परमात्मा को कैसे देखें | भगवान् कहाँ रहते है | परमात्मा सब कुछ देख रहे हैं |

परमात्मा की पहचान कैसे करें और कैसे देखें- कुछ  लोगों को यह संदेह रहता है कि भगवान है या नहीं है अगर है तो वह कैसा दिखता है , यह सोचना भी कि भगवान नहीं है इंसान की सबसे बड़ी भूल है। क्योंकि अगर भगवान ना होता तो शायद हम इस दुनिया में ना आए होते।

 मनुष्य बहुत कुछ सोचता है और बहुत कुछ प्राप्त करना चाहता है। चेष्टा भी पूरी पूरी करता है ,मगर होता वही है जो प्रभु हमारे लिए सोचता है और चाहता है। जो प्रभु ने रच रखा है, हमारे लिए बना रखा है ,उसमें कम या ज्यादा हो ही नहीं सकता उसी पर सारे  कर्मो के  फल छोड़ देने चाहिए ।बस आखरी सहारा उसी का ही होना चाहिए ।
वही हमारा हर समय ख्याल रख सकते हैं ?, फिर हमें चिंता किस बात की उसी पर क्यों नहीं छोड़ देते । मनुष्य तो झट से यह कह देते हैं कि प्रभु ,परमात्मा, नारायण या भगवान कोई है ही नहीं सब कुछ हम खुद ही कर रहे हैं।
 हम ही मेहनत करके फल की प्राप्ति करते हैं जो खुद प्रगति कर रहे हैं।
फिर एक सवाल मेरे मन में आता है ,लेकिन प्रकृति क्या है? यह भी एक बार बहुत ध्यान से सोचो प्रकृति की रचना किसने की है ?प्रकृति को ताकत कहां से प्राप्त हो रही है और अगर इनसान ही सब कुछ कर रहा है तो मौत इनसान के हाथ में कयू नहीं है। 
 इस मानव शरीर की अद्भुत रचना एक-एक अंग अद्भुत रचना युक्त महान शक्ति युक्त है।
 किसी कारीगर  की नही होगी ।करोड़ों ,अरबों मनुष्यो की अलग अलग पहचान, अंगूठे की लकीरें, अलग-अलग चेहरा ,अलग अलग मस्तिक की लाइने ,अलग अलग हाथों की लाइनें ,अलग आवाज , अलग-अलग स्त्री पुरुष,
  अलग-अलग पशु, पक्षी तितलियां, फल फुल , अलग-अलग सुंदरता, यह सब कोई कारीगर और कोई नहीं है ना
 सिर्फ इतना सब कुछ करने वाला भगवान्  ही है। उसे कुछ भी नाम दे दो प्रकृति को चलाने वाला वह केवल भगवान ही तो है।
 जो पूरी प्रकृति को चला रहा है जो उसकी आज्ञा से चल रही है। सूर्य का तेज, चंद्रमा की शीतलता प्राणदायिनी हवा , हर समय हर जगह सबको समान रूप से बिना किसी भेदभाव के बिना किसी बाधा के प्रतिदिन नियमित रूप से देने वाला प्रभु को छोड़कर और हमें कौन दे सकता है।
 सर्दी, गर्मी, बरसात आदि छः त्रुतुऔ का रचियता भी तो वही प्रभु ही है।
 प्रभु चाहे तो एक पल में सारे ब्रह्मांड को तहस-नहस कर सकता है, मगर वह तो प्रभु बड़ा दयालु है । एक से एक कीमती प्राण जीवन दायक वस्तुएं सबको गरीब हो या धनवान समान रूप से मुफ्त में बांट रहा है, क्या फिर हमें इन इतना सब कुछ लेते हुए उस पर शक करना चाहिए।
 क्या हमारा फर्ज नहीं बनता हम उस प्रभु को प्रत्येक प्रत्येक दिन धन्यवाद  दे और उसको याद करें और उसका गुणगान करें।

 भगवान राम का राम नाम लेने वाले तो बहुत हैं और गुणगान करने वाले देखने वाले भी बहुत मिल जाएंगे मगर उसकी कीमत उसका जाने वाले बहुत कम है। जिसने उसका मूल्य पहचान लिया  वह फिर इस संसार से प्रेम रखेगा ही नहीं । उसका तो मोह रहेगा ही नहीं। राम नाम तो दुर्लभ है । बेशकीमती हीरा है प्रभु का नाम तो जितना जल्दी हो सके इसे पहचान लो और उसकी धुन में लग जाओ। यही सबसे बड़ा धन है।
 परमात्मा सब को गति देता है वह सब को भोजन देता है, वाणी देता है, बोलने की शक्ति देता है, उसके कारण ही कण-कण में स्पंदन है, जिसके कारण संसार में सब कुछ घटित हो रहा है, वहीं ईश्वर है, वही परमसता है, वहीं ब्रह्मा है ,वही सत्य है, वही अनादि, वही निराकार, वही सर्वव्यापक, वही अनश्वर शक्ति है, वहीं ईश्वर सच्चिदानंद स्वरूप है। परमात्मा का नाम ही रस है , केवल वही परिपूर्ण है।
  सोच कर देखो अगर यह सब चीजें हमारे जीवन में ना हो तो हमारा जीवन जीना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा।
 एक बार सोच के देखो अगर धूप छांव, सूरज, चाँद और हवा   यह सब हमें ना मिले तो हम जिंदा नहीं रह सकते।
यह सब देने वाले केवल भगवान् है।

