हैल्थ चैकअप कब करवाये | फुल बाॅडी चैकअप कैसे करवाये | सवास्थय की जांच कब और कैसे करवाये |

हैल्थ चैकअप कब करवाये और कितना जरूरी है- आधुनिक जीवन शैली में आज हर किसी के लिए जिन्दगी एक अभिशाप  बन गई है कयोंकि  इन्सान सुविधाओं के माया जाल में फंसकर जयादातर लोगों  ने पश्चिमी सभ्यता का लिबास पहन लिया । शराब , सिगरेट  , शारीरिक श्रम के अभाव तनाव की जिन्दगी,  आचार - विचार , व्यवहार व आहार में अनियमितता के कारण हृदय रोग , मधुमेह , उच्च रक्तचाप ने घेर लिया है ।


● मोटापा -   उच्च रक्तचाप , कैंसर आदि के प्रमुख कारकों व लक्षणों का समय पर निदान हो तो इन रोगों से बचाव किया जा सकता है । शारीरिक स्वास्थ्य परीक्षण का मुख्य उद्देश्य यही है कि से समय पर ही उपचार एवं निदान कर लिया जाए । उन कारकों की जांच कर ली जाए जिसके कारण इन रोगों की संभावना बनी रहती है।

 जिस वयक्ति का मोटापा अधिक है उसे अपने खान-पान में विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि अधिक वजन के कारण शरीर बीमारियों के चपेट में आ जाता है।

 

उच्च रक्तचाप  के कारण और  इलाज-

उच्च रक्तचाप के लक्षण शुरू में प्रकट नहीं होते बल्कि धीरे-धीरे अधिक रक्तचाप का खतरे का कारण बन जाता है लगातार अगर रक्तचा बढ़ रहा है तो यह दिल के कार्यभार को बढ़ा देते हैं और धमनियों को सख्त होने की प्रक्रिया को और बेटी पर कर देते हैं जब धमनियां संकरी और सख्त हो जाती हैं तो वह शरीर के अंगों को उतना रक्त नहीं पहुंचा सकती जिसे अपना कार्य पूरी प्रकार से कर सकें उच्च रक्त साफ यदि अधिक समय तक बना रहे तो दिल का दौरा गुर्दे और तांत्रिकों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। जिसे नेत्रों के पीछे स्थित रक्त वाहनीय सिकुड़ जाती है,  मस्तिष्क के पक्षपात  की संभावना अधिक रहती है।  उच्च रक्तचाप की अवस्था में कुछ बातों पर ध्यान देना बहुत आवश्यक हो जाता है। उच्च रक्तचाप के रोगी के लिए जरूरी है कि वह धूम्रपान को बिल्कुल ही त्याग दे। अपने आहर में चर्बी वाले भोजन  का प्रयोग कम करें, शारीरिक परिश्रम पर अधिक ध्यान दें। नमक का प्रयोग कम करें अपने वजन पर ध्यान दें तथा नियमित रूप से रक्तचाप की जांच करवाते रहें।


वजन कैसें कम करें-

 मोटापा मानव का शत्रु है। मोटापे के कारण उच्च रक्तचाप , दिल का दौरा , मधुमेह , कोलेस्टरोल में वृद्धि , जोड़ों में दर्द , पित्त की थैली में पथरी , श्वास के रोग की अधिक संभावना रहती है । अतः जिस व्यक्ति का वजन अधिक है , उसको आहार में नियमित संतुलित भोजन तथा शारीरिक श्रम द्वारा वजन में कमी करने का परामर्श दिया जाता है ।


● वसा व कोलेस्ट्राल की जांच कैसे करें-

 यदि आहार में जीव स्त्रोत से उत्पन्न वसा , सुअर का गोश्त , बकरे का गोश्त अधिक चिकनाई व तली चीजों का सेवन किया जाए तो कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है।, जिससे हृदय रोग , उच्च रक्तचाप , मोटापा , बड़ी आंत का कैंसर , पौरुष ग्रन्थि का कैंसर , स्तन का कैंसर संभावना इन रोगों की बनी रहती है ।  इन रोगों को अधिक देखा गया है । 

