मोटापा को कैसे कम करें | मोटे लोग भोजन में कया खाये | मोटापा कैसे कम करें |

मोटापे को कैसे कंट्रोल करें-


मोटापा एक ऐसा रोग है जो एक बार बढ़ जाता है फिर आसानी से कम नहीं होता पर दुनिया में ऐसा कोई भी काम नहीं है जो हम नहीं कर सकते क्योंकि असंभव शब्द बना ही नहीं है। अगर इंसान के अंदर किसी काम को करने का लगन और जुनून है तो फिर मोटा  या पतला होना इंसान कुछ भी कर सकता है। 

ऐसे अनेक युवक और युवतियां है जो शादी  करके अपने शरीर का फिगर बिगाड़ लेते है । इस अचानक शारीरिक परिवर्तन के बारे में जानने के लिए हमें अधिक माथापच्ची करने की जरूरत नहीं है । 

यदि हम अपने  खान - पान और अपनी  दिनचर्या के बारे में मालूम करे कारण आसानी से समझ में आ जायेगा ।

शादी के बाद अचानक फूल जाना आज हर तीसरी महिला की समस्या हो गयी है जिसकी वजह है अनियन्त्रित खान - पान तथा अधिक आराम पसन्द हो जाना । शादी के बार हर युवती का खेलकूद से तो अपने आप नाता टूट जाता है और व्यायाम वह खुद ही छोड़ देती है। जिसके फलस्वरूप शरीर पर चर्बी चढ़ने लगती है । 


एक कारण यह भी है कि शादी से पहले नवयुवतियों  फिट रहने के लिए अपने फिगर से शादी के बाद  उनका ध्यान इस तरफ से हट जाता है । शादी हो जाने के बाद वह सुसराल इतना रम जाती है कि अपने सौन्दर्य की ओर ध्यान नहीं दे पाती पहले की अपेक्षा काफी आरामदेह हो गया है । 


आज महिलाओं को पहले की तरह काम करना पड़ता है। नये घरेलू उपकरण बाजार में आ जाने से महिलाओं काम नहीं करना  पड़ता , न ही सिलबट्टे पर मसाला अब तो सब काम बटन दबाने भर से हो जाता है ।

 सफाई के  लिए वैक्यूम क्लीनर चालू कर दिया , कपड़ों के अम्बार से छुटकारा के लिए वाशिंग मशीन है। इन सब उपकरणों के इस्तेमाल के कारण वे शारीरिक व्यायामों को करने से वांछित रह जाती है।  इन वैज्ञानिक उपकरणों की वजह से महिलाओं का काम आरामदेह जरूर हो गया पर वे इस मोटापा जैसी भयंकर समस्या की शिकार होती जा रही है ।

 एक अधययन से पता चला है कि जो औरतें घर का कामकाज नहीं करती , जिसके कारण  रक्तचाप , मधुमेह , हृदयरोग जैसी बीमारीयो का शिकार हो जाती है। देखा यह भी गया है कि शादी के बाद शारीरिक परिवर्तन की वजह से अनेक महिलाओं के दांपत्य जीवन पर भी बुरा असर पड़ता है।


 शादी के बाद अचानक शरीर में आए परिवर्तन की वजह से अनेक महिलाओं का दाम्पत्य जीवन भी असर पड़ता है। सौन्दर्य बिगड़ जाने की वजह से पति उनसे दूर होता जाता है । बच्चे होने के  बाद तो ऐसी महिला की और भी बुरी स्थिति होती है ।

 एक सर्वेक्षण में जो लोग  सिर्फ खाना और लेटना है मोटापा और बीमारियों से पीड़ित हो जाती है ।  इन असाध्य बीमारियों से पीड़ित होने से बचा तेजी से महिलाएं मोटी होने लगती है । 


*संयमित भोजन से मोटापे पर करें  काबू- प्रत्येक व्यक्ति के शरीर का गठन उसकी आयु तथा लम्बाई के अनुसार होना चाहिये किन्तु तथा लम्बाई के विपरीत यदि उसके शरीर का वजन तथा अंग - प्रत्यंगों में भेद वृद्धि हो जाये और बेडौल दिखाई दे तो इसे मोटापे के लक्षण समझने चाहिए ।

 प्रारंभ में वसा या फैट का संचय नितम्ब , छाती . कंधों के ऊपरी भाग में होता है , तथा त्वचा एवं मांस पेशी ढीली - सी पड़ जाती हैं । यदि शरीर में सुस्ती , उत्साह की कमी आदि का आभास हो तो तुरन्त सावधान हो जाना चाहिये .।

