Tittle -Nick Vujicic's success story || निक व्युजेसिक || इनसान चाहे तो कुछ भी कर सकता है।
अगर हमारे कोई एक हाथ भी काट दे दो तो हम यह सोच कर ही परेशान हो जाएंगे कि जिंदगी किस प्रकार चलगी। लेकिन दुनिया में एक इंसान ऐसा भी है जिसका जन्म से ही ना हाथ है ,ना पैर है और फिर भी यह लोगों के लिए प्रेरणा बना हुआ है।
आइए जानते हैं ऐसी ही एक शख्सियत के बारे में जिसका नाम निक व्युजेसिक है।
आइए जानते हैं ऐसी ही एक शख्सियत के बारे में जिसका नाम निक व्युजेसिक है।
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निक व्युजेसिक एक ऐसी शख्सियत हैं जिनकी स्टोरी पढ़ने के बाद आप अपने बारे मे निराश होना छोड़ देंगे। अगर आप ने किसी काम को लेकर हार मान ली है तो आपके अन्दर फिर से एक जोश भर जायेगा।
निक व्युजेसिक वो शख्स हैं जिनके दोनों हाथ नहीं हैं लेकिन अपनी किस्मत उन्होंने खुद लिखी। दोनों पैर नहीं हैं, और हाथ नहीं है, लेकिन आज वो सफल लोगों की लिस्ट में है।
निक बहुत ही कमाल की लाइन कहते हैं “अगर आपके साथ चमत्कार नहीं हो सकता, तो खुद एक चमत्कार बन जाइए।”
आज निक व्युजेसिक एक सफल मोटिवटीनल स्पीकर , एक्टर और ऑस्ट्रेलियाई प्रचारक के रूप में जाने जाते हैं।
जन्म:-----
निकोलस जेम्स वुजिसिक का जन्म 4 दिसंबर, 1982 को हुआ था। जन्म से ही निक टेट्रा-अमेलिया सिंड्रोम के साथ पैदा हुए।
टेट्रा-अमेलिया सिंड्रोम एक दुर्लभ विकार है, जिसमें हाथ और पैर शरीर में नहीं होते हैं।
उनकी आत्मकथा के अनुसार, जन्म के बाद उनकी मां ने उन्हें देखने या उन्हें पकड़ने से मना कर दिया जब नर्स ने Nick Vujicic को उनकी माँ के सामने रखा। उस समय उनकी माँ ने बेटे को बिना किसी अंग के देखकर उल्टी कर दी थी लेकिन उन्होंने यह सब भगवान की इच्छा मान कर Nick Vujicic को अपना लिया।
जन्म के समय उनके पैर की अंगुलियाँ चिपकी हुए थी जिन्हें अलग करने के लिए एक ऑपरेशन किया गया था ताकि वह उन्हें किसी चीज़ को पकड़ सके।
आज वे उन अंगुलियों से टाइप कर सकते है, उनसे चीजों को उठा सकते है और गेंद को किक भी कर सकते है।
क्या आप विश्वास कर सकते है कि बिना हाथ पैर के निक पेंटिंग कर सकते है और साथ ही वे तैर सकते है, स्काई डाइविंग करते है और सर्फिंग भी करते है।
स्कुल लाइफ और सघर्ष------
उनके माता-पिता ने उन्हें काफी प्रेरित किया। विकलांग स्कूल भेजने के बजाये उन्होंने निक को एक सार्वजनकि स्कूल में भेजा। निक कहते हैं जीवन में जिनसे लोग भी मिले, चाहें वो दोस्त हो, रिश्तेदार हो या सहकर्मी हो, उन सभी ने उन्हें काफी प्रेरित किया।
मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया में जब वे बड़े हो रहे थे, निक ने मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक रूप से बहुत संघर्ष किया। स्कूल में उन्हें दूसरे बच्चों द्वारा परेशान किया जाता था। इन सब बातों से दुखी होकर उन्होंने आत्महत्या का प्रयास किया जब वह सिर्फ 10 साल का थे । लेकिन अपने परिवार के प्यार के कारण वे ऐसा नहीं कर पाए।
Miracle in life:---------
निक का पहले ये सोचना कि मैं जीने के काबिल नहीं हूँ----
यह सब मुझे बुरा लगता था। मैं भगवान से नफरत करता था क्योंकि उन्होंने मेरे साथ ऐसा किया। मैं सोचता था कि मेरा क्या होगा जब मेरे माता-पिता मेरी देखभाल करने के लिए नहीं रहेंगे ।
