साइबर क्राइम से कैसे बचे | cyber crime prevention |

साइबर क्राइम से कैसे बचे- डिजिटल की इस दुनिया में जहां सुख है तो बहुत सारे दुख भी हैं क्योंकि वर्तमान समय में बहुत सारे साइबर क्राइम और धोखाधड़ी से जुड़े मामले सामने आते रहते हैं इनमें अलग-अलग तरीकों से लोगों को उल्लू बनाया जाता है और उनके बैंक अकाउंट से पैसे या तो गायब कर दिए जाते हैं। वो आपके आकाउंट को हक कर लेते हैं। ऐसी बहुत अफवाहें  सुनने में मिलती हैं।  आजकल सोशल मीडिया पर इस तरह के बहुत सारे वीडियो वायरल हो रही हैं जिसमें पुलिस वर्दी एक शख्स साइबर फ्रॉड की शिकायत करने के लिए नंबर बता रहा है इस किस प्रकार बहुत सारी वीडियो बनाकर लोग साइबर क्राइम करते हैं और लोग आसानी से इनके जाल में फंस जाते हैं जो यह नंबर बताया जाता है वह बदल चुका है पहले नंबर 155260 था ,अब बदल कल टोल फ्री नंबर 1930 हो गया है।


• साइबर क्राइम के तरीके- आपका फोन में इस प्रकार का मैसेज आएगा

बधाई हो ....! आपने लकी ड्रा में 3 मिलियन अमेरिकी डॉलर राशि जीती है , अपने पैसों का दावा की पुरस्कार करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर ये या इससे मिलता - जुलता संदेश फोन या ई - मेल पर आना बहुत आम है । कुछ लोग भ्रमित हो जाते हैं और उन लिंक्स पर क्लिक कर देते हैं । इसके बाद पता चलता है कि ठगी का शिकार हो गए हैं । ये सिर्फ एक तरीका नहीं है ठगी का बल्कि इस प्रकार के हजारों की संख्या में तरीके अपनाते हैं ठगी का शिकार करने वाले लोगों को , 

इंटरनेट पर फर्जी कंपनियों के फेक विज्ञापन के जरिए फ्रॉड हो सकता है । हैकर्स सर्फिंग के दौरान दिखने वाले विज्ञापन के जरिए पर लॉगिन करता है तो वो हैकर्स के जाल में फंस जाता है ।

 ऐसी वेबसाइट को प्रमोट करते हैं जो असल में फर्जी होती हैं और जब यूजर इस डिजिटल विज्ञापन से धोखा सोशल मीडिया पर कई ऐसी कंपनियां भी विज्ञापन दे रही हैं , जो असल में हैं ही नहीं या यूं कहें कि फर्जी हैं । ये ठगी करने वाले लोग किसी भी नाम से एक वेबसाइट बनाते हैं और उसका विज्ञापन सोशल मीडिया पर डाल देते हैं । जब आप इनसे कुछ ख़रीदते हैं तो आपको सब कुछ असली लगता है , लेकिन जब न तो सामान मिलता है , न ही पैसे वापस मिलते हैं तब धोखाधड़ी का एहसास होता है । 


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आपकी ' सर्च पर से नज़र रखते हैं- आजकल सभी वाहन , घर , प्लॉट , मोबाइल , सोना आदि खरीदने से पहले जयादातर लोग  इंटरनेट पर खोजबीन करते हैं । साइबर क्रिमिनल इन खोजी गई जानकारियों से संबंधित विज्ञापन भेज देते हैं और उनकी पसंद के अनुसार उनसे एक फॉर्म भरवाते हैं । समय - समय पर उन्हें उससे संबंधित विज्ञापन भेजते रहते हैं जिसमें डिस्काउंट और ऑफर का लालच दिया जाता है । साथ ही एक लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है । सारी जानकारी अपलोड करते ही साइबर क्रिमिनल बैंक खाते से रकम निकाल लेते हैं । जालसाज फर्जी वेबसाइट के जरिए रैनसमवेयर भेजकर व्यक्ति की सारी निजी जानकारी चोरी कर लेता है और फिरौती मांगता है और इस प्रकार लोग बहुत बड़ी मुसीबत में कई बार फस जाते हैं।