शुरू में  ब्लडप्रेशर का बढ़ जाना , घबराहट आदि का होना जैसे लक्षण उत्पन्न हो जाते है।  मोटे व्यक्तियों में जठराग्नि या पाचकाग्नि तीव्र हो जाती है ।  इस प्रकार के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत सावधान हो जाना चाहिए।

शरीर का गठन अर्थात मोटापा या जरूर से ज्यादा पतलापन भोजन आहार विहार पर भी निर्भर करता है।

अत्याधिक मधुर रस युक्त कफ कारक पदार्थ , दूध मलाई रबड़ी जैसे गरिष्ठ भोजन से बार - बार भोजन करने या भोजन को ठीक ढंग से पचा बिना, और फिर भोजन करके परिश्रम न करने, आलस्य के कारण दिन में सोना

 आदि कारणों से भोजन का पाचन अस्त - व्यस्त हो जाता है , जिससे वह अधपका भोजन अत्यन्त मधुर रस शरीर में भ्रमण करता हुआ अति स्निग्ध चिकना ) होने कारण मेद या वसा को पैदा कर देता है । यह मेद शरीर को अति स्थूल बना देता है जिसे हम मोटापा समस्या बन कर कई रोगों को जन्म दे देती है।

मोटापे के नुकसान -

 जिससे उदर, विकार , गैस , सांस, मधुमेह , हृदय विकार ( हृदय रोग ) अंगों में थकान , जोड़ों में दर्द , बेचैनी,नींद  का ठीक न आना,  ब्लडप्रेशर का बढ़ जाना , घबराहट आदि का होना जैसे लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं । 

मोटे व्यक्तियों में जठराग्नि या पाचकाग्नि तीव्र हो जाती है जिससे वे भोजन पर भोजन और अधिक भोजन करते हैं , किन्तु भूख शांत नहीं होती । ये भोजन तो करते हैं , किन्तु उसे पचाने की शक्ति नहीं रहती। 

 भोजन  के बाद रक्त , मांस , मेद , अस्थि मज्जा तथा शुक्र का निर्माण करती है । वह पचापचय ( मोटा बोलिज्म ) क्रिया मन्द हो जाने या अनियमित हो जाने से इन धातुओं पर नियंत्र नहीं रख पाती , जिससे इन सभी धातुओं में मेद धातु तक निर्माण अनियमित हो जाता है । अर्थात् एवं भोजन पर निर्भर है ।



मोटापे को कैसे कंट्रोल करें-

मोटापा एक ऐसा रोग है जो एक बार बढ़ जाता है फिर आसानी से कम नहीं होता पर दुनिया में ऐसा कोई भी काम नहीं है जो हम नहीं कर सकते क्योंकि असंभव शब्द बना ही नहीं है। अगर इंसान के अंदर किसी काम को करने का लगन और जुनून है तो फिर मोटा  या पतला होना इंसान कुछ भी कर सकता है।

ऐसे अनेक युवक और युवतियां है जो शादी  करके अपने शरीर का फिगर बिगाड़ लेते है । इस अचानक शारीरिक परिवर्तन के बारे में जानने के लिए हमें अधिक माथापच्ची करने की जरूरत नहीं है । 

यदि हम अपने  खान - पान और अपनी  दिनचर्या के बारे में मालूम करे कारण आसानी से समझ में आ जायेगा ।

शादी के बाद अचानक फूल जाना आज हर तीसरी महिला की समस्या हो गयी है जिसकी वजह है अनियन्त्रित खान - पान तथा अधिक आराम पसन्द हो जाना । शादी के बार हर युवती का खेलकूद से तो अपने आप नाता टूट जाता है और व्यायाम वह खुद ही छोड़ देती है। जिसके फलस्वरूप शरीर पर चर्बी चढ़ने लगती है । 

एक कारण यह भी है कि शादी से पहले नवयुवतियों  फिट रहने के लिए अपने फिगर से शादी के बाद  उनका ध्यान इस तरफ से हट जाता है । शादी हो जाने के बाद वह सुसराल इतना रम जाती है कि अपने सौन्दर्य की ओर ध्यान नहीं दे पाती पहले की अपेक्षा काफी आरामदेह हो गया है । आज महिलाओं को पहले की तरह काम करना पड़ता है।

 नये घरेलू उपकरण बाजार में आ जाने से महिलाओं काम नहीं करना  पड़ता , न ही सिलबट्टे पर मसाला अब तो सब काम बटन दबाने भर से हो जाता है ।

