दुर्गा पूजा की विशेष सावधानियां- अगर आप भी नवरात्रि पर्व मां दुर्गा की पूजा कर रहे हैं तो इन बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है क्योंकि मां दुर्गा की पूजा बहुत ही सात्विक तन मन से की जाती है।
दुर्गा पुजा की सावधानियां-
अखंड दीप की बाती को ठीक करते समय उसके खंडित होने का भय हो , तो एक छोटा दीपक प्रज्वलित करके साथ में रखें । भूल के कारण ज्योत खंडित हो भी जाए , तो उसे तुरंत छोटे दीपक से पुनः प्रज्वलित कर लें ।
इससे ज्योत को खंडित नहीं माना जाता और कोई दोष भी नहीं होता ।
ज्योती को लेकर आशंकित न हों ।
देवी के जवारों की पुजा प्रातः नौ बजे तक कर लेनी चाहिए ।
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आरती व दीपक को सुबह और शयाम करना जरूरी है । कहीं यह माना जाता है कि शाम के समय दीपक व प्रातः सूर्य को अर्घ्य देना काफी है , जो कि उचित नहीं है ।
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अर्घ्य तो यूं भी दिया जा सकता है , लेकिन पूजन की दैनिक पूर्णता के लिए दीपक व आरती दोनों समय होना चाहिए ।
देवी के पुजा सथान पर पूरे नौ दिन झाडू नहीं लगाई जानी चाहिए । साफ नये कपड़े से साफ़ करें ।
अगर भोग का कोई कण गिर भी जाये तो उसको पैर न लगने दे।
देव स्थान पर धूप, दीप अवश्य प्रज्वलित करें ।
दुर्गा पूजा में कोई भी किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन घर पर ना पकाये
अर्घ्य तो यूं भी दिया जा सकता है , लेकिन पूजन की दैनिक पूर्णता के लिए दीपक व आरती दोनों समय होना चाहिए ।
देवी के पुजा सथान पर पूरे नौ दिन झाडू नहीं लगाई जानी चाहिए । साफ नये कपड़े से साफ़ करें ।
अगर भोग का कोई कण गिर भी जाये तो उसको पैर न लगने दे।
देव स्थान पर धूप, दीप अवश्य प्रज्वलित करें ।
दुर्गा पूजा में कोई भी किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन घर पर ना पकाये
पूरे 9 दिन शुद्ध और सात्विक भोजन बनाएं।
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