बजरंग बाण पाठ कैसे करें |हनुमान की पुजा कैसे करे || मनोकामना पूरी हो मंगलवार के उपाय |

 
Tittle - हनुमान जी पुजा कैसे करें-
भगवान हनुमान जी कहां रहते हैं?
 आइए जानते हैं ,इसके बारे में विस्तार से......।
जहां जहां भगवान श्री राम जी का नाम, भजन, कीर्तन कथा लीला चरित्र महिमा का वर्णन किया जाता है वहां वहां पर श्री हनुमान जी मस्तक झुकाये और हाथ जोड़े भगवान के सामने उपस्थित रहते है। अर्थात जिस स्थान पर भगवान श्री राम की कथा का नाम, जप ,कीर्तन होती हो उसी स्थान पर भगवान के चरणों में सिर झुकाकर हाथ जोड़े हुए हनुमान जी हमेशा उपस्थित रहते हैं, तथा अपनी आंखों में प्रेम के आंसू निरंतर बहते रहते हैं। ऐसा वरदान श्री राम जी से हनुमान ने साकेत यात्रा के समय प्राप्त किया था कि इस धरती पर जहां जहां आप की कथा का वर्णन होगा वहां वहां मैं हमेशा उपस्थित रहूंगा।

मनोकामना पूरी करने के लिए हनुमान जयंती पर विशेष उपाय-

कलयुग के इस दौर में हनुमान जी को ऐसा भगवान माना जाता है जो हमारी मनोकामना बहुत जल्दी पूरी करते हैं, क्योंकि इस युग में लोगों को हर चीज की बहुत जल्दी होती है ।इसीलिए हनुमान जी की पूजा तत्काल फल देने वाली मानी गई है । जहां जहां राम जी का नाम का उच्चारण होता है ऐसे में भगवान हनुमान और ज्यादा खुश होते हैं।
 कल यानी 6 अप्रैल 2023 को हनुमान जयंती मनाई जा रही है। इस पर कुछ विशेष उपाय करके आप भी अपने जीवन में कुछ सफलता हासिल कर सकते हैं। जो बहुत ही  छोटे और सरल  उपाय हैं। 

हनुमान जी के उपाय-
हनुमान जयन्ती -
1. हनुमान जी के जन्मदिन का पर्व भक्तों के लिए सबसे बड़ा उत्सव है , हनुमान जयंती रामभक्त हनुमान के जन्मोत्सव के रूप में समूचे देश में बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है । हनुमान जयंती पर रामचरितमानस के सुन्दरकाण्ड के पाठ को पढ़ना चाहिए और गुड़ - चने के प्रसाद का बांटना  चाहिए । 

2. मनोकामना पूर्ति और हर तरह के मंगल के लिए  हनुमान जयन्ती के दिन इमरती का भोग लगाना भी शुभ होता है ।

3. वास्तु शास्त्र के अनुसार  पश्चिम दिशा के भवन उन लोगों के लिए विशेष लाभदायक होते हैं जो शिक्षा , राजनीति , धार्मिक या कॉरपोरेट बिजनेस करना चाहते हैं पश्चिम - मुखी भवनों में मुख्य दरवाजा उत्तर - पश्चिम दिशा में हो तो शुभ होता है । ऐसी स्थिति में बरामदे का गेट भी उत्तर दिशा में बनाने की कोशिश करनी चाहिए , पश्चिम दिशा से जुड़े दोष दूर करने के लिए पश्चिमी दीवार पर वरुण यंत्र स्थापित किया जाता है । पश्चिम मुखी घरों  में वास्तु दोष होने पर परिवार के मुखिया को लगातार 11 शनिवार व्रत रख कर , गरीबों को काले चने बांटने चाहिये और पश्चिम दिशा में अशोक का वृक्ष लगाना चाहिये । घर का मुख्यद्वार दक्षिण मुखी हो तो दरवाजे पर पंचमुखी हनुमानजी का विग्रह या तस्वीर लगाना अति शुभ होता है ।

4. मंगलवार के उपाय-
 मन की शांति के लिए पांच लाल फूल किसी मिट्टी के पात्र में गेहूं के साथ रखकर घर की छत के पूर्व कोने में मंगलवार को ढंक कर रखें और अगले मंगलवार तक उसे छुए नहीं , अगले मंगलवार को सुबह के समय सारे गेहूं छत पर फैला दें और फूलों को घर के मंदिर में रख लें । आपके जीवन के सारे तनाव दूर होंगे और शांति आप खुद महसूस करेंगे ।

