। ऐसी दुआ कोई अमीर व्यक्ति नहीं दे सकता।

पश्चिमी सभ्यता से दूर रहें-
 पश्चिमी रीति-रिवजों के अनुसार दोषपूर्ण परंपरा का दीपशिखा, मोमबती को मुंह से फूंक मारकर बुझाना बहुत ही दोषपूर्ण माना जाता है। बुझाने वाले के लिए यह बहा ही अशुभ व अमंगलकारी माना जाता है।  अपने ही जीवन में अंधकार की कामना करना है फिर ऐसा क्यों करें। दीपक को बुझाना हमारे धर्म में पाप माना जाता है। जन्मदिन के अवसर पर तिल एवं अगर हो सके सोने जैसी वस्तुओं का दान करें।
 अगर आपकी हैसयीत सोने का दान करने की नहीं है तो गाय को खाना खिलाना, घास खिलाना, तिल का तेल और तिल से बनी हुई वस्तुओं का दान आदि जरूर करना चाहिए।
 गरीब लोगों की ,दिन दुखी, अहसाय, व अपाहिज लोगों की यथाशक्ति सहायता करें और जितना हो सके कहीं भी अनाथ आश्रम में जाकर अंधों के लिए  भोजन बनाकर जरूर लेकर जाए।  ऐसा करने से आपके बच्चों को वह दुआ देंगे। ऐसे लोगों की दुआ बहुत ज्यादा और बहुत जल्दी लगती है।

भगवान् को धन्यवाद कैसे करे- 
अगर आप अपने बच्चे का जन्मदिन मना रहे हैं या प्रभु नारायण की कृपा के कारण ही हो रहा है। आप यह सब कार्य उसकी कृपा से ही पूरे कर रहे हैं या कोई साधारण बात नहीं है। बड़ी खुशी और आनंद की बात है । आनंद और खुशियों से पूरे परिवार और इष्ट देव व मित्रों के साथ अवश्य जन्मदिन मनाना चाहिए कयोंकि क्योंकि वह लोग बहुत ही भाग्यवान हैं जो अपने बच्चे का जन्मदिन मना रहे हैं। दुनिया में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो सारी जिंदगी मां बाप बनने के लिए तरस जाते हैं। इसलिए अगर आप अपने बच्चे का जन्मदिन मना रहे हैं तो अपने आप को सबसे ज्यादा भाग्यशाली माने कि आप को भगवान ने मां बाप बनने का अवसर दिया है।
 जन्मदिन पर दिखावा से कैसे  बचें---
 आजकल समाज में बहुत ही गलत रिवाज़  चल पड़ा है और होड़ मच गई है ज्यादा से ज्यादा खर्चा शानो शौकत के चक्कर में लोग नाचना गाना और ऑर्केस्ट्रा जैसे लोगों को इकट्ठा करके दिखावा करके अपनी  शानो शौकत समझते हैं।
अगर आप सच में भगवान का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो अपने बच्चों के जन्मदिन के समय गरीबों को भोजन कराना और उनको कपड़े देना, इलाज करवाना, उनकी हर तरह से मदद करना, उनकी शिक्षा की व्यवस्था कर देना, गरीब जरूरतमंद व्यक्तियों की सब प्रकार से सहायता करने से जिससे भी उनकी दुआएं आपको मिल सके आपके बच्चे को मिल सके ऐसा कार्य अवश्य करें।
अपने बच्चे के उज्जवल भविष्य के लिए  गिफ्ट के तौर पर कुछ ऐसा दें जिससे वह अपनी  पूंजी को जोड़ना सीखे क्योंकि इस प्रकार के संस्कार उसके जीवन भर काम आएंगे ।
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