सुबह खाली पेट किशमिश खाने के फायदे: Kishmish benefits : किशमिश के सवास्थय लाभ और सावधानियां .

किशमिश खाने के स्वास्थय लाभ -

 परिचय- किशमिश, जिसे अंग्रेजी में "Raisins" कहा जाता है, सूखे अंगूर होते हैं। यह एक लोकप्रिय सूखा मेवा है जो स्वादिष्ट और पौष्टिक दोनों होता है। किशमिश में कई आवश्यक पोषक तत्व होते हैं और यह स्वास्थ्य के लिए कई लाभ प्रदान करती है।


* किशमिश खाने के फायदे-

अगर एसिडिटी की समस्या से पीड़ित है तो किशमिश का पानी पेट में एसिड को नियंत्रित करने का एक बेहतरीन तरीका है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो आँतों की कार्यप्रणाली में सुधार करते हैं। किशमिश के पानी पीने से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर खून को साफ करने में मदद मिलती है। इस पानी को कम से कम एक हफ्ते तक पीने से न सिर्फ दिल की बीमारी कम हो सकती है, बल्कि लीवर के काम करने की क्षमता भी बढ़ सकती है। 


किशमिश के पानी में दिन की शुरुआत किशमिश पानी से करे-


एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो प्रतिरक्षा पाली को बढ़ावा देने में मदद करते हैं और कई बीमारियों से बचाते हैं। किशमिश का पानी अतिरिक्त कैलोरी को रोकने और संतुलित खान-पान को बढ़ावा देने में मदद करता है। इसमें फ्रुक्टोज और ग्लूकोज जैसी शर्करा होती है, जो पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करती है।

 नींद संबंधी विकारों क करने के लिए लोग किशमिश पानी पी सकते हैं, क्योंकि इसमें मैलाटोनिन होता है, जो जल्दी नींद  लाने में मदद करता है। किशमिश का पानी रक्त परिसंचरण सुधार कर बालों के रोम को उत्तेजित करता है जो बाल झड़ने को रोकता है।

* आयुर्वेद कया कहता है-

खाली पेट किशमिश का पानी पीने से पेट साफ होता है, भूख खुलकर लगती है और ऊर्जा मिलती है। किशमिश का पानी लीवर संबंधी रोगों के लिए भी गुणकारी है। यह अपच और बदहज्मी को भी दूर करता है।


किशमीश खाने के अन्य लाभ-

पाचन तंत्र को सुधारना-

किशमिश में प्राकृतिक फाइबर होता है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है और कब्ज से राहत दिलाने में मदद करता है। यह नियमित मल त्याग को भी बढ़ावा देता है।

. हड्डियों को मजबूत करना

किशमिश में कैल्शियम और बोरोन होता है, जो हड्डियों की मजबूती को बढ़ावा देता है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डी संबंधित समस्याओं से बचाने में मदद करता है।

. एनीमिया से बचाव-

किशमिश में आयरन और कॉपर होते हैं, जो शरीर में रक्त निर्माण में सहायक होते हैं और एनीमिया को रोकने में मदद करते हैं।

. ऊर्जा का अच्छा स्रोत-

किशमिश में नेचुरल शुगर जैसे फ्रुक्टोज और ग्लूकोज होता है, जो ऊर्जा का अच्छा स्रोत है। यह तत्काल ऊर्जा प्रदान करता है और थकान को कम करने में मदद करता है।

. दिल की सेहत को सुधारना-

किशमिश में एंटीऑक्सीडेंट जैसे पॉलीफेनॉल्स होते हैं, जो दिल की सेहत को सुधारने में मदद करते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है और हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है।

. ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करना-

किशमिश में पोटेशियम होता है, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से बचाता है।

. त्वचा की देखभाल-

किशमिश में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी होता है, जो त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने में मदद करता है। यह त्वचा को फ्री रेडिकल्स से बचाता है और उम्र बढ़ने के लक्षणों को कम करता है।

. वजन को नियंत्रित करना-

किशमिश में प्राकृतिक शुगर और फाइबर होता है, जो भूख को कम करने में मदद करता है और वजन को नियंत्रित रखने में सहायक होता है।

. इम्यून सिस्टम को मजबूत करना-

किशमिश में विटामिन सी, सेलेनियम, और जिंक होता है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है और बीमारियों से बचाता है।

