सालासार मंदिर की कथा —
इस मंदिर के बारे में एक ऐसी धारणा है कि बहुत समय पहले राजस्थान के एक गांव असोता में अचानक एक दिन खेती करते हुए एक किसान का हल किसी वस्तु से टकरा गया और वहीं पर रुक गया। किसान ने जब देखा तो वहा एक पत्थर सा दिखाई दी । किसान ने वहीं से खुदाई शुरू कर दी और वहां से मिट्टी से सनी हुई हनुमान जी की मूर्ति मिली। उसे दिन शनिवार का समय था और शुक्ल पक्ष की नवमी थी। किसान ने इस सारी घटना के बारे में गांव के लोगों को बताया। ऐसा माना जाता है जब वहां के जमींदार को उसी दिन एक सपना आया कि भगवान हनुमान जी उसे आज्ञा देते हुए कहा कि उन्हें सालासर में स्थापित किया जाए, तो उसी रात को इस राज्य सालासर के एक निवासी महात्मा को भी भगवान हनुमान जी ने सपने में दर्शन देकर आज्ञा दी कि मुझे असोता से सालासर में ले जाकर स्थापित किया जाए। अगले दिन भगत मोहनदास उसे जमींदार के पास जाकर अपने सपने के बारे में सारी बात बताता है और जमींदार भी उन्हें अपने सपने के बारे में सारी बात बताते हैं। अब इन दोनों को बड़ी हैरानी हुई। तब भगवान के आदेश अनुसार मूर्ति को सालासर में स्थापित कर दिया जाता है। इस मंदिर में बालाजी के परम भक्त मोहन दास जी की समाधि भी स्थित है तथा महात्मा जी द्वारा प्रज्वलित अग्निकुंड धूनी भी मौजूद है। ऐसा माना जाता है कि इस अग्निकुंड की विभूति सभी प्रकार के दुख और कष्ट दूर कर देती हैं।
* सालासार मंदिर में उत्सव का समय-----
राम रामनवमी के समय इस मंदिर में भंडारे और कीर्तन का विशेष प्रबंध किया जाता है और प्रत्येक मंगलवार, शनिवार के दिन मंदिर में खूब भजन कीर्तन होते रहते हैं। इस दिन भारी संख्या में लोग यहां भगवान के दर्शन के लिए आते हैं ।लगभग 20 साल से यहां पर रामायण का अखंड पाठ होता आ रहा है। इस मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि यहां आने वाले हर भक्त की इच्छा अवश्य पूरी होती है।
*सालासार जी का सवरूप कैसा है-----
इस मंदिर में स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा जो दाढ़ी मूछ लिए हुए।यह हनुमान जी के व्यस्क रूप को दर्शाती है। हनुमान जी का ऐसा रूप कहीं और देखने को नहीं मिलता केवल इसी मंदिर में भगवान का यह रूप देखने को मिलता है। इसके साथ ही मंदिर के संबंध में ऐसा भी कहा जाता है की पूर्णिमा की पावन अवसर पर आने वाले सभी भक्तों की मुरादे पूरी होती है। लोग यहां स्थित एक प्राचीन वृक्ष पर नारियल बांधकर अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए मन्नत मांगते हैं और पूरी होने पर फिर भगवान सालासर जी को प्रसाद बांटते हैं और उनको सवा लाख मनी का भोग लगाते हैं।
अगर आप भी भगवान सालासर जी के दर्शन करना आना चाहते हैं तो यहां आना बहुत ही आसान आसान है और ठहरने के लिए भी उचित प्रबंध किया गया है। भगवान भाव के भूखे हैं किसी दिखावे की नहीं कलयुग के इस समय में भगवान राम के कम और हनुमान जी के मंदिर ज्यादा पाए जाते हैं। यह आशीर्वाद भगवान राम ने खुद श्री हनुमान जी को दिया था ।
उनकी भक्ति से प्रभावित होकर। भगवान राम ने ऐसा वरदान दिया था उनको कि जब कलयुग का समय आएगा तो मेरे मंदिर कम तेरी पूजा ज्यादा लोग करेंगे तभी हर घर में आज हनुमान चालीसा का पाठ होता है और भगवान हनुमान जी अपने भक्तों से खुश होकर उनका आशीर्वाद देते हैं।
अगर आप भी भगवान हनुमान जी से आशीर्वाद प्राप्त करने चाहते हैं तो सालासर के दर्शन करने के लिए अपनी जिंदगी में एक बार जरूर आए।
Posted by-kiran
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