जब मैं 13 साल का था तो मैंने एक विकलांग व्यक्ति के बारे में एक अखबार का लेख पढ़ा था जिसने अपनी विकलांगता से ऊपर उठ कर अच्छी चीजों को हासिल किया और साथ ही दूसरों की मदद करने करता था।
तब मुझे एहसास हुआ कि भगवान ने हमें ऐसा क्यों बनाया है – दूसरों को आशा देने के लिए कि वे भी अच्छा जीवन जी सकते है। यह मेरे लिए इतना प्रेरणादायक था कि मैंने अपने जीवन का उपयोग अन्य लोगों को प्रोत्साहित करने और उन्हें वह साहस देने के लिए किया, जो उस अखबार के लेख ने मुझे दिया था।
जब निक 17 साल के थे और हाई स्कूल में पढ़ते थे तो अक्सर वो वहां के चौकीदार से बात किया करते थे। चौकीदार जब उनकी बात सुनता तो बहुत प्रभावित होता। एक दिन चौकीदार ने निक को बताया की आप एक वक्ता बनने जा रहे हैं। चौकीदार की इस बात ने निक का जीवन हमेशा के लिए बदल दिया। निक ने फैसला किया की वो अपनी कहानी से दूसरे लोगो को प्रोत्साहित करेंगे।
निक ने कुछ दोस्तों की मदद से यह खबर फैला दी की निक भाषण देंगे। निक ने छह छात्रों के सामने अपना पहला भाषण दिया। वो छह छात्र बहुत प्रभावित हुए वो उनके फैन बन गए। धीरे धीरे उनके प्रशंसकों की संख्या बढ़ गई। निक ने एक नॉन प्रॉफिट संगठन ‘लाइफ विदाउट लिम्ब्स’ की स्थापना की। जिसमे वह अपनी कहानी से लोगो को मोटीवेट करते थे और उन लोगों के खिलाफ अभियान चलाने थे जो दूसरों लोगों के साथ गुंडागर्दी करते थे।
जन्म के समय उनके पैर की अंगुलियाँ चिपकी हुए थी जिन्हें अलग करने के लिए एक ऑपरेशन किया गया था ताकि वह उन्हें किसी चीज़ को पकड़ सके।
आज वे उन अंगुलियों से टाइप कर सकते है, उनसे चीजों को उठा सकते है और गेंद को किक भी कर सकते है।
क्या आप विश्वास कर सकते है कि बिना हाथ पैर के निक पेंटिंग कर सकते है और साथ ही वे तैर सकते है, स्काई डाइविंग करते है और सर्फिंग भी करते है।
स्कुल लाइफ और सघर्ष------
उनके माता-पिता ने उन्हें काफी प्रेरित किया। विकलांग स्कूल भेजने के बजाये उन्होंने निक को एक सार्वजनकि स्कूल में भेजा। निक कहते हैं जीवन में जिनसे लोग भी मिले, चाहें वो दोस्त हो, रिश्तेदार हो या सहकर्मी हो, उन सभी ने उन्हें काफी प्रेरित किया।
मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया में जब वे बड़े हो रहे थे, निक ने मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक रूप से बहुत संघर्ष किया। स्कूल में उन्हें दूसरे बच्चों द्वारा परेशान किया जाता था। इन सब बातों से दुखी होकर उन्होंने आत्महत्या का प्रयास किया जब वह सिर्फ 10 साल का थे । लेकिन अपने परिवार के प्यार के कारण वे ऐसा नहीं कर पाए।
Miracle in life:---------
निक का पहले ये सोचना कि मैं जीने के काबिल नहीं हूँ----
यह सब मुझे बुरा लगता था। मैं भगवान से नफरत करता था क्योंकि उन्होंने मेरे साथ ऐसा किया। मैं सोचता था कि मेरा क्या होगा जब मेरे माता-पिता मेरी देखभाल करने के लिए नहीं रहेंगे ।
जब मैं 13 साल का था तो मैंने एक विकलांग व्यक्ति के बारे में एक अखबार का लेख पढ़ा था जिसने अपनी विकलांगता से ऊपर उठ कर अच्छी चीजों को हासिल किया और साथ ही दूसरों की मदद करने करता था।
तब मुझे एहसास हुआ कि भगवान ने हमें ऐसा क्यों बनाया है – दूसरों को आशा देने के लिए कि वे भी अच्छा जीवन जी सकते है। यह मेरे लिए इतना प्रेरणादायक था कि मैंने अपने जीवन का उपयोग अन्य लोगों को प्रोत्साहित करने और उन्हें वह साहस देने के लिए किया, जो उस अखबार के लेख ने मुझे दिया था।
