धनवान बनने के उपाय || अक्षय तृतीया पर पूजा पाठ कैसे करें || अक्षय तृतीया पर पुजा कैसे करें ||


 Akshaya tritiya2023:
अक्षय तृतीया पर धन लाभ के उपाय-
हमारे हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया एक ऐसा त्यौहार है जिसमें हम कोई भी शुभ कार्य शुरू कर सकते हैं और इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है।
 अक्षय तृतीया पर हर साल वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है।
 अब की बार  अक्षय तृतीय 22 अप्रैल 2023 को मनाई जा रही है।  इस दिन बहुत सारी जगह पर मेले भी लगते हैं। इसको हर क्षेत्र में अलग-अलग नाम से जाना जाता है। इसे आखातीज भी कहा जाता  है। 
 अक्षय शब्द का अर्थ होता है कभी खत्म ना होने वाला जिसका कोई अंत ना हो इन्हीं कारणों से अक्षय तृतीया को सुख समृद्धि खुशहाली और आशीर्वाद का पर्व मनाया जाता है।
अक्षय तृतीया पर बहुत सारे लोग दान पुण्य और विष्णु भगवान की पूजा करके अपनी हर तरह की मनोकामना को पूर्ण करते हैं।  इस दिन विष्णु जी के साथ तुलसी के पौधे की विशेष पूजा का विधान है। हमारे धर्म ग्रंथों के अनुसार यदि आप इस दिन तुलसी के पौधे के कुछ आसान उपाय अजमाते हैं तो आपके घर में हमेशा के लिए सुख-समृद्धि बनी रहती हैं ।
आइए जानते हैं कुछ ऐसे उपाय जो 
अक्षय तृतीया पर किए जाते हैं।

1.यदि आप अक्षय तृतीया के दिन मंदिर दर्शन के लिए जाएंगे तो मंदिर में भगवान विष्णु को पीले फूलों के साथ तुलसी के कुछ पत्ते भी जरूर भेंट करें तो आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहेगी और आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा.


2. असल में तुलसी माता को भगवान विष्णु की प्रिय माना जाता है और जिस घर में तुलसी का पौधा होता है उस घर में सदा माता लक्ष्मी का वास रहता है। अक्षय तृतीया के दिन विष्णु जी का दिन माना जाता है इसलिए तुलसी अर्पित करने से भगवान विष्णु बहुत ज्यादा खुश होते हैं।
तुलसी को माँ लक्ष्मी होती है। वैसे तो कुछ  लोग  प्रतिदिन तुलसी मां की पूजा करते हैं पर इस दिन तुलसी पूजन की विशेष सलाह दी जाती है, लेकिन तुलसी पूजन के लिए अक्षय तृतीया के दिन सबसे अच्छा माना जाता है। इस दिन यदि आप तुलसी की पूजा करेंगे तो आपके जीवन में कभी कोई समस्या नहीं आएगी। तुलसी की पूजा के लिए सबसे पहले तुलसी को जल से सिंचे और फिर उसकी पतियों पर सिंदूर लगाकर उसकी सात बार परिक्रमा करें।
 यदि अक्षय तृतीया के दिन आप शाम के समय तुलसी जी की आरती करेंगे तो और उसको दूध और खीर का भोग लगाएंगे  तो आपके लिए अति उत्तम और शुभ होगा।

3. अक्षय तृतीया के दिन आप विष्णु भगवान को प्रसाद में तुलसी अवश्य चढ़ाएं. माता लक्ष्मी को प्रसाद में दूध और चावल की खीर अर्पित कर भगवान विष्णु को दही का चरणामृत  बनायें  तो उसमें कुछ पत्ते तुलसी के अवश्य मिलाएं।  ऐसी मान्यता है कि विष्णु जी को प्रसाद तभी स्वीकार किया जाता है जब उसमें तुलसी की पत्तियां डाली जाती हैं।

4. जिन लोगों के घर में तुलसी का पौधा नहीं है तो अक्षय तृतीया के घर में अपने घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगाएं. ऐसा करने से आपके घर में पूरे साल माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी.
5. धन प्राप्ति के लिए-
 अक्षय तृतीया के दिन पूजा स्थान पर सफाई करके भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करें और साथ में मां लक्ष्मी और विष्णु भगवान को कमल या गुलाब का फूल जरूर भेंट करें और खाने में खीर का भोग लगाएं। ऐसे करने से जीवन में धन, सुख, शांति ,समृद्धि की प्राप्ति होती है।

6. सोना खरीदे-
 अक्षय तृतीया पर बहुत सारे लोग सोना खरीदने को बहुत अच्छा माना जाता है ।हमारे धर्म के अनुसार सोने में लक्ष्मी का वास होता है लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर को ही माना जाता है।
 अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदने से इसका क्षय कभी कम नहीं होता और यह आने वाली पीढ़ियों तक काम आता  है। यदि आप इस दिन सोना खरीद रहे हैं तो घर की उत्तर दिशा में रखें। ऐसी मानता कि ऐसा करने से आपके घर में तरक्की के मार्ग बढ़ेंगे। आपकी सोना खरीदने की हैसियत नहीं है तो आप कुछ सिक्के चांदी के भी खरीद सकते हो क्योंकि सोने और चांदी में मां लक्ष्मी का वास माना जाता है।

