लक्ष्मी प्राप्ति के लिए उपाय | धनवान बनने के लिए कौन सा पाठ करें |


लक्ष्मी प्राप्ति के उपाय-
दारिद्र्य दहन स्तोत्र पढ़ने से होती है इंसान की आर्थिक स्थिति मजबूत-
प्रतिदिन भगवान शिव का यह स्तोत्र का पाठ करने से मनुष्य के पास लक्ष्मी की प्राप्ति होती है और उसे दरिद्रता से मुक्ति मिलती है। धरती पर कोई भी ऐसा इंसान नहीं होगा जिसे लक्ष्मी की इच्छा नहीं होती है क्योंकि दुनिया में बहुत सारे काम जो सिर्फ धन के द्वारा ही किए जाते हैं। जिसके पास लक्ष्मी है समाज  भी उसी से इज्जत से बात करता हैं।
अगर आपके घर में भी सब प्रकार के उपाय करने के बाद आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है तो सावन के महीने में प्रतिदिन स्तोत्र का पाठ करें। सावन का महीना 3 जुलाई  2023 से शुरू हुआ है और 41 दिन तक सावन की पूजा का विशेष  विधान माना जाता है। 

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दारिद्र्य दहन स्तोत्र का पाठ- 

विश्वेश्वराय नरकार्णव तारणाय
कर्णामृताय शशिशेखर धारणाय
कर्पूरकांति धवलाय जटाधराय
दारिद्र्य दु:ख दहनाय नम: शिवाय...

गौरी प्रियाय रजनीशकलाधराय
कालान्तकाय भुजगाधिप कंकणाय
गंगाधराय गजराज विमर्दनाय
दारिद्र्य दु:ख दहनाय नम: शिवाय...

भक्तिप्रियाय भवरोग भयापहाय
उग्राय दुर्गभवसागर तारणाय
ज्योतिर्मयाय गुणनाम सुनृत्यकाय
दारिद्र्य दु:ख दहनाय नम: शिवाय...

चर्माम्बराय शवभस्म विलेपनाय
भालेक्षणाय मणिकुंडल मण्डिताय
मंजीर पादयुगलाय जटाधराय
दारिद्र्य दु:ख दहनाय नम: शिवाय...

पंचाननाय फनिराज विभूषणाय
हेमांशुकाय भुवनत्रय मण्डिताय
आनंदभूमिवरदाय तमोमयाय
दारिद्र्य दु:ख दहनाय नम: शिवाय...

भानुप्रियाय भवसागर तारणाय
कालान्तकाय कमलासन पूजिताय
नेत्रत्रयाय शुभलक्षण लक्षिताय
दारिद्र्य दु:ख दहनाय नम: शिवाय...

रामप्रियाय रघुनाथवरप्रदाय
नागप्रियाय नरकार्णवतारणाय
पुण्येषु पुण्यभरिताय सुरर्चिताय
दारिद्र्य दु:ख दहनाय नम: शिवाय...

मुक्तेश्वराय फलदाय गणेश्वराय
गीतप्रियाय वृषभेश्वर वाहनाय
मातंग चर्मवसनाय महेश्वराय
दारिद्र्य दु:ख दहनाय नम: शिवाय…
वाले हैं,
दारिद्र्य रुपी दुःख का नाश करने वाले शिव को मेरा नमन है|

जो सूर्य को अत्यंत प्रिय हैं,
जो भवसागर से उद्धार करने वाले हैं,
जो काल के लिए भी महाकालस्वरूप, और जिनकी कमलासन (ब्रम्हा) पूजा करते हैं,
जो तीन नेत्रों को धारण करने वाले हैं,
जो शुभ लक्षणों से युक्त हैं,
दारिद्र्य रुपी दुःख का नाश करने वाले शिव को मेरा नमन है|

जो राम को अत्यंत प्रिय, रघुनाथजी को वर देने वाले हैं,
जो सर्पों के अतिप्रिय हैं,
जो भवसागररूपी नरक से तारने वाले हैं,
जो पुण्यवालों में अत्यंत पुण्य वाले हैं,
जिनकी समस्त देवतापूजा करते हैं,
दारिद्र्य रुपी दुःख का नाश करने वाले शिव को मेरा नमन है|

जो मुक्तजनों के स्वामीस्वरूप हैं,
जो चारों पुरुषार्थों का फल देने वाले हैं,
जिन्हें गीत प्रिय हैं और नंदी जिनका वाहन है,
गजचर्म को वस्त्ररूप में धारण करने वाले हैं, महेश्वर हैं,
दारिद्र्य रुपी दुःख का नाश करने वाले शिव को मेरा नमन है।।


Disclaimer-
यह सारा पाठ हमनें  शास्त्रों के आधार पर लिखा है इसमें हमारा तुझको कोई योगदान नहीं है। 

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