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हनुमान चालीसा महत्व और निजी अनुभव----
हनुमान चालीसा एक सिद्ध मंत्र है इसे प्रतिदिन 11 बार पाठ करना चाहिए अगर हो सके तो प्रति मास कृष्ण पक्ष चौदस को रात में 12:00 बजे के बाद स्नान करके एक शुद्ध आसन पर बैठकर एक बार में 111 बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए । ऐसा करने से आपकी मनोकामना पूर्ण होगी।
महाशिवरात्रि को 111 बार पाठ निष्काम भाव से पूरे मन व ध्यान से पाठ करना अति शुभ माना गया है। यह साधु संतों के निजी अनुभव का प्रसाद है।
बजरंग बाण का महत्व और टोटके
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यह गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित हनुमानोपासना में बजरंग बाण अत्यंत महिमा बताई है। हनुमानगढ़ी अयोध्या से बजरंग बाण के प्रमाणिक पाठ को पढ़कर सिद्धि लाभ करें।
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टोटके-----
1. बजरंग बाण नित्य पढ़ने से शत्रुओं पर विजय निश्चित होती है।
3. छोटे बच्चों की नजर उतारने के लिए, रात के समय अकेले यात्रा करते समय ,भूत प्रेत बाधा को दूर करने के लिए किसी भी प्रकार के भय से मुक्ति के लिए बजरंग बाण पढ़ना सबसे अधिक महत्वपूर्ण बताया गया है ।
4. किसी भी महत्वपूर्ण कार्य पर जाने से पहले यदि बजरंग बाण का पाठ कर लिया जाए तो निश्चित ही उस काम में सफलता प्राप्त होगी और एक नई चेतना और उत्साह का आगमन होगा।
5. बजरंग बाण से विवाह बाधा खत्म कदली वन, या कदली वृक्ष के नीचे बजरंग बाण का पाठ करने से विवाह की बाधा खत्म हो जाती है। यहां तक कि तलाक जैसे कुयोग भी टलते हैं बजरंग बाण के पाठ से।
6. बजरंग बाण से ग्रहदोष समाप्त अगर किसी प्रकार के ग्रहदोष से पीड़ित हों, तो प्रात:काल बजरंग बाण का पाठ, आटे के दीप में लाल बत्ती जलाकर करें। ऐसा करने से बड़े से बड़ा ग्रह दोष पल भर में टल जायेगा।
7. बजरंग बाण से ग्रहदोष समाप्त अगर किसी प्रकार के ग्रहदोष से पीड़ित हों, तो प्रात:काल बजरंग बाण का पाठ, आटे के दीप में लाल बत्ती जलाकर करें। ऐसा करने से बड़े से बड़ा ग्रह दोष पल भर में टल जायेगा।
8. हनुमान जी को लाल झंडा चढ़ाने के बाद उसे घर के दक्षिण दिशा में लगाने से भी वास्तुदोष से मुक्ति मिलती है। घर में सकारात्मक ऊर्जा के लिए पंचमुखी हनुमान की प्रतिमा घर के मुख्य द्वार पर लगायें।
9. बजरंग बाण का पाठ सुबह शाम करने से आपकी छुटी हूई नौकरी वापीस मिल सकती है।
Last alfaaz:---------
हनुमान जी का नाम सुनते ही सबसे पहले लोगों का मन में हनुमान चालीसा ही आता है वह भी अपने आप में एक चमत्कारी उपाय है, पर बजरंग बाण का पाठ उससे भी ज्यादा चमत्कारी और प्रभाव देने वाला है। अगर आप भी किसी मुसीबत में फंस गए हो और आपका बिगड़े काम नहीं बन रहे हो तो प्रतिदिन बजरंग बाण का पाठ करें और लाभ उठाएं।
दोहा
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करैं सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान।।
चौपाई
जय हनुमन्त सन्त हितकारी। सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी।।
जन के काज विलम्ब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै।।
जैसे कूदि सिन्धु वहि पारा। सुरसा बदन पैठि विस्तारा।।
आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुर लोका।।
जाय विभीषण को सुख दीन्हा। सीता निरखि परम पद लीन्हा।।
बाग उजारि सिन्धु मंह बोरा। अति आतुर यम कातर तोरा।।
अक्षय कुमार को मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा।।
लाह समान लंक जरि गई। जै जै धुनि सुर पुर में भई।।
अब विलंब केहि कारण स्वामी। कृपा करहु प्रभु अन्तर्यामी।।
जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता। आतुर होई दुख करहु निपाता।।
जै गिरधर जै जै सुख सागर। सुर समूह समरथ भट नागर।।
