पीपल के पेड़ की पुजा कैसे करें-
हिंदू धर्म में पीपल का पेड़ का बहुत ही ज्यादा महत्व माना जाता है, तभी इसे एक पूजनीय पौधा भी माना जाता है । पीपल का पूजन अर्चना करते हुए हम सबको संरक्षण की सीख देता है। हिंदू धर्म में श्रद्धा भक्ति और परंपरागत रूप से पीपल की पूजा की जाती है तथा साथ में उसमें विष्णु भगवान एवं धन की अधिष्ठात्री लक्ष्मी देवी का भी निवास माना जाता है। इसके अलावा जो व्यक्ति अपने मनोकामना पूर्ण करना चाहता है तो वो लोग पीपल की पूजा प्रतिदिन जरूर करें, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इसके अंदर ब्रह्मा विष्णु महेश तीनों ही देवताओं की पूजा एक साथ हो जाती है पीपल के वृक्ष को भगवान श्री कृष्ण का स्वरूप भी माना जाता है।
अगर आप भी अपने मनोकामना को लेकर पीपल की पूजा करते हैं तो सुबह शाम पीपल की पेड़ के नीचे एक दीपक अवश्य जलाएं और सुबह के समय अगर हो सके मीठा जल से भी सिचं करके आए और इस बात का ध्यान रखें की पीपल के पेड़ की जल से पूजा सुबह के समय ही जी जाती हैं शाम को भूलकर यह गलती ना करें।
पिपल के चमत्कार -
पीपल के पेड़ को हिन्द धर्म में भगवान का साक्षात रूप माना जाता है क्योंकि यह एक ऐसा पौधा है जो बिना बीज बोए भी कहीं पर भी पनप जाता है। आप सब ने भी अक्सर देखा होगा यह छत के ऊपर भी अपने आप ऊग जाता है। यह किसी चमत्कार से कम नहीं है समझ में नहीं आता कि छत पर बीज कौन बीज जाता है और कैसे यह बिना खाद पानी के वहां पर फलने फूलने लग जाता है।
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कुछ लोगों का अनुमान होता है कि इसके बीज पक्षी खा लेते हैं तभी यह छतों पर ऊग जाता है पर एक बार आप बहुत ध्यान से सोचिए कि पक्षी और भी बहुत सारे फल खाते हैं पर कभी उन पेड़-पौधों को छत पर होते हुए नहीं देखा सिर्फ एकमात्र पीपल ही एक ऐसा वृक्ष है जो छत पर कहीं पर भी हो जाता है । तभी इसको इस चमत्कारी पौधा भी माना जाता है।
विज्ञान और पीपल का महत्व-विज्ञान के अनुसार विज्ञान के अनुसार यह पौधा विश्व में एकमात्र ऐसा वृक्ष है जो 24 घंटे ऑक्सीजन ऑक्सीजन गैस छोड़ता है और कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण करता है। इसमें बड़ा मानव प्राणी मात्र का उपकारी और कोई नहीं हो सकता। पीपल के वृक्ष के बारे में लोगों की एक ऐसी धारणा है कि इस पर ब्रह्मा देव निवास करते हैं। लेकिन बहुत ही कम लोगों को मालूम होगा कि पीपल का वृक्ष ऑक्सीजन गैस पैदा करता है। इसके पत्ते विषाणु नाशक होते हैं विषाणु से होने वाले रोगों में इसके पत्ते रामबाण का काम करते हैं।
मनोकामना पूरी करने के लिए पीपल की पुजा कैसे करें-
विष्णु भगवान का निवास इस पौधे के बारे में ऐसी धारणा भी है जिसमें सभी देवताओं का वास माना जाता है और साथ में हमारे धर्म शास्त्रों में साक्षात विष्णु रूप की भी संज्ञा दी गई है। जो दिव्यता करने योग्य महान विभूति पाया गया है। इसके अनुसार वर्ष में दुर्लभ सोमवती अमावस को श्रेष्ठ माना गया जो शास्त्रों में सम्मत है 1 दिन भक्तजनों को पीपल की परिक्रमा सोमवती अमावस्या पर पुजा करने की प्रेरणा दी गई है जिसके परिणाम बहुत ही फल दायक प्राप्त होते हैं।