5 . सुख - समृद्धि के लिए  उपाय-
 सिन्दूर लगे हनुमान जी की मूर्ति का सिन्दूर लेकर सीता जी के चरणों में लगाएँ , फिर माता सीता से एक श्वास में अपनी कामना निवेदित कर भक्ति पूर्वक प्रणाम कर वापस आ जाएँ । इस प्रकार कुछ दिन करने पर सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है ।

6. मंगलवार के उपाय-
 यदि किसी के साथ बार - बार दुर्घटना होती हैं तो अमावस्या के तुरंत बाद आने वाले शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार को 400 ग्राम दूध से चावल धोकर बहती नदी अथवा झरने में प्रवाहित करें । यह उपाय लगातार सात मंगलवार करें , और हर मंगलवार श्री राम रक्षा स्त्रोत का पाठ कर हनुमान जी से रक्षा करने की विनती करें । ऐसा करने से लगातार हो रही दुर्घटनाओं से बचाव होता है ।

7. यदि परेशानियों से हमेशा के लिए मुक्ति चाहते हैं तो मंगलवार को हनुमानजी के मंदिर में जाकर एक नारियल पर सिंदूर से स्वस्तिक बनाएं और हनुमानजी को भेंट कर दें । फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें । इस उपाय से जल्दी ही शुभ फल प्राप्त होते हैं ।

8. 40 मंगलवार को लगातार हनुमान मंदिर में दीपक जलाये  । इसके साथ ही मन्दिर  में बैठकर हनुमान चालीसा पढ़ने से शुभफल मिलता है । आर्थिक परेशानियां दूर होकर जीवन में खुशियों का आगमन होता है ।

9 . मंगलवार को कर लें यह उपाय कठिन से कठिन समस्या भी दूर होगी-
 मंगलवार के दिन किसी भी हनुमान मंदिर में एक नींबू और 4 लौंग लेकर जाएं , इसके बाद हनुमानजी के सामने नींबू के ऊपर चारों लौंग अर्पित करें । फिर हनुमानजी के इस बीज मंत्र - “ ॐ ऐं श्रीम हनुमते , श्री राम दूताय नमः ” का 108 बार जप करें । मंत्र जप के बाद मनोकामना पूर्ति की कामना करते हुए नींबू को अपने साथ ही रख लें । कुछ ही दिनों में कठिन से कठिन समस्या दूर हो जायेगी। 

10. मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने या सुनने से विशेष लाभ प्राप्त होता है । शत्रुओं से मुक्ति के लिए इस दिन बजरंग बाण का पाठ काफी लाभकारी माना गया है ।

11. मंगलवार के उपाय - धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए प्रतिदिन संध्या के समय हनुमानजी के सम्मुख मिट्टी से बना सरसों के तेल का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें । पूजा करने के बाद कच्ची घानी के तेल के दीपक में लौंग डालकर हनुमान जी की आरती करें , ऐसा करने से धन सम्बन्धी समस्यायें समाप्त होती हैं और संकट दूर होता है । धन आगमन मार्ग की बाधाओं को दूर करने के लिए रामायण या श्रीरामचरित मानस का पाठ करना भी लाभदायक होता है.

12.  मंगलवार के उपाय अगर आप अनावश्यक रूप से होने वाले खर्चों से परेशान है और उनसे छुटकारा पाना चाहते हैं तो एक गोमती चक्र , एक नारियल पर सिंदूर लगाकर मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर में अर्पित करें । इससे आपकी कीमती कमाई व्यर्थ खर्च नहीं होगी ।

13. मंगलवार के दिन मसूर की दाल और नौ गुलाब के फूल शिवलिंग पर चढ़ाने से मंगल दोष में आराम मिलता है । साथ ही मंगलवार के दिन रामायण के अरण्व कांण्ड का पाठ करने से भी मंगल दोष में आराम मिलता है ।