 अतः यह ध्येय होना चाहिए कि रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 18. मि . ग्राम प्रति लीटर से अधिक मधुमेह न हो । नियमित संतुलित भोजन , वजन में कमी तथा शारीरिक परिश्रम द्वारा यह संभव है ।


● मधुमेह रोगी कया करें  -

मधुमेह  रोगियों को अधिकतर पहले यह पता नहीं चल पाता कि वे मधुमेह के रोगी संक्रमण के अधिक तथा जल्दी शिकार होते हैं । 25 वर्ष बाद 50 प्रतिशत रोगी नेत्र रोग के शिकार होते हैं . 4 गुना रोगियों को क्षय रोग घेर लेता है। चार गुना अधिक दिल का दौरा होता है । मोटापा भी मधुमेह का प्रमुख घटक है इसलिए भजन में कमी, शारीरिक परिश्रम तथा नियमित एवं संतुलित आहार द्वारा उपचार सम्भव है।

 40 वर्ष की आयु के बाद  प्रति वर्ष में ग्लूकोज की जांच अनिवार्य है ।


● धूम्रपान के नुकसान-

 उच्च रक्तचाप , दिल का दौरा, पौरूष ग्रंथि कैंसर, दिल की थैली में फेफड़े का कैंसर,  सांस के रोग, स्तन कैंसर का प्रमुख कारण है, इसलिए धूम्रपान निषेध स्वास्थ्य का सर्वोत्तम नुस्खा है । 

ई.जी.सी. कब करवाये-

 यद्यपि प्रत्येक स्वास्थ्य परीक्षण के समय ई.सी.जी. अनिवार्य है , किन्तु जिन व्यक्तियों को दिल की बीमारी का कोई लक्षण नहीं है । उनके लिए ई.सी.जी. का विशेष महत्व नहीं है । फिर भी 15-20 प्रतिशत एक्स रे के तौर पर टी.एम.टी. स्ट्रेस ई.सी.जी द्वारा दिल की जांच की जाती है ।

  

एक्सरे  कब करवाये-

 एक्स रे द्वारा फेफड़े के रोग , श्वास के रोग की संभावना की जांच हो जाती है । 40 वर्ष से अधिक आयु के रोगी विशेषकर धूम्रपान करने वाले रागियों में हृदय के आकार का भी पता चलता है । प्रत्येक शारीरिक स्वास्थ्य परीक्षण में एक्स रे जांच भी सम्मिलत है । शारीरिक स्वास्थ्य परीक्षण द्वारा मधुमेह , दिल के रोग , मोटापा , कैंसर की पहचान समय से पहले की जा सकती है । इन रोगों के बचाव के लिए अभी तक किसी टीके या वैक्सीन की खोज नहीं की जा सकी है । 

अपने आचार , विचार , व्यवहार व आहार में परिवर्तन कर हम स्वस्थ , सुखी निरोग रह सकते हैं ।

 शारीरिक स्वास्थ्य परीक्षण का ध्येय भी यही है प्रबल इच्छा शक्ति , दृढ संकल्प धारण कीजिए तथा शारीरिक स्वास्थ्य परीक्षण द्वारा अपने शरीर की विधिवत जांच - पड़ताल करवा लीजिए ।

 निष्कर्ष-

 इस प्रकार आप समय-समय पर अपनी हेल्थ चेकअप करवाते रहें क्योंकि जिंदगी का नाम चलना ही जिंदगी है। अगर एक बार सांसे रुक गई तो फिर सब यही का धरा रह जाता है। अगर हो सके साल में एक बार फुल बॉडी चेकअप कराना जरूरी है। अगर आप किसी गंभीर बीमारी के शिकार है तो अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। हमारा स्वास्थ्य ही हमारा सबसे बड़ी दौलत है इसलिए स्वास्थ्य के प्रति कोई भी लापरवाही ना बरते।

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