शनि के लिए पुजा कैसे करे-शनि ग्रह का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अगर आप भी शनि ग्रह की पीड़ा से पीड़ित हैं तो हमारा ज्योतिष शास्त्र कहता है कि जो व्यक्ति शनि ग्रह से पीड़ित है, यदि प्रत्येक शनिवार को सुबह नहा धोकर खाली पेट पीपल के वृक्ष की जड़ से कच्चा दूध मिश्रित जल चढ़ाए और प्रणाम करें तो शनि ग्रह के सारे दोस्त कष्ट दूर हो जाएंगे । पीपल वृक्ष की परिक्रमा करने से सभी देवता प्रसन्न हो जाते हैं और ग्रहों का बुरा प्रभाव खत्म हो जाता है।
शनि ग्रह को नौ ग्रह में न्याय का देवता माना जाता है जो शनिदेव को समर्पित होता है पीपल के पेड़ में शनि देव का वास माना जाता है। इस संबंध में ब्रह्मा पुराण में भी बताया गया है। शनि देव कहते हैं मेरे दिन अर्थात शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल वृक्ष को स्पर्श करेगा उनके सब तरह के कार्य सिद्ध होंगे तथा मेरे द्वारा उनको कोई भी पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रात काल उठकर पीपल के वृक्ष को स्पर्श करके पूजा आदि करेंगे उनके ग्रहों की वजह से उत्पन्न होने वाली पीड़ा शांत हो जाएगी। इस प्रकार पूजा करने से शनिवार के दिन मां लक्ष्मी का घर में वास होता है और सभी तरह के कलेश दूर हो जाते हैं।
हनुमान चालीसा का पाठ पिपल के पास कैसे करें-
अपने मनोकामना पूर्ति के लिए पीपल के पेड़ पर एक आटे का दीपक जलाकर आप वहीं पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमान चालीसा का पाठ पूरा होने के बाद पेड़ पर ही लगे पीपल के बड़े पत्ते पर अपनी मनोकामना लिख दें। इसके बाद इस पते पर अपनी मनोकामना लिखी है, उस पत्ते पर 7 बार एक लाल रंग का कलावा भी लपेट दे। याद रखें उस पत्ते को आपने तोड़ना नहीं है बस अपनी इच्छा उस पर लिखकर वहीं पर छोड़ आना है।
पिपल के लिए शुभ दिशा-
अगर आपके भी घर के पश्चिम दिशा में पीपल का पेड़ उग रहा है तो अत्यंत शुभ बताया जाता है। धार्मिक दृष्टि और आयुर्वेद की दोनों की दृष्टि से ही पीपल के वृक्ष को बहुत ही श्रेष्ठ माना जाता है पीपल में अनेक गुण होते है तभी उनका सब आदर करते हैं इसीलिए पीपल की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।
गोतम बुद्ध को ज्ञान की शिक्षा-गौतम बुद्ध ने पीपल वृक्ष के नीचे बैठकर ज्ञान प्राप्त किया था इसलिए उसे बोधि वृक्ष भी कहा जाता है। बुद्ध को ज्ञान प्राप्त करने के पश्चात भगवान बुद बिना पलक झपकाए 1 सप्ताह तक उस वृक्ष को देखते रहे और उसके ऊपर उपकार का मनन करते रहे। इसलिए सभी बौद्ध धर्म के लोग उसे बोधिवृक्षा कहकर पूजा करते हैं।