 सफाई के  लिए वैक्यूम क्लीनर चालू कर दिया , कपड़ों के अम्बार से छुटकारा के लिए वाशिंग मशीन है। इन सब उपकरणों के इस्तेमाल के कारण वे शारीरिक व्यायामों को करने से वांछित रह जाती है।  इन वैज्ञानिक उपकरणों की वजह से महिलाओं का काम आरामदेह जरूर हो गया पर वे इस मोटापा जैसी भयंकर समस्या की शिकार होती जा रही है ।

 एक अधययन से पता चला है कि जो औरतें घर का कामकाज नहीं करती , जिसका के साथ - साथ रक्तचाप , मधुमेह , हृदयरोग जैसी बीमारीयो का शिकार हो जाती है। देखा यह भी गया है कि शादी के बाद शारीरिक परिवर्तन की वजह से अनेक महिलाओं के दांपत्य जीवन पर भी बुरा असर पड़ता है। शादी के बाद अचानक शरीर में आए परिवर्तन की वजह से अनेक महिलाओं का दाम्पत्य जीवन भी असर पड़ता है। सौन्दर्य बिगड़ जाने की वजह से पति उनसे दूर होता जाता है । बच्चे होने के  बाद तो ऐसी महिला की और भी बुरी स्थिति होती है ।

 एक सर्वेक्षण में इस सिर्फ खाना और लेटना है वे औरतें मोटापे बीमारियों से पीड़ित हो जाती है ।  इन असाध्य बीमारियों से पीड़ित होने से बचा तेजी से महिलाएं मोटी होने लगती है । 


संयमित भोजन से मोटापे पर करें  काबू-

प्रत्येक व्यक्ति के शरीर का गठन उसकी आयु तथा लम्बाई के अनुसार होना चाहिये किन्तु तथा लम्बाई के विपरीत यदि उसके शरीर का वजन तथा अंग - प्रत्यंगों में भेद वृद्धि हो जाये और बेडौल दिखाई दे तो इसे मोटापे के लक्षण समझने चाहिए ।

 प्रारंभ में वसा या फैट का संचय नितम्ब , छाती . कंधों के ऊपरी भाग में होता है , तथा त्वचा एवं मांस पेशी ढीली - सी पड़ जाती हैं । यदि शरीर में सुस्ती , उत्साह की कमी आदि का आभास हो तो तुरन्त सावधान हो जाना चाहिये .।

शुरू में  ब्लडप्रेशर का बढ़ जाना , घबराहट आदि का होना जैसे लक्षण उत्पन्न हो जाते है।  मोटे व्यक्तियों में जठराग्नि या पाचकाग्नि तीव्र हो जाती है ।  इस प्रकार के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत सावधान हो जाना चाहिए।


शरीर का गठन अर्थात मोटापा या जरूर से ज्यादा पतलापन भोजन आहार विहार पर भी निर्भर करता है। अत्याधिक मधुर रस युक्त कफ कारक पदार्थ , दूध मलाई रबड़ी जैसे गरिष्ठ भोजन से बार - बार भोजन करने या भोजन को ठीक ढंग से पचा बिना, और फिर भोजन करके परिश्रम न करने, आलस्य के कारण दिन में सोना

 आदि कारणों से भोजन का पाचन अस्त - व्यस्त हो जाता है , जिससे वह अधपका भोजन अत्यन्त मधुर रस शरीर में भ्रमण करता हुआ अति स्निग्ध चिकना ) होने कारण मेद या वसा को पैदा कर देता है । यह मेद शरीर को अति स्थूल बना देता है जिसे हम मोटापा समस्या बन कर कई रोगों को जन्म दे देती है।

 जिससे उदर, विकार , गैस , सांस, मधुमेह , हृदय विकार ( हृदय रोग ) अंगों में थकान , जोड़ों में दर्द , बेचैनी,नींद  का ठीक न आना,  ब्लडप्रेशर का बढ़ जाना , घबराहट आदि का होना जैसे लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं । 

मोटे व्यक्तियों में जठराग्नि या पाचकाग्नि तीव्र हो जाती है जिससे वे भोजन पर भोजन अधिक भोजन करते हैं , किन्तु भूख शांत नहीं होती । ये भोजन तो करते हैं , किन्तु उसे पचाने की शक्ति नहीं रहती। भोजन  के बाद रक्त , मांस , मेद , अस्थि मज्जा तथा शुक्र का निर्माण करती है । वह पचापचय ( मोटा बोलिज्म ) क्रिया मन्द हो जाने या अनियमित हो जाने से इन धातुओं पर नियंत्र नहीं रख पाती , जिससे इन सभी धातुओं में मेद धातु तक निर्माण अनियमित हो जाता है । अर्थात् एवं भोजन पर निर्भर है ।

