तांबे के बर्तन से पानी पीने के फायदे | तांबे के बर्तन कैसे प्रयोग करें | तांबे की तासीर कैसी होती है |

Tittle- तांबे के बर्तन में पानी पीने के फायदे-पुराने समय से आयुर्वेद में तांबे के बर्तनों का प्रयोग करना सेहत के लिहाज से बहुत ही प्रभावकारी और रोगों से बचने के लिए बहुत उत्तम माना गया है। आज भी कुछ लोग ज्यादातर पानी पीने के लिए तांबे के बर्तन का प्रयोग करते हैं । अगर आप भी इसके फायदे के बारे में सुना है या जानना चाहते हैं, तो आज हम आपको बताएंगे कि तांबे के बर्तन में पानी पीने से कितने गुण और अनेक फायदे होते हैं। ये पानी पिने से बहुत सारी बीमारियों से निजात दिलाते हैं। 
आइए जानते हैं विस्तार से तांबे के बर्तन में पानी पीने और खाने के क्या-क्या फायदे हैं।


बीपी के लिए रामबाण-
तांबे के  बर्तन का पानी हाई बीपी को कंट्रोल करता है।
आयुर्वेद के अनुसार तांबे के बर्तन में रखें पानी दिल को स्वस्थ रखने के साथ-साथ ब्लड प्रेशर को  कन्ट्रोल करके कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है।

 दर्द और सूजन को कम करता है 
तांबे में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं जो शरीर में दर्द और सूजन की समस्या को दूर करते हैं। ऑर्थराइटिस की समस्या से निपटने में भी तांबे का पानी कारगर माना जाता है।
पुराने समय में लोग बैक्टीरिया और वायरस को नष्ट करने के लिए नदियों, झीलों, तालाबों और कुओं में तांबे के सिक्के फेंकते थे, लेकिन आज की पीढ़ी इसके वास्तविक अर्थ को जाने बिना ही सिक्के फेंक देते है।
आयुर्वेद के अनुसार, तांबे के बर्तन में रखा गया पानी इसमें पैदा होने वाले बैक्टीरिया को खत्म करके पानी को पूरी तरह से शुद्ध कर देता है।

इम्नूयटी को बढाता है-

कॉपर हमारी क्षमता को मजबूत करता है और नई कोशिकाओं के उत्पादन में सहायता करता है. इससे शरीर में घावों को तेजी से भरने में मदद मिलती है।

इन्फैकसन को खत्म करता है -

तांबे में एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं जो कई तरह के इंफेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं।

मोटापा को कम करता है-

 अगर आप मोटापा कम करने की सोच रहे हैं तो तांबे के बर्तन में रखा पानी एक अच्छा ऑप्शन है। इसका नियमित सेवन करने से शरीर की अतिरिक्त चर्बी को नियंत्रित किया जा सकता है।

पाचन क्रिया मे सुधार करता है-
तांबे के बर्तन में रखे पानी पिने से नियमित रूप से उपयोग करने से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है जिससे पेट दर्द, गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्या से निजात मिल सकती है।

त्वचा रोगों से बचाता है-
तांबें में एंटी-एजिंग गुण पाए जाते हैं. इसमें रखे पानी पीने से त्वचा संबंधी समस्याएं दूर होती हैं और त्वचा और चेहरे पर चमक आती है।

जोडो का दर्द ठीक करता है-

तांबे में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज़ दर्द से राहत दिलाती है, इसलिए  अर्थराइटिस और जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों को जरूर पीना चाहिए। इसके साथ ही तांबा हड्डियों और रोग प्रतिरोध प्रतिरोधक क्षमता  को भी स्ट्रॉंग बनाता है।

दिमाग के लिए फायदेमंद-
मस्तिष्क को उत्तेजित कर उसे सक्रिय बनाए रखने में तांबे का पानी बहुत सहायक होता है। इसके प्रयोग से स्मरणशक्ति मजबूत होती है और दिमाग तेज होता है।

कैंसर से बचाव करता है-

इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट कैंसर से लड़ने की क्षमता में वृद्धि‍ करते हैं। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार तांबे कैंसर की शुरुआत को रोकने में मदद करता है और इसमें कैंसर विरोधी तत्व मौजूद होते है।

 एनीमिया की कमी को दुर करता है -

एनीमिया (खुन की कमी) की समस्या होने पर तांबे में रखा पानी काफी लाभदायक होता है। यह भोज्य पदार्थों से आयरन को आसानी से सोख लेता है। जो एनीमिया से निपटने के लिए बेहद जरूरी है। 

 कैसे करे प्रयोग-
आयुर्वेद ही नहीं, विज्ञान ने भी तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना लाभकारी बताया है। इस पानी का पूरी तरह से लाभ तभी मिलता है, जब तांबे के बरतन में कम से कम 8 घंटे तक पानी रखा जाए। इसलिए लोग रात को तांबे के बर्तन में पानी भरकर सोते हैं, जिससे सुबह उठकर सबसे पहले इस पानी का सेवन करते है । 

 तांबे के बर्तन के पानी पिने   नियम -

तांबे का बर्तन पानी को चार्ज करने का काम करता है। इससे बर्तन के सारे गुण पानी में आ जाते हैं। इसलिए इस पानी को चार्ज्ड वॉटर माना जाता है। जब भी कोई वस्तु चार्ज की जाती है तो उसे धरती की ऊर्जा से बचाने के लिए जमीन पर नहीं रखा जाता। यही नियम इसमें भी लागू होता है। जब भी पानी तांबे के बर्तन में रखें तो उसे जमीन पर न रखें।  उसे लकड़ी के पाटे या मेज पर रखें।
 
कितनी देर रखे-

ताबे के  बर्तन  में रखे पानी का पूरा फायदा लेने के लिए 8-12 घंटे तक इसे तांबे के साफ बर्तन में रखें। 12 घंटे से ज्यादा किसी हाल में न रखें वर्ना पानी कसैला हो जाता है। वो नुकसान भी कर सकता है।
  
तांबे के बर्तन में कया न खाये -

पानी के अलावा खाने पीने की कोई भी सामग्री तांबे के बर्तन में डालकर प्रयोग न करें। खासकर दूध और से बनी चीजें और खट्टी चीजें भुलकर भी प्रयोग न करें।    ऐसा करने से ये विषाक्त हो सकती हैं। इससे फूड पॉयजनिंग भी हो सकती है।
अगर आप भी तांबे के बर्तन का प्रयोग करके आप अपनी छोटी छोटी समस्याओं को घर पर ही ठीक कर सकते हो। अगर आपको मेरा यह लेख अच्छा लगा हो तो प्लीज अपने चाहने वाले और दोस्तों को जरूर शेयर करें।



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