ठगी होने के बाद क्या करें -

 • सबसे पहले , जिस खाते से आपने भुगतान किया है , उससे संबंधित बैंक • इसके बाद नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराएं । 

सुरक्षा के लिए सतर्क रहें इंटरनेट पर कोई भी आकर्षक डील देखकर लालच में न आएं । पहले कंपनी और विज्ञापन की पड़ताल करें कि जिस कंपनी या डीलर की तरफ से यह ऑफर दिया जा रहा है वह वास्तव में है भी या नहीं । उस कंपनी और सामान का निरीक्षण इंटरनेट के अलग - अलग प्लेटफॉर्म पर करें । सामान ऑर्डर करते समय कैश ऑन डिलीवरी का ही विकल्प चुनें ।

 अगर उस उत्पाद पर कैश ऑन डिलीवरी का विकल्प मौजूद नहीं है तो कंपनी और उसका ऑफर दोनों ही फेक हो सकते हैं ।

निजी जानकारी भरने से पहले अधिकृत वेबसाइट के यूआरएल की जानकारी किसी भी लिंक को क्लिक करने से बचें । जहां पैसे से संबंधित किसी भी तरह के लालच दिए जा रहे हों और निजी जानकारी मांगी जा रही हो , उससे दूर रहें । 

किसी भी वेबसाइट या यूआरएल पर जाने के पहले जांच लें कि इसकी शुरुआत एचटीटीपीएस ( HTTPS ) से ही हो रही हो । डोमेन जांचें जैसे- डॉट कॉम डॉट - इन आदि । 

 बैंक खाते से जुड़े फोन नंबर और ई - मेल आईडी का इस्तेमाल अन्य वेबसाइट पर लॉगइन करने के लिए न करें ।


साइबर क्राइम से खुद का बचाव कैसे करें- साइबर क्राइम से सुरक्षित रहने के लिए आपको हमेशा सावधान और सतर्क रहने की आवश्यकता है। एसएमएस और ईमेल पर आने वाले किसी भी तरह के अंजान लिंक पर क्लिक न करें। किसी भी व्यक्ति के साथ अपने खाते से जुड़े गोपनीय जानकारी और ओटीपी नंबर ना दें। किसी भी तरह के अननोन फोन से मैसेज इमेल का जवाब ना दें और उन्हें अगर आपको जरूरत नहीं लगती तो ब्लॉक कर दें। इस तरह आप साइबर फ्रॉड का खतरा कम कर सकते हैं।


• सभी डिवीजन में मजबूत पासवर्ड लगे वायरस से बचने के लिए एंटीवायरस और एंटी स्पाइवेयर का भी इस्तेमाल करें।

• अपने सॉफ्टवेयर को समय-समय पर अपडेट करते रहें।

• सॉफ्टवेयर को अच्छी और विश्वसनीय विश्वास साइट से ही डाउनलोड करें।

•पब्लिक प्लेस पर किसी का वाई-फाई का इस्तेमाल करने से बचे इससे आपकी जानकारी उन तक शेयर हो।

•एप्स को कम से कम परमिशन दें।

• अनजान व्यक्ति के हाथों में अपना फोन ज्यादा देर के लिए ना दें।

•अपने फोन में हर प्रकार की ऐप को डाउनलोड करने की कोशिश ना करें, जितनी भी जरूरत है उतनी ही एप्स को डाउनलोड करें।

इस प्रकार आप छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें साइबर क्राइम से बच सकते हैं और सावधान रह सकते हैं। आपके जो भी ऑनलाइन बैंक या फिर किसी भी प्रकार का पासवर्ड उसको समय रहते बदलते रहना चाहिए और ज्यादातर 10 या 12 की संख्या में वह कोड आपका होना चाहिए और इस बात का ध्यान रखें अपना पासवर्ड कभी भी किसी के साथ शेयर ना करें। इस बात को छोटे बच्चों से भी छुपा कर रखना चाहिए क्योंकि बच्चों को पता नहीं होता कब किस कौन सी बात शेयर कर दें।

अगर आप इस प्रकार की किसी भी समस्या में फंस जाते हैं तो घबराएं नहीं बल्कि पुलिस के साथ मिलकर इसको पूरी जानकारी दें और पुलिस आपकी इस मामले में हर प्रकार से मदद करेगी।

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