 भोजन का नियंत्रण ही इस रोग की उत्तम चिकित्सा है ।

 

*मोटापा दूर करने के उपाय-

 मोटापा दूर करने हेतु डायटिंग शब्द बहुत प्रचलित है , जिसमें लोग एक समय खाना बन्द शरीर को भोजन की आवश्यकता होती है । जिसमे गरिष्ठ भोजन को छोड़कर वसा वाले भोजन शुरू  कर देते हैं ।

 यदि खाते भी हैं तो बहुत कम । किन्तु स्वास्थ्य की दृष्टि से यह ठीक नहीं है ।  कैलोरी पदार्थ जैसे -सलाद, रेशेदार पदार्थ,  परवल आदि का साग , मूंग की दाल, 

करेला, मूली , गाजर जौ मिश्रित गेहूं की भुना दलिया आदि पदार्थ संतुलित आहार के रूप में लेना चाहिये । साथ ही नियमित रूप से प्रात कम से कम एक किलोमीटर टहलना इस रोग हेतु बहुत आवश्यक है ।


 पचंकर्म में अभ्यंग मसाज ( मालिश  ) एक प्रयुक्त प्रक्रिया है ।

 इसमें मेडीकेटीड तेलों द्वारा  नियमित एक सप्ताह से 15 दिन तक शरीर में अभ्यंग करने से शरीर में बढ़ रहे फैट या मेद के ऊतको नियंत्रण हो जाता है और पचापचय क्रिया संतुलित हो जाती है । 

अतः ऐसे रोगियों को अपने आहार विहार पर नियन्त्रण कर दैनिक रूप से तेल मालिश तथा उचित से रोग पर नियन्त्रण करना चाहिए । अन्यथा उत्तम स्वाद तथा भोजन की मोटापा का जन्म होकर  कई रोग उत्पन्न हो जाते हैं । जिन पर नियन्त्रण करना फिर कठिन ही नहीं मुश्किल होता है ।

 * मोटे लोगों का आहार  कैसा होना चाहिए-

वजन घटाने वाले विशेषज्ञों की असली समस्या कफ प्रकृति वाले लोग ही होते हैं । इस श्रेणी के लोग अपने शारीरिक स्वभाव के कारण अमूमन मोटे होते हैं । 

औरों के लिए मोटापा भले ही दोष या बीमारी हो , पर इनके लिए वह स्वाभाविक है । इसलिए इनका मोटापा हटाने के लिए डॉक्टरों को अतिरिक्त मशक्कत करनी पड़ती है ।

 विश्व के 79.12 प्रतिशत मोटे लोग कफ प्रकृति वाले ही हैं । इस प्रकृति के लोगों की पहचान यह है कि उनकी त्वचा पतली होती है । गर्मियों की बजाय सर्दिया उन्हें अधिक परेशान करती है । मौसम के संक्रमण काल में अन्य लोगों की तरह उन्हें बुखार नहीं आता , बल्कि ये जुकाम से पीड़ित होते हैं । इनकी आखें अमूमन चौड़ी और बड़ी होती हैं । 



मोटे लोग भोजन कैसे करें -

* हलके सूखे खाद्य पदार्थों का सेवन करें । 

* चिकनाई व वसा युक्त भोजन से परहेज

करे।

* मासाहार बिल्कुल कम कर दे।

 *दूध और दूध से बनी वस्तुओं का भी सेवन कम करे।

* सूखे और बासी भोजन से बचना चाहिए । मसालेदार और तीखे पदार्थों का प्रयोग कम कीजिए । 

* यदि तुरंत सम्भव  हो  तो ठीक , अन्यथा धीरे - धीरे कम करके नमक का प्रयोग ना करे ।

* नमकीन खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल काफी कम करें । 

*हल्के व गर्म खाद्य पदार्थ ग्रहण करें ।

* मीठी , खट्टी चीजें बिल्कुल कम खायें ।

*मासाहार यदि आवश्यक ही हो तो मछली मुर्गे या समुद्री उत्पाद का मांस ही लें ।

* दूध भी यदि जरूरी हो तो कम वसा वाला ही लें ।

* दही , मलाई , पनीर , कम - से - कम टमाटर , शकरकंद और खीरा के अलावा सभी सब्जियां ले सकते हैं ,लेकिन अधिक ताजी हो कोल्ड स्टोरेज या फ्रिज में रखी सब्जियों के प्रयोग से बचें ।


* संतरा , गूलर , अनानास बिल्कुल न खायें । सेब और नाशपाती अधिक से अधिक लें । 

*जौ . ज्वार व बाजरा का प्रयोग अधिक से अधिक करें । 

* गेहूं के आटे में भी एक तिहाई हिस्सा जौ का आटा मिलाएं । 

* चीनी , ग्लूकोज कम से कम लें , यदि किसी चीज को मीठा करना ही हो , तो शहद का सेवन करें। 

