श्रीकृष्ण का कलेशनाशक मन्त्र || सभी तरह की मनोकामना पूर्ण करने वाला मन्त्र || श्री कृष्ण मन्त्र || special mantra for wish fulfillment |

Tittle-भगवान् श्रीकृष्ण का कलेशनायक मन्त्र कैसे करें-यह मन्त्र मनुष्य  के सभी तरह के  दुख दुर करने का मन्त्र है । कई बार  इंसान के जीवन में ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं कि वह अपने जीवन से तंग होकर अपनी जीवन लीला समाप्त करने तक की सोच लेता है, क्योंकि बुरे समय में अपने भी साथ छोड़ देते हैं। जो लोग कभी अपने लगते हैं वह भी दुख के समय में किनारा कर लेते हैं, लेकिन जब सब साथ छोड़ देते  जिसका कोई नहीं होता उसका केवल भगवान होता है। परमात्मा ही सभी के सुख दुख में साथ देता है। मगर अब कोई हमें यह बताने वाला नहीं मिलता कि ऐसे समय में हम ऐसा कौन सा मंत्र का जाप करें कि हमारी जो भी समस्या है उसका समाधान हो जाए। सही तरीके से कोई भी यह ज्ञान नही देता कि परमात्मा को किस प्रकार याद किया जाए।

 कई बार हम कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिनकी सजा हमें भुगतनी पड़ती है। जो हमारे कष्ट का कारण बनते हैं। आज हम आपको भगवान श्री कृष्ण का एक ऐसा मंत्र बता रहे हैं आपकी जिंदगी में किसी भी किसी भी प्रकार का संकट हो तो आपको उसमें से निकालने में जरूर मदद करेगा। यह मन्त्र बहुत ही प्रभावशाली और हर तरह की मनोकामना पूरी करने वाला है। 


भगवान श्री कृष्ण का क्लेशनायक मंत्र जप कैसे करें -

ऊँ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो ।।

भगवान श्री कृष्ण का एक ऐसा मंत्र है जिसका जप से भगवान श्री कृष्ण बहुत जल्दी खुश हो जाते हैं आइए जानते हैं इस मंत्र का अर्थ और मन्तर जाप  का सही तरीका।

* मन्तर का अर्थ-

इस मंत्र का अर्थ है कि हे कृष्ण भगवान मैं आपके शरण में आया हूं,  हे श्रीहरि ,हे वासुदेव ,हे परमात्मा , हे हरी गोविंद, आपको बार-बार नमस्कार आप हमारे कष्टों को नाश करके हमें सुख समृद्धि प्रदान करें ।

* मन्तर का प्रभाव-

भगवान श्री कृष्ण बलशाली मंत्र को बहुत ही बड़ा महत्व और प्रभाव है इस मंत्र को जपने मात्र से ही इंसान के सभी तरह के दुख और कष्टों का नाश हो जाता है। इस मंत्र से भगवान श्री कृष्ण बहुत जल्दी खुश होते हैं और अपने भक्तों को हर कदम पर साथ देते हैं। भगवान् कृष्ण  अपने भक्तों के जीवन में कभी भी दुख नहीं रहने देते।  जो भी व्यक्ति इस मंत्र का जाप करता है वह भगवान श्री कृष्ण को बहुत ही  मनमोहक लगता है।  जो भी वयक्ति इस मनतर का जाप करता है भगवान  कभी उसे हारने  नहीं देते।

इस मंत्र का प्रभाव कितना शक्तिशाली है कि मंत्र का जाप करने से भगवान क्वेश्चन ही नहीं बल्कि राधारानी भी प्रसन्न हो जाते हैं वह भी अपनी कृपा बरसाते हैं इस मंत्र में प्रभाव परिवारिक जीवन में खुशियां होते हैं और घर पर सभी लोगों को स्वास्थ्य अच्छा रहता है। जो  भकतजन इस मंत्र का हर वक्त जाप करता है उसे भगवान श्री कृष्ण का बैकुंठ धाम में स्थान देते हैं।

  इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के व्यवसाय में दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की होती है ।यदि इस मंत्र का जाप पढ़ने वाले बच्चे करे तो उनका पढ़ाई में मन लगता है परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त होते हैं।

*मन्तर जप करने का तरीका-

कुछ लोगों के जीवन में ऐसा होता है कि जब वह बहुत जयादा पुजा पाठ करते है   लेकिन फिर  भी उनकी मनोकामना पूरी नहीं होती।  ऐसा लगता है जैसे भगवान  उनकी पुजा को सविकार ही नहीं करते, क्योंकि हमें सही विधि-विधान का न पता होने की वजह से  हमें पूरा फल नहीं मिलता।

 यदि मंत्रों का उच्चारण सही प्रकार से ना किया जाए तो वह मंत्र सफल नहीं होते। इस मंत्र को जपने की विधि इस प्रकार बताई गई है सबसे पहले सुबह उठकर सोच आदि निवृत  होकर धर्म स्थान या मंदिर में एकांत स्थान पर बैठकर इस मंत्र को सुबह 108 बार जाप करें। मंत्र का जाप करते वक्त केवल मन में भगवान श्री कृष्ण को ही स्मरण करें। मंत्र के जाप के साथ-साथ अपने विचारों को भी सकारात्मक रखने का भरपूर प्रयास करें। कोशिश करें इस मंत्र का जाप सुबह और शाम 108 बार जरूर करें।

 दूसरों के प्रति किसी भी प्रकार का द्वेष न रखें और अपने क्रोध पर संयम रखने का प्रयास करे।

 श्री कृष्ण से अपनी गलतियों के लिए  क्षमा मांगे और अपने और अपने परिवार के लिए सुख समृद्धि की कामना करें और अंत में मंत्र जाप करने के बाद और क्षमा याचना मंत्र जरूर बोले

   निष्कर्ष-

इस मंत्र के बारे में नहीं बताया जा रहा है कि यह कलयुग में भगवान श्री कृष्ण के अवतार के समान है। जो भी लोग इस मंत्र का तन मन धन से याद करते हैं उसकी हर मनोकामना भगवान श्री कृष्ण खुद आकर पूरी करते हैं।

 बोलो भगवान श्री कृष्ण की जय।

 राधे राधे।।

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