ॐ हनु-हनु-हनु हनुमंत हठीले। वैरहिं मारू बज्र सम कीलै।।
गदा बज्र तै बैरिहीं मारौ। महाराज निज दास उबारों।।
सुनि हंकार हुंकार दै धावो। बज्र गदा हनि विलम्ब न लावो।।
ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुँ हुँ हुँ हनु अरि उर शीसा।।
सत्य होहु हरि सत्य पाय कै। राम दुत धरू मारू धाई कै।।
जै हनुमन्त अनन्त अगाधा। दुःख पावत जन केहि अपराधा।।
पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत है दास तुम्हारा।।
वन उपवन जल-थल गृह माहीं। तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं।।
पाँय परौं कर जोरि मनावौं। अपने काज लागि गुण गावौं।।
जै अंजनी कुमार बलवन्ता। शंकर स्वयं वीर हनुमंता।।
बदन कराल दनुज कुल घालक। भूत पिशाच प्रेत उर शालक।।
भूत प्रेत पिशाच निशाचर। अग्नि बैताल वीर मारी मर।।
इन्हहिं मारू, तोंहि शमथ रामकी। राखु नाथ मर्याद नाम की।।
जनक सुता पति दास कहाओ। ताकी शपथ विलम्ब न लाओ।।
जय जय जय ध्वनि होत अकाशा। सुमिरत होत सुसह दुःख नाशा।।
उठु-उठु चल तोहि राम दुहाई। पाँय परौं कर जोरि मनाई।।
ॐ चं चं चं चं चपल चलन्ता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनु हनुमंता।।
ॐ हं हं हांक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने खल दल।।
अपने जन को कस न उबारौ। सुमिरत होत आनन्द हमारौ।।
ताते विनती करौं पुकारी। हरहु सकल दुःख विपति हमारी।।
ऐसौ बल प्रभाव प्रभु तोरा। कस न हरहु दुःख संकट मोरा।।
हे बजरंग, बाण सम धावौ। मेटि सकल दुःख दरस दिखावौ।।
हे कपिराज काज कब ऐहौ। अवसर चूकि अन्त पछतैहौ।।
जन की लाज जात ऐहि बारा। धावहु हे कपि पवन कुमारा।।
जयति जयति जै जै हनुमाना। जयति जयति गुण ज्ञान निधाना।।
जयति जयति जै जै कपिराई। जयति जयति जै जै सुखदाई।।
जयति जयति जै राम पियारे। जयति जयति जै सिया दुलारे।।
जयति जयति मुद मंगलदाता। जयति जयति त्रिभुवन विख्याता।।
ऐहि प्रकार गावत गुण शेषा। पावत पार नहीं लवलेषा।।
राम रूप सर्वत्र समाना। देखत रहत सदा हर्षाना।।
विधि शारदा सहित दिनराती। गावत कपि के गुन बहु भाँति।।
तुम सम नहीं जगत बलवाना। करि विचार देखउं विधि नाना।।
यह जिय जानि शरण तब आई। ताते विनय करौं चित लाई।।
सुनि कपि आरत वचन हमारे। मेटहु सकल दुःख भ्रम भारे।।
एहि प्रकार विनती कपि केरी। जो जन करै लहै सुख ढेरी।।
याके पढ़त वीर हनुमाना। धावत बाण तुल्य बनवाना।।
मेटत आए दुःख क्षण माहिं। दै दर्शन रघुपति ढिग जाहीं।।
पाठ करै बजरंग बाण की। हनुमत रक्षा करै प्राण की।।
डीठ, मूठ, टोनादिक नासै। परकृत यंत्र मंत्र नहीं त्रासे।।
भैरवादि सुर करै मिताई। आयुस मानि करै सेवकाई।।
प्रण कर पाठ करें मन लाई। अल्प-मृत्यु ग्रह दोष नसाई।।
आवृत ग्यारह प्रतिदिन जापै। ताकी छाँह काल नहिं चापै।।
दै गूगुल की धूप हमेशा। करै पाठ तन मिटै कलेषा।।
यह बजरंग बाण जेहि मारे। ताहि कहौ फिर कौन उबारे।।
शत्रु समूह मिटै सब आपै। देखत ताहि सुरासुर काँपै।।
तेज प्रताप बुद्धि अधिकाई। रहै सदा कपिराज सहाई।।
दोहा
प्रेम प्रतीतिहिं कपि भजै। सदा धरैं उर ध्यान।।
तेहि के कारज तुरत ही, सिद्ध करैं हनुमान।।
बजरंग बाण के पाठ को आप मंगलवार या शनिवार से शुरू करें। ऐसी शुरुआत करने से भगवान हनुमान की कृपा आप पर हमेशा बनी रहेगी। बजरंग बाण हर दर्द की दवा है ।आपको ये आसानी से आजकल फोन में भी मिल जाएगा और इसके लिए छोटी सी किताब ले आये इसको आप अपनी जेब में भी रख सकते हो।
श्री राम प्रिय रामदूत हनुमान जी कार्य सिद्ध के लिय बीज मंत्र-
कोई यदि कोई भी काम नहीं बन रहा हो , निराशा ही हाथ लग रही हो तो हनुमान जी की शरण में जाकर दर्शन करना चाहिये या मंदिर में कहीं भी इस मंत्र का 108 बार जप करें । आपका परिवार रिद्धि - सिद्धि से भरपूर हो जायेगा ।
हनुमान जी का बीज मंत्र इस प्रकार है- " ऊंऐं हनुमते रामदूताय नमः "
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