* भोजन के करीब आधे घंटे बाद खूब पानी पियें । 

*भोजन से पहले पानी कदापि न पियें ।

 *भोजन के दौरान भी जरूरत पड़ने पर ही पानी पियें। 

 *भोजन के करीब आधे घंटे बाद खूब पानी पिए


*व्यायाम और योग जरूर करें-

 अगर आप सच में मोटापे को कम करना चाहते हैं और आप अपने मोटापे से तंग है तो ऐसे में वह कर व्यायाम किए जाते हैं जिनको करके हम अपना वजन कम कर सकते हैं परंतु एवं बंद होते ही वजन बढ़ने लगता है आज के इस भाग दौड़ वाले जीवन में व्यायाम करना कितना जरूरी है क्योंकि इससे तनाव दूर करने और खून का दौरा भी सही रहता है।

 वास्तव में वजन घटाने के लिए व्यायाम करना बहुत मुश्किल हो जाता है। मोटापा इतना अधिक होता है कि मांस लटक जाता है  और शरीर को बैडोल हो जाता है और मोटापे के कारण उच्च रक्तचाप, जोड़ों में दर्द  जैसी बीमारियां हमें घेर लेती हैं। अगर आप भी सुंदर और पतले दिखना चाहते हैं तो इसके लिए है अपनी सेहत का ध्यान रखें। सबसे पहले अपने खान-पान पर ध्यान दें ।तला, चटपटा भोजन करना बंद करके, प्रोटीन, दाल, हरी सब्जियों और फलों का रस और जूस आदि ले। कुछ ही दिनों में आपको यह भोजन लेने की आदत पड़ जाएगी और यह भी देखेंगे ऐसा भोजन करने के बाद आपका वजन बहुत जल्दी काम हो जाएगा।

 विश्व में 30% लोग मोटापे से परेशान है पतले होने की गोलियां खाकर शरीर को आवश्यक तत्व कम कर लेते हैं। इसलिए अपने शरीर को कोई और कषटी ना देकर जीभ को  कंट्रोल करके अपना वजन आप कम करें और कुछ योग और व्यायाम करके खुद को आप फिट रख सकते हैं।


* मोटापा दूर करने के उपाय-

 मोटापा दूर करने हेतु डायटिंग शब्द बहुत प्रचलित है , जिसमें लोग एक समय खाना बन्द शरीर को भोजन की आवश्यकता होती है । जिसमे गरिष्ठ भोजन को छोड़कर वसा वाले भोजन शुरू  कर देते हैं ।

 यदि खाते भी हैं तो बहुत कम । किन्तु स्वास्थ्य की दृष्टि से यह ठीक नहीं है ।  कैलोरी पदार्थ जैसे -सलाद, रेशेदार पदार्थ,  परवल आदि का साग , मूंग की दाल, 

करेला, मूली , गाजर जौ मिश्रित गेहूं की भुना दलिया आदि पदार्थ संतुलित आहार के रूप में लेना चाहिये । साथ ही नियमित रूप से प्रात कम से कम एक किलोमीटर टहलना इस रोग हेतु बहुत आवश्यक है ।


 पचंकर्म में अभ्यंग मसाज ( मालिश  ) एक प्रयुक्त प्रक्रिया है ।

 इसमें मेडीकेटीड तेलों द्वारा  नियमित एक सप्ताह से 15 दिन तक शरीर में अभ्यंग करने से शरीर में बढ़ रहे फैट या मेद के ऊतको नियंत्रण हो जाता है और पचापचय क्रिया संतुलित हो जाती है । 

अतः ऐसे रोगियों को अपने आहार विहार पर नियन्त्रण कर दैनिक रूप से तेल मालिश तथा उचित से रोग पर नियन्त्रण करना चाहिए । 

अन्यथा उत्तम स्वाद तथा भोजन की मोटापा का जन्म होकर  कई रोग उत्पन्न हो जाते हैं । जिन पर नियन्त्रण करना फिर कठिन ही नहीं मुश्किल होता है ।

 निष्कर्ष- दुनिया में कोई भी काम ऐसा नहीं है जो संभव न हो बस इंसान के अंदर जुनून का होना जरूरी है। अगर आप भी मोटापे से परेशान है तो सबसे पहले आपको अपने मोटापे को कम करने का जुनून होना जरूरी है, क्योंकि मोटापे के साथ शरीर में कई तरह की बीमारियां हमें लग जाती हैं।




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