14. सुंदरकांड का पाठ का नियम 
 11 , 21 , 31 और 41 दिन का होता है । किसी निश्चित समय पर देशी घी का दीपक जलाकर सात पीपल के पत्ते और लड्डू हनुमानजी के चरणों में रखकर सुंदरकांड का पाठ करें और फिर पीपल के पत्तों की माला बनाकर हनुमान जी के मंदिर में चढ़ा दें । जितने दिन का अनुष्ठान होगा , उतनी ही अवधि के पीपल के पत्तों की माला ( 11 , 21 , 31 और 41 ) बनाकर हनुमान जी को अर्पित करें । यह धयान रखे कि सुंदरकांड पाठ प्रतिदिन हो । 

इसलिए अगर आप हनुमान जी की कृपा चाहते हो तो उसके लिए भगवान राम की पूजा करने सबसे पहले जरूर करनी है। इसलिए अपने घर में अगर आप हनुमान जी की पूजा करते हो तो उसके साथ साथ राम जी की पूजा बहुत जरूरी है। इस प्रकार की पुजा से आपके बहुत ही जल्दी मनोकामना पूरी होगी क्योंकि जहां पर भगवान राम है वहीं पर हनुमान जी रहते हैं।

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 हनुमान चालीसा महत्व और  निजी अनुभव----

हनुमान चालीसा एक सिद्ध मंत्र है इसे प्रतिदिन 11 बार पाठ करना चाहिए अगर हो सके तो प्रति मास कृष्ण पक्ष चौदस को रात में 12:00 बजे के बाद स्नान करके एक शुद्ध आसन पर बैठकर एक बार में 111 बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए । ऐसा करने से आपकी मनोकामना पूर्ण होगी।
महाशिवरात्रि को 111 बार पाठ निष्काम भाव से पूरे मन व ध्यान से पाठ करना अति शुभ माना गया है। यह साधु संतों के निजी अनुभव का प्रसाद है।

बजरंग बाण कब पढना  चाहिए-

हमारे धर्म शास्त्रों के अनुसार 
मंगल वार का दिन राम भक्त हनुमान की पूजा के लिए समर्पित होता है। आज के दिन हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, रामचरितमानस का पाठ करना मंगलकारी होता है। आज के दिन बजरंग बाण का भी पाठ किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बजरंग बाण का पाठ मंगलवार, शनिवार या फिर हनुमान जयंती के दिन विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए किया जाता है। बजरंग बाण का पाठ हनुमान चालीसा की तरह हर रोज करने की मनाही है , क्योंकि इसका उद्देश्य किसी विशेष कार्य की सिद्धि के लिए ही किया जाता है।

बजरंग बाण का महत्व और टोटके
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यह गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित हनुमानोपासना में बजरंग बाण अत्यंत महिमा बताई है। हनुमानगढ़ी अयोध्या से बजरंग बाण के प्रमाणिक पाठ को पढ़कर सिद्धि लाभ करें।

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टोटके-----
1. बजरंग बाण नित्य पढ़ने से शत्रुओं पर विजय निश्चित होती है।

2. जब आप के चारों तरफ भय व निराशा ही हाथ लगती हो तब तुलसीदास द्वारा रचित बजरंग बाण को पढ़ने से सारी तरह की विपदाऔ का निवारण होता है।

3. छोटे बच्चों की नजर उतारने के लिए, रात के समय अकेले यात्रा करते समय ,भूत प्रेत बाधा को दूर करने के लिए किसी भी प्रकार के भय से मुक्ति के लिए बजरंग बाण पढ़ना सबसे अधिक महत्वपूर्ण बताया गया है ।

4. किसी भी महत्वपूर्ण कार्य पर जाने से पहले यदि बजरंग बाण का पाठ कर लिया जाए तो निश्चित ही उस काम में सफलता प्राप्त होगी और एक नई चेतना और उत्साह का आगमन होगा।

5. बजरंग बाण से विवाह बाधा खत्म कदली वन, या कदली वृक्ष के नीचे बजरंग बाण का पाठ करने से विवाह की बाधा खत्म हो जाती है। यहां तक कि तलाक जैसे कुयोग भी टलते हैं बजरंग बाण के पाठ से।

6. बजरंग बाण से ग्रहदोष समाप्त अगर किसी प्रकार के ग्रहदोष से पीड़ित हों, तो प्रात:काल बजरंग बाण का पाठ, आटे के दीप में लाल बत्ती जलाकर करें। ऐसा करने से बड़े से बड़ा ग्रह दोष पल भर में टल जायेगा।