भगवान् सब देख रहे है -

हम जो कुछ भी करते हैं ,कहीं पर छुपके करें ,पहाड़ पर ,नदी पानी,  गुफा में ,या फिर धरती के अंदर जाकर कर्म करेंगे वह सब कर्म प्रभु देख रहे हैं।
 प्रभु से यह सब छिपाना असंभव है, और जैसा जैसा कर्म करेंगे उन्हें के अनुसार हमें फल भी अवश्य भुगतना पड़ेगा। जो भी काम हम गलत समझते हैं वह हमें इसलिए भी नहीं करना चाहिए कि प्रभु देख रहे हैं, और गलत काम का दंड हमें अवश्य भुगतना पड़ेगा। प्रभु से बचकर कौन कहां जा सकता है ।
हम लोगों की नजरों से बच सकते हैं पर प्रभु  कि नहीं, लोग ऑफलाइन हो सकते हैं प्रभु हर समय ऑनलाइन हैं।
नारायण प्रभु हर समय और सब कुछ देख रहे हैं उन से छुपा हुआ कुछ भी नहीं है, और उनका हाथ सदैव तुम्हारे कल्याण के लिए काम कर रहा है । वह जो भी कार्य कर रहे हैं जिस व्यवस्था में तुमको रख रहे हैं उसमें ही तुम्हारा कल्याण छिपा हुआ है। प्रत्येक काम तुम्हारे कल्याण के लिए ही है। हर हाल में खुश रहो काम तो करना ही पड़ेगा
 काम नहीं करोगे तो पाप के भी भागीदार बनोगे, किसी भी अवस्था में यह किसी भी घटना के प्रति चिंता क्यों करते हो। बीती हुई घटनाओं से अपने अतीत से अनुभव प्राप्त करके आगे बढ़ते चलो। सफलता प्रभु तुम्हें देंगे ही क्योंकि प्रभु सब कुछ देख रहे हैं।

इनसान की चाहत--

हर इंसान सफलता, समृद्धि, धन, सम्मान, सुख शांति यह सब चीजें बहुत जल्दी से जल्दी प्राप्त करना चाहता है, लेकिन प्रभु नारायण के पास इन सब चीजों का भंडार  इतना है कि समुद्र में जितना जल है, उससे भी कई लाख गुना ज्यादा का भंडार भरा हुआ है। बस उन को प्रसन्न करना है वह सब देख रहे हैं उन को प्रसन्न करने के लिए मानवता कि निष्काम भाव से सेवा कर के देखो ,सुख शांति का प्रकाश फैलाओ, तृष्णा सोच का अंत करो, सब कुछ उसी एक पर छोड़ दो, फिर देखो आपको क्या-क्या नहीं मिलागा,  दुखों को आप भूल ही जाओगे और वह आपका उदार करते हुए भी देर नहीं लगाएगा। प्रकृति के प्रत्येक वस्तु ईश्वर के हुकुम से चलती है पेड़ का पत्ता भी हिलता है तो उसके हुकुम से हिलते हैं।  सूर्य, चंद्रमा, हवा, वर्षा ,सर्दी ,आंधी, तूफान भूकंप ,सब उसी के इच्छा से होते हैं । प्रभु नारायण को छोड़कर ऐसा और कोई नहीं है आपकी सारी दुखों का समूल नाश केवल वही ही कर सकता है। उनको प्रत्येक क्षण पग पग पर हर पल, सुख दुख में भी हर समय याद रखो उनको कभी भी भूलने की चेष्टा मत करो ।प्रभु की सेवा पूर्ण भाव से करो इन में से कुछ मांगो मत प्रभु से सिर्फ प्रभु को ही मांग लो ,  जब प्रभु ही आ गये तो उसके पीछे सारी रिद्धि सिद्धि  स्वयं आ जाएंगी।  है भगवान मेरी वाणी आपके गुण कीर्तन पूजा पाठ में लगी रहे, मेरे कान आप की कथा लीला हर समय सुनने में सलंगन रहे। मेरे हाथ आपकी सेवा के कार्य में और मन आपके चरणों के चिंतन में तत्पर लगा रहे। मेरा मस्तक आपके निवासभूत जगत को नमस्कार करने में झुकता रहे। मेरी आंखें आपके स्वरूप के दर्शन करने के लिए निरंतर प्रयास करती रहे। 
मेरी सारी भूल चूक गलतियों को क्षमा करना। है भगवान इस प्रकार अपने प्रार्थना भगवान से करें और फिर अपनी लाइफ में देखें किस तरह से चमत्कार होता है। क्योंकि वह हर पल हर समय हमारी हर बात सुन रहा है। अगर उसको अच्छा नहीं लगता तो वह है किसी और को बुरा चाहना अगर आप किसी किसी और का बुरा चाहने में खुशी मिलती है तो वही आपको वह ही लुटा कर देगा ,क्योंकि अगर आप सुख चाहते हो तो दूसरों के लिए भी सुख की ही कामना करो दुखी नहीं ।
हमेशा भगवान् से डरे - 
इसलिए कभी भी यह न  समझो कि हम जो भी काम कर रहे हैं की भगवान को नहीं पता है। आप किसी भी प्रकार का कर्म करें भगवान सब कुछ देख रहे हैं, इसलिए बुरा कर्म करने से पहले, एक बार जरूर सोच लो।
हमेशा भगवान से डरो लोगो से नही कयोंकि लोगों की मार सहन कर सकते हो पर उसकी नहीं। 
अगर अगर आपको मेरा यह  लेख भगवान के चमत्कार और भगवान सब कुछ देख रहे हैं अच्छा लगे तो इसे अपने चाहने वाले और दोस्तों में जरूर शेयर करें और प्लीज कमेंट जरूर करें
 


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