7. सौभाग्य की वृद्धि के लिए -
इस दिन घर की सुख समृद्धि और परिवार के सदस्यों को सौभाग्य  के लिए  घर में मुख्य द्वार पर आम या ताजे अशोक के पत्तों का बंदनवार बांधना बहुत शुभ माना जाता है।  ऐसे करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है और नैगटीव ऊर्जा खत्म होकर आपके घर में सुख शांति समृद्धि आती है।

8. दान का महत्व -
अक्षय तृतीया पर ऐसा माना जाता है कि इस दिन दान जरूर करना चाहिए यह तिथि वसंत रितु के खत्म  होने पर ही आती है इसलिए इसे अक्षय तृतीया के दिन जल से भरे हुए बर्तन, पंखे, कूलर, छाता ,चटाई आदि गर्मी से राहत दिलाने वाली चीजों का दान महा पुण्य कार्य माना जाता है।

9. पौधे लगाना- 
 हमारे धर्म के अनुसार छाया और फल देने वाले पौधों का लगाना भी अति शुभ माना जाता है।
 जैसे- गुल्लर, बरगद, आंवला, बेल ,जामुन, पिपल, आम  व अन्य फलदार वृक्ष लगाने से भी प्राणी को सभी प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं।
 जिस प्रकार अक्षय तृतीया को लगाए गए वृक्ष हरे भरे होकर हमारे वायु को दूषित होने से बचाते हैं उसी प्रकार हमारे जीवन में भी बुरी एनर्जी का प्रभाव खत्म होकर अच्छी ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है ।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन पौधा रोपण करने से कभी न खत्म होने वाले आशीर्वाद  फल की प्राप्ति होती है।  पौधे लगाकर छाया करने वाले प्राणी को सभी प्रकार के कलेश से छुटकारा मिलता है। आपके ऊपर सदा ईश्वर विष्णु भगवान और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है।

10. अक्षय तृतीया के दिन 11 कोडीयों को लाल कपड़े में बांधकर पूजा वाले स्थान में रखने  से मां लक्ष्मी को अपनी और आकर्षित करने का प्रभाव बढ़ जाता है ।इनका प्रयोग तंत्र मंत्र में भी होता है।यह देवी लक्ष्मी के समान ही  समुद्र में उत्पन्न हुई थी।

11. अक्षय तृतीया के दिन केसर और हल्दी से देवी लक्ष्मी की पूजा करने से आर्थिक परेशानियों में लाभ मिलता है।

12. अक्षय तृतीया के दिन पूजा के स्थान पर एकाक्षी नारियल स्थापित करने से मां भगवती लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

अक्षय तृतीया का सार ----
जो कभी क्षय नहीं होती उसे अक्षय कहते हैं। अक्षय तृतीया  को अनंत - अक्षय - अक्षुण्ण फलदायक कहा जाता है । वर्ष में साढ़े तीन अक्षय मुहूर्त है , उसमें प्रमुख स्थान अक्षय तृतीया का है । कहते हैं कि इस दिन जिनका परिणय - संस्कार होता है उनका सौभाग्य अखंड रहता है । इस दिन महालक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए भी विशेष अनुष्ठान होता है , जिससे अक्षय पुण्य मिलता है । इस दिन बिना पंचांग देखे कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है । क्योंकि शास्त्रों के अनुसार इस दिन स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना गया है । समस्त शुभ कार्यों के अलावा प्रमुख रूप से शादी , स्वर्ण खरीदने , नया सामान , गृह प्रवेश , पदभार ग्रहण , वाहन क्रय , भूमि पूजन तथा नया व्यापार प्रारंभ कर सकते हैं । भविष्य पुराण के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन सतयुग एवं त्रेतायुग का प्रारंभ हुआ था । भगवान विष्णु के 24 अवतारों में भगवान परशुराम , नर - नारायण एवं हय ग्रीव आदि तीन अवतार अक्षय तृतीया के दिन ही धरती पर आए । कुबेर को आज ही के दिन खजाना मिला था । ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण भी आज ही के दिन हुआ था । तीर्थ स्थल बद्रीनारायण के पट भी अक्षय तृतीया को खुलते हैं । वृंदावन के बांके बिहारी के चरण दर्शन केवल अक्षय तृतीया को होते हैं ।

Last alfaaz- 
अंत में मैं आपको यही कहूंगी अक्षय तृतीया पर दान पुण्य का जो भी काम पूजा-पाठ आप करते हैं यह सब सूर्य लोक को प्राप्त होते हैं । अक्षय तृतीया को जो इंसान विधि विधान से पूजा और व्रत करता है तो वह रिद्धि सिद्धि से संपन्न होता है। इस दिन किए गए कर्म अक्षय हो जाते हैं, इसलिए इस दिन को अति शुभ माना गया है और इस दिन जितना भी हो सके अपना समय शुभ कर्म में ही बिताना चाहिए।

Disclaimer- 
यह सब उपाय जो भी आपको इस लेख के द्वारा बताए गए हैं इसमें हमारा खुद का कोई योगदान नहीं है यह सब हमारे धर्म ग्रंथों के अनुसार बताए गए  और आपके साथ शेयर किए गए हैं। 
धन्यवाद 

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