शिव की पुजा कैसे करें, और शिव सतुति करने की विधि-सावन का महीना चल रहा है और जो विशेषकर भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। भक्तजन प्रत्येक सोमवार को तो पूजा विधि विधान के साथ करते हैं पर कुछ लोग प्रतिदिन सावन के महीने में भगवान शिव को अपनी श्रद्धा के अनुसार स्नान कराकर उनके दर्शन करने के लिए जाते हैं, क्योंकि सावन का महीने में ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव मंदिरों में ही निवास करते हैं।
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आइए जानते हैं इसके बारे में कि भगवान शिव को खुश करने के लिए उनकी स्तुति किस प्रकार की जाए।
शिव सतुति कैसे करें-(शिव सतुति हिन्दी में)
धन्य धन्य है भोलेनाथ, बांट दिए, तीनो लोक पल भर में, ऐसे दीनदयाल मेरे शंभू , भरो खजाना पल भर में, प्रथम वेद ब्रह्मा को दे दिया, बने वेद के अधिकारी,
विष्णु को दिया चक्र सुदर्शन, लक्ष्मी सी सुंदर नारी ,
इंद्र को दिया कामधेनु, और ऐरावत सा बलकारी,
कुबेर को दिया आपने सारी संपत्ति का अधिकारी,
अपने पास पात्र नहीं रखा ,
मगन रहे बाघम्बर में।
ऐसे दीनदयाल मेरे शंभू भरो सजाना पल भर में।
अमृत तो देवताओं को दे दिया, आप हलाहल पान किया।
ब्रह्मा ज्ञान दे दिया उसी को, जिसने शिव तेरा ध्यान किया,
भगीरथ को दे दी गंगा,
सब जग ने स्नान किया।
बड़े-बड़े पापियों को तारा पल भर में कल्याण किया ।
आप नशे में मस्त रहो, पियो भांग नित खप्पर में।
ऐसे दीनदयाल मेरे शंभू भरो खजाना पल भर में।
लंका तो रावण को दे दी ,
20 भुजा 10 शीश दिये।
रामचंद्र को धनुष बाण और हनुमत को जगदीश दिए।
मनमोहन को दे दी मोहिनी और मुकट बख्शीश दिए।
आप नशे में मस्त रहो पियो भांग नित खप्पर में ।
ऐसे दीनदयाल मेरे शम्भु भरो खजाना पल भर में।
वीणा तो नारद को दे दी, हरि भजन को राग दिया,
ब्राह्मण को कर्मकांड और संन्यासी को त्याग दिया, जिस पर तुम्हारी कृपा भईल उसी को अनगन राग दिया,
जिसने धयाया उसी ने पाया, महादेव तेरे वर में ।
आप नशे में मस्त रहो। पियो भांग नित खप्पर में। ऐसे दीन दयालु मेरे शम्भु भरो खजाना पल भर में ।।
इस प्रकार यह सतुति भगवान शिव के सामने बैठ कर प्रतिदिन करें ।
जो भी आपकी मनोकामना है इस सतुति करने के बाद भगवान शिव के सामने रखें, क्योंकि वह तो पल मैं खजाना भरने वाले देवता हैं।वैसे तो भगवान को हम सब के बारे में सब कुछ पता होता है उसे कुछ भी छुपा नहीं होता है, क्योंकि वह अदृश्य है। हम उसे देख नहीं सकते और वह हमें सबको देख रहा है। लेकिन फिर भी इंसान का मन नहीं टिकता वह अपनी बात भगवान के सामने जरूर रखता है। जो भी आपकी मनोकामना है उसको मन ही मन है दोहराएं और भगवान की स्तुति करते थोड़ी देर बाद कर शांति के साथ ध्यान लगाएं ।और फिर अपने कामकाज में मगन हो जाए आपको पता भी नहीं चलेगा कब भगवान आपकी इच्छा पूरी कर देंगे।
Posted by-kiran
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