. डेंटल हेल्थ-

किशमिश में फाइटोकेमिकल्स होते हैं, जो दांतों की सड़न को रोकने में मदद करते हैं और ओरल हेल्थ को सुधारते हैं।

किशमिश को अपने नियमित आहार में शामिल करना एक आसान और स्वादिष्ट तरीका है जिससे आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। इसे आप सीधा खा सकते हैं, या विभिन्न व्यंजनों जैसे सलाद, डेसर्ट, और अनाज में मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं।


किशमिश खाने  के लिए सावधानियाँ:

1. अधिक मात्रा में न खाएं-

किशमिश में प्राकृतिक शुगर की मात्रा अधिक होती है। अधिक मात्रा में सेवन करने से वजन बढ़ सकता है और रक्त शर्करा का स्तर बढ़ सकता है, जो डायबिटीज़ के मरीजों के लिए हानिकारक हो सकता है।

2. फ्रुक्टोज की संवेदनशीलता-

किशमिश में फ्रुक्टोज होता है, जो कुछ लोगों में पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है, जैसे कि पेट में गैस, सूजन या दस्त। यदि आपको फ्रुक्टोज से संवेदनशीलता है, तो किशमिश का सेवन सीमित करें।

3. कैलोरी की निगरानी करें-

किशमिश कैलोरी में उच्च होते हैं, इसलिए वजन नियंत्रण कर रहे लोगों को इनका सेवन नियंत्रित मात्रा में करना चाहिए। बहुत अधिक कैलोरी लेने से वजन बढ़ सकता है।

4. गठिया और यूरिक एसिड

किशमिश में प्यूरीन की मात्रा होती है, जो यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकता है। गठिया या हाई यूरिक एसिड की समस्या वाले लोगों को इसका सेवन नियंत्रित करना चाहिए।

5. दांतों की देखभाल-

किशमिश चिपचिपे होते हैं और दांतों में फंस सकते हैं, जिससे दांतों में कैविटी का खतरा बढ़ सकता है। इसके सेवन के बाद अच्छे से ब्रश करें या कुल्ला करें।

6. गर्भावस्था और एलर्जी-

कुछ लोग किशमिश से एलर्जिक हो सकते हैं। गर्भवती महिलाओं और एलर्जी से पीड़ित लोगों को किशमिश का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

7. रक्त शर्करा की समस्या-

किशमिश में ग्लूकोज की मात्रा अधिक होती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल अचानक बढ़ सकता है। डायबिटीज़ के मरीजों को इसका सेवन बहुत ही सीमित मात्रा में और अपने डॉक्टर की सलाह पर करना चाहिए।

8. किडनी स्टोन-

किशमिश में ऑक्सालेट्स की मात्रा होती है, जो किडनी स्टोन की समस्या वाले लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है। किडनी स्टोन के मरीजों को किशमिश का सेवन सीमित करना चाहिए।

9. ध्यान दें कि सूखे हुए किशमिश में कोई रसायन नहीं हो

कुछ निर्माता किशमिश को सुरक्षित और रंगीन बनाए रखने के लिए सल्फर डाइऑक्साइड जैसे रसायनों का उपयोग करते हैं। ऐसे किशमिश का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। बिना किसी रसायन के प्राकृतिक किशमिश का चयन करें।

10. हाइड्रेटेड रहना-

किशमिश का सेवन करते समय पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, क्योंकि यह शरीर में फाइबर की मात्रा को बढ़ाता है, जिससे आपको डिहाइड्रेशन हो सकता है।

इन सावधानियों का ध्यान रखते हुए, आप किशमिश का सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक तरीके से सेवन कर सकते हैं।

निष्कर्ष-

किशमिश एक पौष्टिक सूखा मेवा है जो अंगूर को सुखाकर बनाया जाता है। यह पाचन में सुधार, हड्डियों को मजबूत बनाने, ऊर्जा बढ़ाने और त्वचा को निखारने जैसे स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। हालांकि, इसका सेवन सीमित मात्रा में करें, क्योंकि इसमें शुगर और कैलोरी अधिक होती है, जिससे वजन बढ़ सकता है और ब्लड शुगर लेवल प्रभावित हो सकता है।

Posted by- kiran





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