7. बजरंग बाण से ग्रहदोष समाप्त अगर किसी प्रकार के ग्रहदोष से पीड़ित हों, तो प्रात:काल बजरंग बाण का पाठ, आटे के दीप में लाल बत्ती जलाकर करें। ऐसा करने से बड़े से बड़ा ग्रह दोष पल भर में टल जायेगा।

8. हनुमान जी को लाल झंडा चढ़ाने के बाद उसे घर के दक्षिण दिशा में लगाने से भी वास्तुदोष से मुक्ति मिलती है। घर में सकारात्मक ऊर्जा के लिए पंचमुखी हनुमान की प्रतिमा घर के मुख्य द्वार पर लगायें।

9. बजरंग बाण का पाठ सुबह शाम करने से आपकी छुटी हूई नौकरी वापीस मिल सकती है।

10. अगर हर कार्य में अड़गे लग रहे है तो शनिवार के दिन 21 बार बजरंग बाण का पाठ करने से फायदा होता है।

11.अगर आप कहीं साक्षात्कार देने जा रहे है तो 5 बार बजरंग बाण का पाठ करके जाइये सफलता मिलेगी।

12.यदि आपके व्यापार में निरंतर हानि हो रही है तो अपने व्यापार स्थल पर लगातार 8 मंगलवार बजरंग बाण का पाठ करें या किसी योग्य कर्मकाण्डी पंडित से करवायें। लाभ अवश्य मिलेगा

Last alfaaz:---------
हनुमान जी का नाम सुनते ही सबसे पहले लोगों का मन में हनुमान चालीसा ही आता है वह भी अपने आप में एक चमत्कारी उपाय है, पर बजरंग बाण का पाठ उससे भी ज्यादा चमत्कारी और प्रभाव देने वाला है। अगर आप भी किसी मुसीबत में फंस गए हो और आपका बिगड़े काम नहीं बन रहे हो तो प्रतिदिन बजरंग बाण का पाठ करें और लाभ उठाएं।

बजरंग बाण का पाठ -----

दोहा

निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करैं सनमान।

तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान।।

चौपाई

जय हनुमन्त सन्त हितकारी। सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी।।

जन के काज विलम्ब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै।।

जैसे कूदि सिन्धु वहि पारा। सुरसा बदन पैठि विस्तारा।।

आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुर लोका।।

जाय विभीषण को सुख दीन्हा। सीता निरखि परम पद लीन्हा।।

बाग उजारि सिन्धु मंह बोरा। अति आतुर यम कातर तोरा।।

अक्षय कुमार को मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा।।

लाह समान लंक जरि गई। जै जै धुनि सुर पुर में भई।।

अब विलंब केहि कारण स्वामी। कृपा करहु प्रभु अन्तर्यामी।।

जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता। आतुर होई दुख करहु निपाता।।

जै गिरधर जै जै सुख सागर। सुर समूह समरथ भट नागर।।

ॐ हनु-हनु-हनु हनुमंत हठीले। वैरहिं मारू बज्र सम कीलै।।

गदा बज्र तै बैरिहीं मारौ। महाराज निज दास उबारों।।

सुनि हंकार हुंकार दै धावो। बज्र गदा हनि विलम्ब न लावो।।

ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुँ हुँ हुँ हनु अरि उर शीसा।।

सत्य होहु हरि सत्य पाय कै। राम दुत धरू मारू धाई कै।।

जै हनुमन्त अनन्त अगाधा। दुःख पावत जन केहि अपराधा।।

पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत है दास तुम्हारा।।

वन उपवन जल-थल गृह माहीं। तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं।।

पाँय परौं कर जोरि मनावौं। अपने काज लागि गुण गावौं।।

जै अंजनी कुमार बलवन्ता। शंकर स्वयं वीर हनुमंता।।

बदन कराल दनुज कुल घालक। भूत पिशाच प्रेत उर शालक।।

भूत प्रेत पिशाच निशाचर। अग्नि बैताल वीर मारी मर।।

इन्हहिं मारू, तोंहि शमथ रामकी। राखु नाथ मर्याद नाम की।।

जनक सुता पति दास कहाओ। ताकी शपथ विलम्ब न लाओ।।

जय जय जय ध्वनि होत अकाशा। सुमिरत होत सुसह दुःख नाशा।।

उठु-उठु चल तोहि राम दुहाई। पाँय परौं कर जोरि मनाई।।

ॐ चं चं चं चं चपल चलन्ता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनु हनुमंता।।

