महामन्त्र का जप कैसे करें || हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे जप विधि कैसे करें || महामन्त्र करने का तरीका |

Tittle-महामंत्र का जाप कैसे करें और  जप करने के लाभ-
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे महामंत्र को सनातन धर्म धर्म के कलिसंतरण उपनिषद से लिया गया है । कलिसंतरण हिंदू धर्म का एक महा ग्रंथ है। इस मंत्र को महामंत्र के नाम से भी जाना जाता है।
महामन्त्र का जप करने के लाभ- ( benefits of mahmantra )
महामंत्र का जाप करने से मनुष्य के कल्याण के लिए इस नाम जप की विधि एव महिमा बताई गई है। ऐसा माना जाता है कि कलयुग में इस महामंत्र का जप करने से मनुष्य गए हर तरह के दोषों का शमन हो जाता है ।

महामन्त्र की जप विधि विधान-
इस महामंत्र का जाप करने की विधि बहुत ही सरल है आप  रात या दिन जब भी समय मिले तब इस मंत्र का जाप शुरू कर सकते हैं और मन ही मन प्रभु को अंतर मन की आंखों से देखें। आपकी जीभ जब मंत्र का जाप करेंगी तो आपको  भगवान के दर्शन होने का एहसास होगा।
"हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे" यह मन्त्र कृष्ण भक्ति धाराओं में बहुत प्रसिद्ध है।
इस मन्त्र को श्रीमद्भागवतमहापुराण में उपनिषदों के साथ जोड़कर प्रस्तुत किया गया है। इस मन्त्र का प्रयोग कृष्ण भक्ति के अभ्यास में किया जाता है और इसे जप करने से भक्त भगवान कृष्ण के साथ संयुक्त होता है और उनके प्रेम का अनुभव करता है। यह मन्त्र संसार के भवसागर से मुक्ति प्रदान करने के लिए कहा जाता है और भक्ति और आत्मा की शुद्धि को प्राप्त करने में सहायता करता है। इस मन्त्र का जाप करने से मन की शांति, ध्यान एवं आनंद प्राप्त होता है और इसे अनुभव करने वाला व्यक्ति ईश्वरीय सत्ता का अनुभव करता है।
इस मन्त्र का जाप करने के फलस्वरूप भक्त को भगवान के साथ एकात्मता का अनुभव होता है और उनके प्रेम में आनंदित होने के साथ ही वे संसार के बंधनों से मुक्ति प्राप्त करते हैं। इस मन्त्र का जाप करने से आध्यात्मिक एवं मानसिक उन्नति होती है और चित्त की शुद्धि होती है।
इस प्रकार, "हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे" नामक महामंत्र का जाप आध्यात्मिक उन्नति के लिए किया जाता है ।
हरे राम मंत्र जपने की विधि-
हरे राम हरे राम राम हरे हरे हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे मंत्र जपने की विधि और लाभ -
हरे राम हरे राम राम हरे हरे हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे मंत्र, हिंदू धर्म में एक प्रमुख मंत्र माना जाता है और इसका जाप करने के लिए कई लोग इसका उपयोग करते हैं। यह मंत्र हरे कृष्णा भगवान की कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए जप किया जाता है।
प्रारंभिक ध्यान-----
सबसे पहले, आपको स्वयं को ध्यान में लगाना  होगा। आप एक शांत और सुस्थित स्थान पर बैठें और अपनी आंखें बंद करें। फिर से होने वाली विचारों को नजरअंदाज करें और मन को शांत करें। 

मंत्र का जाप:----
जब आप ध्यान में स्थिर हो जाते हैं, तब हरे राम हरे राम राम हरे हरे हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे मंत्र को मनस्तब्धता के साथ जपना शुरू करें। ध्यान रखें कि आपका मन पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ इस मंत्र के जप में लगा होना चाहिए। आप इस मंत्र को अपने मन में बोल सकते हैं या उच्चारण कर सकते हैं।

निरंतरता----
 हरे राम हरे राम राम हरे हरे हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे मंत्र को निरंतरता के साथ जपना आवश्यक है। आप इसे किसी भी समय अपनी आवश्यकता और सुविधा के अनुसार जप सकते हैं। ध्यान रखें कि निरंतर जप करने के लिए आपको ध्यान केंद्रित और ध्यानाभ्यास के लिए समय निकालना चाहिए।

मन की शांति-
 इस मंत्र का जाप करने से मन की शांति और स्थिरता में सुधार हो सकता है। यह मंत्र आपको स्थिर और सात्विक भाव में रखकर मानसिक शांति प्रदान कर सकता है।

सुख और समृद्धि के लिए-
•  हरे राम हरे राम राम हरे हरे हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे मंत्र का नियमित जप आपके जीवन में सुख और समृद्धि को आकर्षित करने में मदद कर सकता है।

आत्मिक उन्नति:----
 यह मंत्र आपकी आत्मिक उन्नति को प्रोत्साहित कर सकता है। इसका नियमित जप आपके मानसिक और आध्यात्मिक विकास में मदद कर सकता है और आपको भगवान के साथ अधिक सम्पर्क में लाने में सहायता कर सकता है।

