गेहूँ का ज्वारा के चमत्कारी फायदे | गेहूँ का ज्वारा और कैंसर : एक प्राकृतिक उपचार

गेहूँ का ज्वारा (Wheatgrass): स्वास्थ्य और रोगों से लड़ने का प्राकृतिक अमृत

1. परिचय

मानव जीवन में स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन है। यदि शरीर स्वस्थ है तो जीवन की हर कठिनाई का सामना सरल हो जाता है। आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी, प्रदूषण, असंतुलित आहार और तनावपूर्ण जीवनशैली ने अनेक बीमारियों को जन्म दिया है। मधुमेह, ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियाँ अब आम होती जा रही हैं। ऐसे समय में लोग प्राकृतिक और सुरक्षित विकल्पों की ओर लौट रहे हैं।

इन्हीं प्राकृतिक विकल्पों में सबसे महत्वपूर्ण है गेहूँ का ज्वारा (Wheatgrass)। यह गेहूँ के पौधे का 7–8 दिन का ताज़ा अंकुर होता है। इसका रस हरे रंग का होता है, जिसे Green Blood कहा जाता है। यह नाम इसलिए दिया गया क्योंकि गेहूँ के ज्वारे में पाया जाने वाला क्लोरोफिलसंरचना और कार्य में मानव रक्त के हीमोग्लोबिन से बहुत मिलता-जुलता है।

आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा में गेहूँ के ज्वारे को अमृत समान माना गया है। आधुनिक विज्ञान भी इस तथ्य को स्वीकार कर चुका है कि गेहूँ का ज्वारा केवल पोषक तत्वों से भरपूर ही नहीं, बल्कि गंभीर बीमारियों से लड़ने में भी सहायक है।


2. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

गेहूँ के ज्वारे का प्रयोग बहुत प्राचीन काल से होता आ रहा है। भारत के आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है। महर्षि चरक और सुश्रुत ने भी हरित रस (Green Juice) के महत्व को बताया है।
पश्चिमी देशों में 20वीं शताब्दी के मध्य में डॉ. एन्न विगमोर (Ann Wigmore) ने गेहूँ के ज्वारे को लोकप्रिय बनाया। उन्होंने इस पर अनेक प्रयोग किए और पाया कि यह कैंसर, पाचन रोग और त्वचा रोगों में अत्यंत लाभकारी है।

आज गेहूँ का ज्वारा Natural Detoxifier और Superfood के रूप में पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।

3. गेहूँ के ज्वारे का पोषण मूल्य

गेहूँ का ज्वारा एक संपूर्ण आहार (Complete Food) है। इसमें लगभग वे सभी तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को स्वस्थ रहने के लिए चाहिए।

  • क्लोरोफिल – लगभग 70%

  • विटामिन्स – A, C, E, K और B-कॉम्प्लेक्स

  • खनिज – कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन, फॉस्फोरस, जिंक, सेलेनियम

  • प्रोटीन – लगभग 17 प्रकार के अमीनो एसिड

  • एंजाइम्स – जो पाचन और शरीर की क्रियाओं में सहायक हैं

  • फाइटोन्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सीडेंट्स – शरीर को रोगों से बचाने वाले प्राकृतिक रसायन

इस कारण गेहूँ के ज्वारे को Green Blood और Nature’s Multivitamin भी कहा जाता है।

4. गेहूँ के ज्वारे के सामान्य स्वास्थ्य लाभ

(क) रक्त की शुद्धि और हीमोग्लोबिन में वृद्धि

गेहूँ के ज्वारे में मौजूद क्लोरोफिल रक्त को शुद्ध करता है और हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाता है। यह एनीमिया (खून की कमी) के मरीजों के लिए अत्यंत लाभकारी है।

(ख) शरीर की शुद्धि (Detoxification)

गेहूँ का ज्वारा शरीर से विषैले पदार्थ (टॉक्सिन्स) को बाहर निकालता है। यह लिवर और किडनी को मजबूत बनाता है और शरीर को भीतर से स्वच्छ करता है।

(ग) पाचन तंत्र को दुरुस्त करना

इसमें मौजूद एंजाइम पाचन क्रिया को तेज करते हैं। इससे गैस, कब्ज, अल्सर और एसिडिटी जैसी समस्याएँ दूर होती हैं।