ॐ हं हं हांक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने खल दल।।

अपने जन को कस न उबारौ। सुमिरत होत आनन्द हमारौ।।

ताते विनती करौं पुकारी। हरहु सकल दुःख विपति हमारी।।

ऐसौ बल प्रभाव प्रभु तोरा। कस न हरहु दुःख संकट मोरा।।

हे बजरंग, बाण सम धावौ। मेटि सकल दुःख दरस दिखावौ।।

हे कपिराज काज कब ऐहौ। अवसर चूकि अन्त पछतैहौ।।

जन की लाज जात ऐहि बारा। धावहु हे कपि पवन कुमारा।।

जयति जयति जै जै हनुमाना। जयति जयति गुण ज्ञान निधाना।।

जयति जयति जै जै कपिराई। जयति जयति जै जै सुखदाई।।

जयति जयति जै राम पियारे। जयति जयति जै सिया दुलारे।।

जयति जयति मुद मंगलदाता। जयति जयति त्रिभुवन विख्याता।।

ऐहि प्रकार गावत गुण शेषा। पावत पार नहीं लवलेषा।।

राम रूप सर्वत्र समाना। देखत रहत सदा हर्षाना।।

विधि शारदा सहित दिनराती। गावत कपि के गुन बहु भाँति।।

तुम सम नहीं जगत बलवाना। करि विचार देखउं विधि नाना।।

यह जिय जानि शरण तब आई। ताते विनय करौं चित लाई।।

सुनि कपि आरत वचन हमारे। मेटहु सकल दुःख भ्रम भारे।।

एहि प्रकार विनती कपि केरी। जो जन करै लहै सुख ढेरी।।

याके पढ़त वीर हनुमाना। धावत बाण तुल्य बनवाना।।

मेटत आए दुःख क्षण माहिं। दै दर्शन रघुपति ढिग जाहीं।।

पाठ करै बजरंग बाण की। हनुमत रक्षा करै प्राण की।।

डीठ, मूठ, टोनादिक नासै। परकृत यंत्र मंत्र नहीं त्रासे।।

भैरवादि सुर करै मिताई। आयुस मानि करै सेवकाई।।

प्रण कर पाठ करें मन लाई। अल्प-मृत्यु ग्रह दोष नसाई।।

आवृत ग्यारह प्रतिदिन जापै। ताकी छाँह काल नहिं चापै।।

दै गूगुल की धूप हमेशा। करै पाठ तन मिटै कलेषा।।

यह बजरंग बाण जेहि मारे। ताहि कहौ फिर कौन उबारे।।

शत्रु समूह मिटै सब आपै। देखत ताहि सुरासुर काँपै।।

तेज प्रताप बुद्धि अधिकाई। रहै सदा कपिराज सहाई।।

दोहा

प्रेम प्रतीतिहिं कपि भजै। सदा धरैं उर ध्यान।।

तेहि के कारज तुरत ही, सिद्ध करैं हनुमान।।

बजरंग बाण के पाठ को आप मंगलवार या शनिवार से शुरू करें।  ऐसी शुरुआत  करने से भगवान हनुमान की कृपा आप पर हमेशा बनी रहेगी। बजरंग बाण हर दर्द की दवा है ।आपको ये आसानी से आजकल फोन में भी मिल जाएगा और  इसके लिए छोटी सी किताब ले आये इसको आप अपनी जेब में भी रख सकते हो।

 श्री राम प्रिय रामदूत हनुमान जी कार्य सिद्ध के लिय बीज मंत्र- 

 कोई यदि कोई भी  काम नहीं बन रहा हो , निराशा ही हाथ लग रही हो तो  हनुमान जी की  शरण में जाकर दर्शन करना चाहिये या मंदिर में कहीं भी इस मंत्र का 108 बार जप करें । आपका परिवार रिद्धि - सिद्धि से भरपूर हो जायेगा ।

 हनुमान जी का बीज मंत्र इस प्रकार है- " ऊंऐं हनुमते रामदूताय नमः " 



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