मन की पवित्रता के लिए-
हरे राम हरे राम राम हरे हरे हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे मंत्र के जप से मन की पवित्रता बढ़ सकती है। इसका जप करने से मनुष्य का मन पवित्र और आध्यात्मिक शक्तियों से परिपूर्ण हो सकता है।
सुख समृद्धि के लिए-
 हर कोई इंसान अपने घर में सुख समृद्धि से आता है और असली खुशी की खोज में इधर-उधर भटकता रहता है और हरे कृष्ण का जाप हमारी भगवान और हमारी आत्मा के साथ संपर्क को बढ़ाता है इस प्रकार हमारा सहयोग में प्रवेश करते हम अपने आनंद की ओर ले जाते हैं यह भौतिक सुख नहीं है बल्कि पारलौकिक सुख है। इस मंत्र जाप से करने से जो आपको सुख की अनुभूति होगी वह किसी और वस्तु से नहीं हो सकती ।

महामन्त्र का कर्मों का प्रभाव कैसे पड़ता है -
इस मंत्र का जाप करने का दूसरा सबसे बड़ा लाभ है कि हम जो भी अपने भौतिक जीवन में कर्म करते रहते हैं उनका असर हमारे भाग्य पर पड़ता है। जिस प्रकार का बीज हम बोते हैं वैसे ही हम फल काटते हैं, तो हम कई बार जाने अनजाने में कुछ ऐसे भौतिक कर्म हो जाते हैं जिनका हमें पता नहीं होता। तो ऐसे में अगर कोई भी गलत कर्म हमसे होता है तो उसका परिणाम हमें भुगतना पड़ता है, तो ऐसे में इस महामंत्र का जाप करने से हम भौतिक शरीर के द्वारा जो कर्म किए जाते हैं उसका सकारात्मक कर्मों का निर्माण करने में मदद करता है, क्योंकि कृष्ण जप का अर्थ है कि इस महामन्त्र का परोलौकीक  ऊर्जा के साथ जप कर रहे हैं।

मोक्ष की प्राप्ति---
इस महामंत्र के करने से सबसे बड़ा जो लाभ होता है मोक्ष प्राप्ति का है क्योंकि एक इंसान का जन्म खत्म होने के बाद वह दूसरा जन्म देने के लिए मजबूर हो जाता है। इस प्रकार इनसान  एक जीवन से दूसरे जीवन में चला जाता है। आत्मा एक शाश्वत प्राणी है और हमें भौतिक कर्म से दूसरे शरीर में  भौतिक इच्छाएं रखते हुए तब तक हम जन्म लेते रहते हैं। इसे आत्मा का रूपांतरण यह पुनर्जन्म माना जाता है। जीवन के चक्कर से मुक्त होने के लिए हमें मोक्ष की जरूरत होती है और जन्म मृत्यु के अंतिम चक्र से मुक्ति पाना चाहते हैं।
 इस संसार  में हम दोबारा जन्म नहीं लेना चाहते।  यह तभी संभव हो सकता है जब हम अपनी चेतना भौतिक इच्छाओं से दूर रहकर मुक्त होने की इच्छा रखते हैं।  तब हम हरे कृष्णा का जप करते हुए आत्मा को आध्यात्मिक विचारों के साथ जोड़ते हुए यह हमारे भीतर की मोक्ष को जागृत करता और  हमें अपने साथ जोड़ता है और इसके द्वारा हम परम गति को प्राप्त करके परमधाम के निवासी हो जाते हैं, और हमें इस जीवन मरण से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष को प्राप्त हो जाते हैं।

भगवान का साथ-
इस महामंत्र का जाप करने से सबसे बड़ा जो फायदा है, वह है भगवान की प्राप्ति और उसकी अनुभूति का होना । जब हमारी चेतना भगवान के साथ एक हो जाती है तो हम आध्यात्मिक दिव्यता के पात्र बन जाते हैं। तब हमें भगवान साक्षात दर्शन देते हैं और उसका अनुभव हम गर्मी और सर्दी की तरह अनुभव कर सकते हैं।
इस प्रकार आप इस प्रकार आप इस महामंत्र का जाप शुरू करें और प्रतिदिन 108 बार जप करने हर एक माला पूरी हो जाती है। जप करने के बाद माला को ढककर रखें और माला को दोनों आंखों और मस्तक से छुकर फिर गौमुखी  माला को बंद करें वैसे इस मंत्र का जप करने की कोई विशेष नियमों जरूरत  नहीं है, पर अगर संभव हो सके तो भौतिक सुख की चाहने वाले प्रतिदिन 16 माला का जाप करना अति उत्तम माना जाता है।
 इस मंत्र का जाप करते समय अंडा, मांस मछली का त्याग करना चाहिए तभी  आपको सर्वोत्तम  परिणाम प्राप्त हो सकते हैं और अगर हो सके तो गीता के एक अध्याय का अध्ययन भी करना चाहिए। माला को कभी खुली ना रखें । माला पर दूसरे की दृष्टि ना पड़े।  माला को सुंदर सी गोमुखी में डालकर जप करें और अंत में जयमाला को मंदिर के किसी एक निश्चित स्थान पर रखें और ध्यान दें कि अपने माला से किसी और को माला का जाप ना करने दें यह मंत्र बहुत ही साधारण और फल देने वाला महामंत्र है।
Posted by-kiran

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