जब निक 17 साल के थे और हाई स्कूल में पढ़ते थे तो अक्सर वो वहां के चौकीदार से बात किया करते थे। चौकीदार जब उनकी बात सुनता तो बहुत प्रभावित होता। एक दिन चौकीदार ने निक को बताया की आप एक वक्ता बनने जा रहे हैं। चौकीदार की इस बात ने निक का जीवन हमेशा के लिए बदल दिया। निक ने फैसला किया की वो अपनी कहानी से दूसरे लोगो को प्रोत्साहित करेंगे।
निक ने कुछ दोस्तों की मदद से यह खबर फैला दी की निक भाषण देंगे। निक ने छह छात्रों के सामने अपना पहला भाषण दिया। वो छह छात्र बहुत प्रभावित हुए वो उनके फैन बन गए। धीरे धीरे उनके प्रशंसकों की संख्या बढ़ गई। निक ने एक नॉन प्रॉफिट संगठन ‘लाइफ विदाउट लिम्ब्स’ की स्थापना की। जिसमे वह अपनी कहानी से लोगो को मोटीवेट करते थे और उन लोगों के खिलाफ अभियान चलाने थे जो दूसरों लोगों के साथ गुंडागर्दी करते थे।
सन 2008 में निक की मुलाकात एक लड़की से हुई जो उनकी मोटिवेशनल स्पीच से बहुत प्रभावित हुई। दोनों में प्यार हुआ और उन्होंने चार साल बाद शादी कर ली। आज निक व्युजेसिक चार बच्चों का पिता है और अपनी लाइफ में बहुत खुश हैं।
17 साल की उम्र में अपने पहले भाषण से लेकर अब तक निक लगभग पुरे वर्ल्ड की यात्रा कर चुके हैं। आज निक सबसे ज्यादा डिमांडिंग स्पीकर हैं। निक विज्ञापन, फिल्मो में भी अपना अभिनय दिखा चुके हैं। आज निक के पूरे वर्ल्ड में करोड़ों प्रशंसक हैं। युवाओं के आइडल हैं। निक अपने खाली समय में पेंटिंग, स्विमिंग, स्काइडाइविंग भी करते हैं। निक आज सक्सेसफुल राइटर भी हैं। उनकी पहली बुक को 30 भाषाओं में अनुवाद किया गया है।
17 साल की उम्र में अपने पहले भाषण से लेकर अब तक निक लगभग पुरे वर्ल्ड की यात्रा कर चुके हैं। आज निक सबसे ज्यादा डिमांडिंग स्पीकर हैं। निक विज्ञापन, फिल्मो में भी अपना अभिनय दिखा चुके हैं। आज निक के पूरे वर्ल्ड में करोड़ों प्रशंसक हैं। युवाओं के आइडल हैं। निक अपने खाली समय में पेंटिंग, स्विमिंग, स्काइडाइविंग भी करते हैं। निक आज सक्सेसफुल राइटर भी हैं। उनकी पहली बुक को 30 भाषाओं में अनुवाद किया गया है।
हम सब लोग छोटी छोटी बातों और समस्या से हिम्मत हार जाते हैं, वही निक की कहानी हमें जीने के लिए हर बुरी परिस्थिति में जीना सिखाती है। इनसान चाहे तो कुछ भी कर सकता है।
ऊपर वाला अगर एक दरवाजा बन्द करता है तो दुसरा दरवाज़ा खोलता भी है। किसी भी काम को लेकर
कभी भी उम्मीद न छोड़ें अपने आप पर और खुदा पर भरोसा रखें ।
मोटिवेशनल स्पीकर:-----
आज निक बिज़नेस ग्रुप्स, स्कूली बच्चों और अन्य व्यक्तियों को मोटिवेशनल स्पीच देने के लिए दुनिया भर की यात्रा करते हैं। उन्होंने 50 से अधिक देशों का दौरा किया है।
2008 में उन्होंने अपना पहला टीवी इंटरव्यू किया और तब से और उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
9 मार्च 2002 में, वह कैलिफोर्निया, USA चले गए।12 फरवरी, 2012 को शादी की। आज इस दंपति के चार बच्चे हैं और South California, USA में रहते हैं।
अगर निक जैसा व्यक्ति, जिसके साथ पास न हाथ है न पैर,
अगर वो वयक्ति जीवन अपने सपने पूरे कर सकता है फिर आप कयू नही। इस कहानी को पढकर आपको भी अपने जीवन में आगे बढने की प्रेरणा लेनी चाहिए।
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