कृष्ण का सवरूप पिपल को क्यू कहा जाता है-भगवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं अवश्रत्थ्ज्ञ: सर्ववृक्षाणम कहकर पीपल को अपना स्वरूप बताया था, इसीलिए इस पीपल के पेड़ को भगवान का स्वरूप माना जाता है हिन्दू धर्म के अनुसार अगर तुलसी के बाद किसी पौधे का नाम आता है तो वह सबसे ज्यादा पीपल के पेड़ की पूजा का विधान बताया जाता है।
पीपल के पौधे के औषधीय गुण-
पीपल के पौधे के बहुत सारे औषधीय गुण भी बताए जाते हैं जिसमें इसकी फल फूल और छाल के बहुत सारे फायदे हैं। आइए जानते हैं पीपल के पौधे के बारे में कुछ और जानकारियां।
मलेरिया के लिए लाभदायक-
पीपल के पौधे की टहनी की का दातून करने से कई दिन तक लगातार चूसने से मलेरिया बुखार उतर जाता है।
सांप काटने पर -
अगर सांप काटने पर पीपल के पत्ते के डंठल से सर्प विष का उपचार किया जा सकता है। मरीज को सीधा लिटा कर पीपल की पत्ती का डढंल विष वाले स्थान पर लगाकर तब तक बदला जाता है जब तक रोगी को आराम ना हो जाए ।अगर बिच्छू आदि ने काट लिया है तो उसके विष का उतारने का भी यहीं से इलाज किया जाता है।
कान दर्द के लिए-
पीपल की ताजी हरी पत्तियों को तोड़कर उनका रस निकालकर कान में डालने से कान का दर्द दूर होता है कुछ समय तक इसके नियमित सेवन करने से कान का बहरापन भी छूट जाता है।
खांसी और दमा के रोग के लिए-
पीपल के सूखे पत्तों को खूब पीस लेना चाहिए जब पाउडर से बन जाए तब उसे कपड़े से छान लेना चाहिए और फिर अठन्नी भर चूर्ण में दो बूंद शहद मिलाकर एक महीना सुबह के समय चाटने से दमा एकदम सही हो जाता है और खांसी तो दूर-दूर तक नहीं रहती।
धातु रोग के लिए -
कुछ लोगों को धातु रोग हो जाता है ऐसे में पीपल वृक्ष के फल में अद्भुत गुण माने जाते हैं पीपल के वृक्ष के फलों को सुखाकर उसे कुटकर कपड़े से छानकर रख लेना चाहिए प्रतिदिन एक गिलास दूध में 100 ग्राम चूर्ण मिलाकर पीने से धातु दुर्बलता दूर हो जाता है।
मासिक धर्म के लिए-
कुछ महिलाओं को मासिक धर्म खुलकर नहीं आता तो उनके लिए भी इसके फलों का पाउडर लेना इस समस्या से निजात दिला सकता है मासिक धर्म खुलकर और समय पर आना आने वाली समस्या ठीक हो जाती है।
सिर दर्द के लिए -
अगर आपको बहुत जल्दी जल्दी सिरदर्द होता है तो ऐसे में पीपल की 4 कोमल छोटी-छोटी पतियों को चूसने से ही सिर दर्द कुछ समय के बाद छूमंतर हो जाता है।
शराब का नशा छुडवाने के लिए-
आयुर्वेद के अनुसार पारस पीपल को शराब नशा छुड़ाने के लिए भी बहुत ही महत्वपूर्ण बताया जाता है। सधारण पीपल और पारस में थोड़ा फर्क होता है। सबसे पहले तो आप पहचान होनी चाहिए । पारस पीपल पर पीले रंग के फूल आते हैं। पारस पिपल की छाल का लगातार 7 दिन तक काढ़ा बनाकर शराबी व्यक्ति को पिलाने से शराब पीने की इच्छा खत्म होने लगेगी।
निष्कर्ष- यह थे पीपल के पेड़ की कुछ विशेष जानकारी पीपल को अरवत्थ भी कहा जाता है ,क्योंकि इसमें श्रीकृष्ण का वास है इसे काटना महापाप है, ऐसा मन में हम सबके विश्वास है।
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