(घ) रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि

नियमित सेवन से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है। यह सर्दी-जुकाम, वायरल और संक्रमण से बचाता है।

(ङ) त्वचा और सौंदर्य लाभ

गेहूँ का ज्वारा त्वचा से विषैले पदार्थ निकालकर चमक बढ़ाता है। मुहाँसे, झाइयाँ और झुर्रियाँ कम होती हैं।

(च) हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूती

इसमें कैल्शियम और मैग्नीशियम होता है जो हड्डियों को मजबूत बनाता है।

(छ) ऊर्जा और मानसिक शांति

यह थकान, तनाव और कमजोरी को दूर करता है। नियमित सेवन से नींद बेहतर होती है और मन शांत रहता है।

5. गेहूँ का ज्वारा और कैंसर

कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर की कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। इसके कारण शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है। कैंसर का इलाज कठिन और महँगा है, लेकिन गेहूँ का ज्वारा इसमें सहायक सिद्ध हुआ है।

 क्लोरोफिल और ऑक्सीजन सप्लाई

गेहूँ का ज्वारा लगभग 70% क्लोरोफिल से युक्त है। क्लोरोफिल कोशिकाओं में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाता है। कैंसर कोशिकाएँ कम ऑक्सीजन वाले वातावरण में पनपती हैं। जब शरीर में पर्याप्त ऑक्सीजन पहुँचती है तो कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि रुक जाती है।

एंटीऑक्सीडेंट गुण

गेहूँ का ज्वारा शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर है। ये शरीर में फ्री-रेडिकल्स को नष्ट करते हैं। फ्री-रेडिकल्स ही कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाकर कैंसर पैदा करते हैं।

 प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना

यह इम्यून सिस्टम की शक्ति बढ़ाता है। इससे शरीर की प्राकृतिक रक्षा कोशिकाएँ (T-cells, NK cells) कैंसर कोशिकाओं को पहचानकर नष्ट कर देती हैं।

कीमोथेरेपी और रेडिएशन के दुष्प्रभाव कम करना

कैंसर के मरीज जब कीमोथेरेपी या रेडिएशन लेते हैं तो अक्सर कमजोरी, उल्टी, खून की कमी और संक्रमण की समस्या होती है। गेहूँ का ज्वारा इन दुष्प्रभावों को कम करता है और रोगी को ताकत देता है।

 कैंसर से जुड़ी थकान और दर्द में राहत

गेहूँ का रस शरीर को नई ऊर्जा देता है और दर्द को कम करता है।

6. सेवन विधि-

  1. गेहूँ के बीजों को अंकुरित कर 7–8 दिन तक धूप और पानी देकर घास तैयार करें।

  2. सुबह खाली पेट इस घास को काटकर जूसर में डालें।

  3. प्रतिदिन 25–50 मिली रस का सेवन करें।

  4. चाहें तो इसे धीरे-धीरे चबाकर भी खा सकते हैं।

  5. रस निकालने के तुरंत बाद ही पीना चाहिए, वरना इसके एंजाइम और पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं।

7. सावधानियाँ

  • शुरुआत में कम मात्रा से सेवन करें।

  • अत्यधिक सेवन से उल्टी या सिर दर्द हो सकता है।

  • गर्भवती महिलाएँ और गंभीर रोगी डॉक्टर की सलाह से लें।

8. निष्कर्ष

गेहूँ का ज्वारा प्रकृति का अमूल्य उपहार है। यह न केवल शरीर को ऊर्जा देता है, बल्कि रक्त शुद्ध करता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और गंभीर रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है। कैंसर जैसे रोगों में यह सहायक चिकित्सा के रूप में कारगर सिद्ध हुआ है।

इसीलिए इसे Green Blood और Natural Medicine कहा जाता है। आज जब लोग दवाओं के दुष्प्रभावों से परेशान हैं, तब गेहूँ का ज्वारा एक सरल, सुरक्षित और सस्ता उपाय है। यदि इसे नियमित रूप से आहार में शामिल किया जाए तो जीवन लंबा, स्वस्थ और सुखद हो सकता है।


Disclaimer- यह एक सामान्य जानकारी है अगर आपकी कोई भी  गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं ते इसके लिए आप अपने डॉक्टर से ज़रूर  संपर्क करें।


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